Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिदूसरी लहर सँभल नहीं रही, ठाकरे सरकार कर रही तीसरी की तैयारी: महाराष्ट्र के...

दूसरी लहर सँभल नहीं रही, ठाकरे सरकार कर रही तीसरी की तैयारी: महाराष्ट्र के युवराज ने बताया सरकार का फ्यूचर प्लान

आदित्य ठाकरे के बयान पर आश्चर्य इसलिए भी होता है क्योंकि स्वयं उनके पिता और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी और यह अनुरोध किया था कि केंद्र सरकार Covid-19 को एक प्राकृतिक आपदा घोषित कर दे।

महाराष्ट्र के कैबिनेट मिनिस्टर और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा है कि राज्य में जल्दी ही कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि तीसरी लहर कितनी खतरनाक होगी अथवा दूसरी लहर की तुलना में उसकी स्थिति कैसी होगी, इसका अंदाजा लगाना फिलहाल मुश्किल है। आदित्य ठाकरे का यह बयान ऐसे समय आया है जब महाराष्ट्र पूरे देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है और दूसरी लहर में ही राज्य की अधिकांश स्वास्थ्य सुविधाएँ चरमरा गई हैं।

एनडीटीवी साॅल्यूशन समिट में चर्चा करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि हम कोरोनावायरस की तीसरी लहर के लिए तैयारी कर रहे हैं। उन्होनें आँकड़े देते हुए कहा कि राज्य में पाँच लाख बिस्तर तैयार हैं और उनमें से लगभग 70% बिस्तर ऑक्सीजन से युक्त हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम जो निर्णय ले रहे हैं वह टास्क फोर्स के सुझाव पर लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय मेडिकल फैक्ट्स और विज्ञान पर आधारित हैं न कि राजनीति पर।  

हालाँकि ठाकरे का यह बयान विरोधाभाषी नजर आता है क्योंकि उन्हीं की सरकार के मंत्री ऑक्सीजन की कमी का रोना रो चुके हैं और केन्द्र सरकार पर दोषारोपण भी कर चुके हैं। महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की कमी के हालातों देखते हुए उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी ने महाराष्ट्र की सहयता की पेशकश की है। रिलांयस की जामनगर रिफाइनरी से महाराष्ट्र को 100 टन ऑक्सीजन मुफ्त में दी जा रही है।

इसके अलावा महाराष्ट्र में कई ऐसे केस आए जहाँ संक्रमितों को ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। यदि आदित्य ठाकरे के अनुसार सरकार तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी कर रही है तो फिलहाल उसे अपने संसाधनों को दूसरी लहर की तबाही से राज्य को बचाने में लगाना चाहिए।

महाराष्ट्र में सरकारी अस्पतालों की हालत कितनी खराब है, यह किसी से छिपा नहीं है। महामारी की दूसरी लहर में पूरे राज्य में लोगों को अस्पतालों में बेड मिलना ​मुश्किल हो रहा है। महाराष्ट्र के एक ही परिवार के 3 लोगों को अस्पताल में बेड न मिलने पर अलग-अलग जगहों पर भर्ती कराना पड़ा था। इसके चलते अंतिम समय में भी परिवार के लोग एक-दूसरे को नहीं देख पाए।

आदित्य ठाकरे के बयान पर आश्चर्य इसलिए भी होता है क्योंकि स्वयं उनके पिता और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी और यह अनुरोध किया था कि केंद्र सरकार Covid-19 को एक प्राकृतिक आपदा घोषित कर दे।

कुछ दिनों पहले एक वीडियो सामने आया था जहाँ एक व्यक्ति अपने कोरोनावायरस से संक्रमित पिता को अस्पताल में भर्ती करने की मिन्नतें कर रहा था। वीडियो में उक्त व्यक्ति यह कहता हुआ पाया गया कि “या तो मेरे पिता को अस्पताल में बेड दीजिए, नहीं तो उन्हें कोई इंजेक्शन देकर मार डालिए।”  

प्रवासी मजदूरों के सवाल पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि राज्य में प्रवासी मजदूर बेहतर स्थिति में हैं जबकि सच तो यह है कि एक बार फिर से प्रवासी मजदूर राज्य छोड़ने के लिए मजबूर हैं और राज्य में 15 दिनों का कर्फ्यू लगने लगाए जाने के कारण मजदूर अपने घरों को लौटने के लिए मजबूर हैं। घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों ने महाराष्ट्र पुलिस पर वसूली का आरोप  भी लगाया है। यह बात भी सामने आ चुकी है कि BMC के अधिकारी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बाहरी देशों से आए लोगों को 7 दिन के अनिवार्य क्वारंटाइन में रखने की बजाय उनसे 10-12 हजार रुपए लेकर उन्हें एयरपोर्ट से निकलने में मदद कर रहे हैं।

महाराष्ट्र के अस्पतालों में न सिर्फ बेड्स, बल्कि वेंटिलेटर्स और ऑक्सीजन की भी भारी कमी है। दवाएँ नहीं मिल रहीं। ऑक्सीजन और मेडिकल सप्लाइज की उपलब्धता के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भारतीय सेना से मदद के लिए गुहार लगाई है। राज्य में ज़रूरी आवागमन को छोड़ कर बाकी सारी चीजें पहले ही प्रतिबंधित की जा चुकी है। प्रवासी मजदूर वापस लौट रहे हैं।

ऐसे में भी यदि महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे यह कह रहे हैं कि राज्य सरकार कोरोनावायरस की तीसरी लहर के लिए तैयारी कर रही है तो उन्हें पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।

पिछले 24 घंटों में महाराष्ट्र में 67,000 से अधिक संक्रमित मरीज सामने आए हैं। इसी दौरान लगभग 419 लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी है। राज्य में कुल मरीजों की संख्या 40 लाख के करीब पहुँच रही है और सक्रिय मरीज भी साढ़े छः लाख के लगभग हैं। ऐसे में महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र सरकार को यही सुझाव दिया जाना चाहिए कि फिलहाल कोरोनावायरस की तीसरी तीसरी लहर की प्रतीक्षा न करते हुए उन्हें अपने संसाधनों को दूसरी लहर से लड़ने में लगा देने चाहिए।  

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -