पूरी घटना देवरिया गौरी बाजार थाना क्षेत्र की है। 60 वर्षीय ईश मोहम्मद ने शनिवार (7 जून 2025) को बकरीद के मौके पर एक सुसाइड नोट लिखने के बाद अपना गला रेत लिया। घर के बाहर बनी झोपड़ी से उसके तड़पने की आवाज सुन कर परिवार वाले आए तो उन्होंने देखा कि झोपड़ी में चारो तरफ खून बिखरा था और ईश मोहम्मद दर्द से तड़प रहा था। आनन – फानन में उसे गोरखपुर मेडिकल ले जाया गया, जहाँ उसने दम तोड़ दिया।
ईश मोहम्मद ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था। नोट में उसने लिखा है, ”इंसान बकरे को बेटे की तरह पोसकर कुर्बानी करता है। वो भी जीव हैं। कुर्बानी करनी चाहिए। मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह के रसूल के नाम से कर रहा हूं। किसी ने मेरा कत्ल नहीं किया है। सुकून से मिट्टी देना। किसी से डरना नहीं है।”
उत्तर प्रदेश – जिला देवरिया में बकरीद पर 60 वर्षीय ईश मोहम्मद ने अपनी कुर्बानी दे दी। गला काटकर जान दे दी।
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) June 7, 2025
सुसाइड नोट में लिखा– "इंसान बकरे को अपने बेटे की तरह पोसकर कुर्बानी करता है। वो भी जीव है, कुर्बानी करना चाहिए। मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह के रसूल के नाम से कर रहा हूं" pic.twitter.com/JsX2TLUxow
परिवार वालों का कहना है कि ईश मोहम्मद एक मजहबी इंसान था। सुबह बकरीद के मौके पर वह ईद-उल-अजहा की नमाज पढ़कर घर आया था। घर आने के बाद वह बाहर बनी झोपड़ी में चला गया था। उसकी कराह सुनकर घर वाले अंदर पहुँचे तो देखा कि उसने अपना गला रेत लिया है। वहीं मृतक की पत्नी हाजरा खातून ने बताया कि उनके पति पर भूत-प्रेत का साया था और वे अक्सर आज़मगढ़ की दरगाह जाया करते थे। तीन दिन पहले ही दरगाह से लौटा था। इसके बाद ये घटना हुई।
अब इस मामले पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, “इस्लाम की रोशनी में खुद की कुर्बानी देना बिल्कुल नाजायज है। इस्लाम इस तरह की कुर्बानी की इजाजत नहीं देता है। अल्लाह ने इंसान को बनाया है, वो इंसान की कुर्बानी नहीं चाहता है।”