जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल ने अंतिम समय में भी आतंकियों से लोहा लिया था। हालाँकि, अकेले होने के कारण आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी। विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने घरवालों को फोन पर बताया था कि उनके पति विनय आतंकियों से लड़ते हुए बलिदान हुए हैं।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। विचलित करने वाली इस तस्वीर में दिखाई दे रहा है कि बैसरन में मौजूद घास के मैदान में एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है। वह शव भारतीय नौसेना (नेवी) के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का था। पास में ही पत्नी हिमांशी गुमसुम बैठी है। दोनों की 16 अप्रैल 2025 को शादी हुई थी और 21 अप्रैल हनीमून मनाने जम्मू-कश्मीर आए थे।

हिमांशी का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कहती हुई नजर आ रही हैं, “हम लोग भेलपुरी खाने लगे, तभी आतंकी आ गए और कहा कि मुस्लिम हो। हमने नहीं कहा तो गोली मार दी।” हिमांशी ने अपने घरवालों को फोन करके बताया था कि विनय ने हमले के दौरान दो आतंकियों को दबोच लिया था, लेकिन एक आतंकी ने जैसे-तैसे खुद को छुड़ा लिया और विनय के सिर में गोली मार दी।
हिमांशी ने परिजनों को बताया कि वे लोग होटल से घूमने के लिए निकले थे। पहलगाम की वादियों की सैर के दौरान एक जगह कुछ लोग नजर आए। आतंकियों ने वहाँ आते ही अपने-अपने हथियार निकाल लिए। इससे सारे लोग डर गए। इसके बाद आतंकियों ने लोगों से उनका नाम और धर्म पूछकर गोली मारनी शुरू कर दी।
Vinay Narwal की पत्नी हिमांशी नरवाल कह रही है कि आतंकी ने कहा ये मुस्लिम नहीं है इसलिए गोली मार दी। मगर स्वघोषित जातीय ठेकेदार @JAT_SAMAAJ भाईजान का कहना है कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं।
— Kshitiz Bhardwaj (@kshitizreal) April 23, 2025
ज्यादा हिन्दू मुस्लिम करना हमें भी अच्छा नहीं लगता, बस सच को सच बोलते समय टांगे नहीं कांपती हमारी https://t.co/2bEXncUmN7 pic.twitter.com/x4JsEwWJ5Y
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को दोपहर करीब ढाई बजे आतंकियों ने पहलगाम के बैसरन घाटी इलाके में 28 पर्यटकों की हत्या कर दी। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है। आतंकी हमले के बाद देश भर में ग़म का माहौल है। भारत ने साफ कहा है कि वह अपराधियों को किसी हाल में नहीं बख्शेगा।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला उस क्षेत्र में हुआ, जिसे अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है। यह इलाका पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस घटना ने न केवल पीड़ित परिवारों को गहरा शोक पहुँचाया है, बल्कि पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। इस घटना ने कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर भी एक गहरा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।