Friday, July 4, 2025
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भारत सरकार ने वक्फ कानून से जुड़े दिशानिर्देश किए जारी, अब खास पोर्टल और डाटाबेस में दर्ज होंगी सभी प्रॉपर्टीज: जानें- इसके मायने क्या और ये कैसे करेगा काम

वक्फ संपत्तियों का रिकॉर्ड सेंट्रल वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम (CWMS) नामक ऑनलाइन पोर्टल पर होगा। इस पोर्टल पर संपत्ति, अतिक्रमण, विकास और वित्तीय डेटा पारदर्शी तरीके से उपलब्ध होगा। हर वक्फ और संपत्ति को यूनिक ID मिलेगा, जिससे निगरानी में आसान होगी।

केंद्र सरकार ने गुरुवार (3 जुलाई 2025) को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के तहत नए वक्फ नियम 2025 लागू किए। इसे एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास नियम – 2025 (Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development Rules, 2025) कहा जा रहा है। ये नियम हाल ही में लागू वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के तहत बनाए गए हैं, जो 8 अप्रैल 2025 से लागू हुआ था।

इस कदम का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी, उत्तरदायी और आधुनिक तकनीक से युक्त बनाना है। यह पहली बार है जब देशभर की वक्फ संपत्तियों को एक केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल पर लाने का प्रयास किया जा रहा है।

इस नए नियम के अंतर्गत एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म केंद्रीय वक्फ प्रबंधन प्रणाली (Central Waqf Management System – CWMS)  बनाया गया है। इसमें वक्फ संपत्तियों और उनके अतिक्रमण, विकास योजनाओं और वित्तीय जानकारी को डिजिटल रूप से दर्ज किया जाएगा। यह पोर्टल अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में वक्फ विभाग के संयुक्त सचिव के अधीन कार्य करेगा।

हर वक्फ संपत्ति को एक विशेष पहचान संख्या (ID) दी जाएगी जिससे उनकी निगरानी और भविष्य में निर्देश लेना आसान होगा। अब राज्य वक्फ बोर्डों की फाइलों में सीमित जानकारी की जगह सारी जानकारी सार्वजनिक पोर्टल पर मौजूद रहेगी।

नियमों के अनुसार, हर राज्य सरकार को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा जिसकी रैंक कम से कम संयुक्त सचिव के बराबर हो। साथ ही, एक केंद्रीय सहायता इकाई बनाई जाएगी जो वक्फ की जानकारी, पंजीकरण, अकाउंट मैन्ट्नन्स, ऑडिट और अन्य कार्यों को सुचारू रूप से कराने में मदद करेगी।

सभी मुतवल्लियों (वक्फ संपत्तियों के प्रबंधकों) को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। उन्हें मोबाइल और ईमेल के जरिए ओटीपी द्वारा प्रमाणित किया जाएगा। इसके बाद वों सभी अपनी वक्फ संपत्तियों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करा सकेंगे और नियमित वित्तीय व प्रशासनिक रिपोर्ट वक्फ बोर्ड को देनी होगी।

नए नियमों में वक्फ संपत्तियों का समय पर पंजीकरण, जियो टैगिंग और डिजिटल मैपिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। इससे अपंजीकृत और सीमा-विवादित संपत्तियों की पहचान की जा सकेगी। हर वक्फ बोर्ड को समय-समय पर ऑडिट रिपोर्ट जमा करना होगा और देरी की स्थिति में कार्रवाई की जा सकती है।

एक तय किए गए प्रारूप में अकाउंट मैन्ट्नन्स की व्यवस्था की गई है जिससे पारदर्शिता और एकरूपता सुनिश्चित हो सके। अतिक्रमित वक्फ संपत्तियों की सूची अब सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी जिसमें उनकी कानूनी स्थिति और पुनः प्राप्ति की जानकारी भी होगी।

इससे वक्फ बोर्डों पर दबाव रहेगा कि वे समय पर कार्रवाई करें और अतिक्रमण पर सख्ती दिखाएँ। यह व्यवस्था आम जनता को सूचनाएँ उपलब्ध कराने का काम भी करेगी। इसके अलावा, विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों को वक्फ से सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया को स्पष्ट किया गया है। अकाउंटिंग, ऑडिट, रजिस्टर संधारण आदि के तरीके भी नियमों में शामिल किए गए हैं।

सरकार का कहना है कि यह पहल वक्फ संपत्तियों की गड़बड़ियों, अतिक्रमण और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जरूरी थी, जिसे कई बार संसद और ऑडिट रिपोर्टों में उजागर किया गया था।

हालाँकि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर कई याचिकाएँ सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, जिनमें वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेताओं समेत कई याचिकाकर्ताओं ने इसकी वैधता पर सवाल उठाए हैं। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा है।

यह विषय आगामी मानसून सत्र में संसद में भी चर्चा का केंद्र रह सकता है। सरकार का कहना है कि ये नियम मजहबी और सामाजिक संपत्तियों को समाज के ज़रूरतमंद तबकों के हित में उपयोग में लाने की दिशा में एक अहम और निर्णायक पहल हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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