जहाँ एक तरफ पूरे देश की जनता कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के सच्चे इतिहास पर बनी फिल्म ‘The Kashmir Files’ को देख कर बर्बर इस्लामी इतिहास से परिचित हो रही है, वहीं दूसरी तरफ ‘आम आदमी पार्टी (AAP)’ के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने इसे एक ‘झूठी पिक्चर’ बताते हुए दिल्ली में फिल्म को टैक्स फ्री करने से इनकार कर दिया ये दिल्ली के मुख्यमंत्री के हिन्दू विरोधी रवैया को दिखाता है। जिस तरह वो और उनकी पार्टी के नेता हिन्दुओं के नरसंहार पर ठहाके लगाते हुए देखे गए, वो उनकी संवेदनहीनता को दर्शाता है।
अरविंद केजरीवाल ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर लगाव ठहाके
अरविंद केजरीवाल ने इस भाषण में कहा था, “निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को इतना ही शौक है तो बोलो यूट्यूब पर डाल देगा, वहाँ सब कुछ फ्री है और सारे लोग देख लेंगे एक ही दिन के अंदर। टैक्स फ्री कराने की ज़रूरत ही क्या है?” AAP विधायकों ने अपनी पार्टी के सुप्रीमो के इस बयान का स्वागत करते हुए विधानसभा में मेज थपथपाए। केजरीवाल सहित AAP विधायक ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर ठहाके लगाते हुए देखे गए।
Arvind Kejriwal is second only to WhatsApp in spreading lies.
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) March 28, 2022
Here on @TimesNow with @navikakumar I expose all his shameful lies on the Kashmiri Hindu issue. #KejriwalKashmirFilesRowpic.twitter.com/ASB9vD9O7u
हालाँकि, उनका ये हिन्दू विरोधी या देश विरोधी रवैया नया नहीं है। अब तो उनके इस बयान के सामने आने के बाद कश्मीरी शरणार्थियों ने भी उनकी पोल खोल दी है। उन्होंने 233 कश्मीरी पंडितों को नौकरी देने का दावा किया था। लेकिन, ‘गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन (माइग्रेंट)’ ने बताया है कि कैसे इन शिक्षकों के खिलाफ उन्होंने दिल्ली उच्च-न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी। प्रवासी शिक्षक संघ ने उनके बयान को झूठा बताया। इससे साफ़ है कि वो इससे पहले भी कश्मीरी पंडितों के खिलाफ ही रहे हैं।
भारतीय सेना से माँग चुके हैं सबूत, देश के जवानों की करते रहे हैं बेइज्जती
अरविंद केजरीवाल के राष्ट्र विरोधी रवैये की भी बात कर लेते हैं अब जरा। क्या आपको ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ याद है? उस समय भारत की सेना ने ‘पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK)’ में घुस कर आतंकियों के ठिकाने तबाह किए थे और कई दहशतगर्दों को मौत के घाट उतार दिया था। उरी हमले के बाद हुई इस कार्रवाई के बाद देश जहाँ अपने जवानों की पीठ थपथपा रहा था, अरविंद केजरीवाल भारतीय सेना से सबूत माँग रहे थे।
याद कीजिए कि अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से सितंबर 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो को जारी करने की माँग की थी और कहा था कि विदेशी मीडिया पाकिस्तान के दावे को सही ठहरा रही है। उन्होंने ये तक दावा कर दिया था कि इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की जगह भारत ही अलग-थलग पड़ रहा है। अपने वीडियो संदेश में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था, “ऐसी खबरों को देखकर मेरा खून खौल रहा है।”
इतना ही नहीं, अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2016 में हुए बालाकोट एयर स्ट्राइक को लेकर भी राजनीति की थी। पुलवामा हमले के बाद हुई भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई को लेकर उन्होंने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर झूठ बोलने का आरोप लगा दिया था। जब अमित शाह ने उस कार्रवाई में 250 आतंकियों के मारे जाने की बात कही, तब केजरीवाल ने उन पर झूठ बोलने का आरोप लगा दिया। उलटा उन्होंने भाजपा पर ही सेना को झूठा बोलने के आरोप लगा दिए थे।
उन्होंने मोदी सरकार पर पाकिस्तान समर्थित होने का आरोप लगा दिया था। ये भी याद कीजिए कि 2021 के स्वतंत्रता दिवस समारोह में जब लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के जवानों के लिए, खिलाड़ियों के लिए, सुरक्षाकर्मियों के लिए ताली बजवा रहे थे, उस समय वहाँ बैठे सब लोग तालियाँ बजाकर सम्मान दे रहे थे, लेकिन केजरीवाल को हाथ बाँधे देखा गया था। ऐसी हरकतों पर भला लोग उन्हें क्यों न देश विरोधी कहें?
हिन्दू देवी-देवताओं और प्रतीक चिह्नों का भी अपमान कर चुके हैं दिल्ली के CM
अब अरविंद केजरीवाल के हिन्दू विरोध का आलम देखिए कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले हनुमान मंदिर में दर्शन करने और हनुमान चालीसा पढ़ने वाले अरविंद केजरीवाल कभी भगवान हनुमान का भी अपमान कर चुके हैं। उन्होंने साथ-साथ स्वस्तिक का भी अपमान किया था। उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिसमें एक प्रतीकात्मक चित्र में झाड़ू लिया हुआ व्यक्ति ‘स्वस्तिक’ चिह्न को खदेड़ कर भगा रहा है। हिन्दू संस्कृति में मांगलिक कार्यों में प्रयोग होने वाले स्वस्तिक का इस तरह से अपमान कर के वो किस तरह की राजनीति करना चाहते थे?
इसी तरह उन्होंने हनुमान जी का अपमान करते हुए उन्हें ‘दंगाई’ के रूप में चित्रित किया था। उन्होंने रामायण में वर्णित लंका दहन की दर्ज पर एक कार्टून शेयर किया था, जिसमें पूँछ वाला एक व्यक्ति आग लगा कर आ रहा है और पीएम मोदी से कह रहा है कि काम हो गया, अब सबका ध्यान JNU पर ही हैं। इसके साथ-साथ उन्होंने ‘Make In India’ का भी मजाक बनाया था, जिसे भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए लाया गया था।
इसी तरह राजनीति के लिए अयोध्या का दौरा करने वाले अरविंद केजरीवाल ने अपनी नानी की बात करते हुए कभी राम मंदिर का भी अपमान किया था। अरविंद केजरीवाल ने एक रैली में कहा था, “जब बाबरी मंदिर का ध्वंस हुआ तब मैंने अपनी नानी से पूछा कि नानी आप तो अब बहुत खुश होंगी? अब तो आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा। नानी ने जवाब दिया – ना बेटा, मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़ कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता।”
हिन्दू धर्म-ग्रंथों को लेकर झूठ, हिन्दू प्रव-त्योहारों से भी AAP को दिक्कत
अरविंद केजरीवाल सिर्फ हिन्दू देवी-देवताओं और प्रतीक चिह्नों तक ही सीमित नहीं रहे, उन्होंने हमारे धर्म-ग्रंथों को लेकर भी झूठी बातें की हैं। उन्होंने कहा था, “गीता में लिखा है कि एक सच्चा हिन्दू बहादुर होता है वो कभी मैदान छोड़कर भागता नहीं। मैंने अमित शाह को खुली बहस की चुनौती दी लेकिन वो मैदान छोड़कर भाग गए।” जबकि भगवद्गीता में ऐसा कोई श्लोक है ही नहीं। वहीं उसी दौरान असम में पीएम मोदी ने गीता के सही श्लोक का जिक्र कर के लोगों को अपने धर्म-ग्रंथों की बातों से परिचित कराया था।
दीवाली में पटाखे को प्रतिबंधित करना हो या लोक आस्था के महापर्व छठ पर बैन लगाना हो, अरविंद केजरीवाल इन सब में आगे रह कर हिन्दुओं को अपमानित करते रहे हैं। यमुना नदी की सफाई के नाम पर 2000 करोड़ रुपए कहाँ गए, ये आज तक किसी को पता नहीं चला। नवंबर 2021 में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने श्रद्धालुओं को यमुना नदी के घाट पर छठ पूजा करने से मना कर दिया और घाट पर बैरिकेडिंग कर दी गई।
भाजपा और उत्तर भारतीयों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के बाद अंततः उन्होंने आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर के छठ मनाने की अनुमति दी। 2020 में भी उन्होंने दिल्ली में दीवाली पर पटाखों को प्रतिबंधित किया था। दीवाली 2021 में भी उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह इस बार भी प्रदूषण की खतरनाक स्थिति देखते हुए प्रतिबंध लागू किया जा रहा है। कई छोटे पटाखा दुकानदारों को इसके नाम पर प्रताड़ित किया गया। दीवाली के दिन कई हिन्दू गिरफ्तार हुए। इस तरह केजरीवाल का हिन्दू विरोधी और देश विरोधी रवैया पुराना है।