दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएँगे। वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी। 7 जनवरी, 2025 को चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग ने उन सभी सवालों के भी जवाब दिए जो हर चुनाव में विपक्ष की हार के बाद उठाए जाते हैं।
#DelhiDecides
— Election Commission of India (@ECISVEEP) January 7, 2025
Schedule for Single Phase #DelhiElections2025 & Bye-Elections.
🗓️Date of Poll : 05-02-2025
🗓️Date of Counting : 08-02-2025#ECI
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि मतदान से करीब 7-8 दिन पहले ईवीएम तैयार हो जाती है। इसके बाद मतगणना के दिन तक यह उम्मीदवारों की आँखों के सामने से एक बार भी ओझल नहीं होती। चुनाव आयोग इससे जुड़े हर चरण के बारे में राजनीतिक दलों के एजेंट और उम्मीदवारों को सूचित करता है।
ईवीएम को वायरस प्रूफ बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे छेड़छाड़ संभव नहीं है यह बात अदालत भी मान चुकी है। फिर भी नतीजों के बाद ईवीएम पर संदेह जताया जाता है। उन्होंने कहा कि ईवीएम की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और इसके जरिए बोगस वोटिंग नहीं हो सकती।
EVMs-undergo scrutiny at every stage! Commissioning जो की polling day से लगभग 7-8 दिन पहले होती है, से लेकर counting तक, EVM candidate की आँखों के सामने से एक बार भी ओझल नहीं होती:CEC Kumar
— Election Commission of India (@ECISVEEP) January 7, 2025
हर step पर political parties के agents, candidates को inform करते हैं
Details in image👇 pic.twitter.com/A9LiUvsDj0
आयोग ने 2020 में बिहार विधानसभा के हुए चुनावों से लेकर अब तक हुए 30 राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों के नतीजों को सामने रखते हुए बताया कि इनमें 15 अलग-अलग दल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे हैं। ऐसे में नतीजों के आधार पर चुनावी प्रक्रिया का आकलन नहीं किया जा सकता।
परिणाम के आधार पर प्रक्रिया क आकलन नहीं कर सकते
— Election Commission of India (@ECISVEEP) January 7, 2025
15 different parties emerged as the #SingleLargest across 30 States/UTs elections since Bihar state elections in 2020.#ECI pic.twitter.com/trKpUP8td7
शाम 5 बजे के बाद कैसे बढ़ गया मतदान का प्रतिशत?
पिछले साल लोकसभा चुनावों और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद विपक्ष ने मतदान के प्रतिशत को लेकर भी विवाद खड़ा किया था। विपक्ष ने शाम 5 बजे के मतदान के आँकड़े और आखिरी आँकड़ों में अंतर का हवाला दे गड़बड़ी का दावा किया था। चुनाव आयोग ने बताया है कि मतदान शाम 6 बजे तक होता है।
कई इलाकों या मतदान केंद्रों पर मतदान इसके बाद भी जारी रहती है। इसके बाद ईवीएम को सील कर स्ट्रॉन्ग रूम में पहुँचाया जाता है। इन सारे कार्यों को निपटाने के बाद डाटा जारी किया जाता है। स्वभाविक तौर पर शाम 5 बजे के आँकड़े से यह ज्यादा होता है।
पिछले दिनों दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वोटर लिस्ट से जानबूझकर लोगों का नाम काटने के आरोप लगाए थे। ऐसे आरोपों का जवाब देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वोटर लिस्ट पूरी प्रक्रिया से तैयार कराई जाती है। किसी का भी नाम बिना प्रक्रिया के नहीं कटवाया जा सकता है।
दिल्ली चुनाव का गणित
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि दिल्ली में 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 मतदाता हैं। इनमें 83 लाख 49 हजार 645 पुरुष और 71 लाख 73 हजार 952 महिला मतदाता हैं। थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 1261 है।
दिल्ली में मतदान के लिए 13033 पोलिंग बूथ बनाए जाएँगे। इनमें से 70 को महिला मतदान कर्मी संचालित करेंगी। हर बूथ पर औसतन 1191 वोटर्स होंगे। 85 वर्ष से अधिक आयु के लोग घर से वोट कर सकते हैं।
गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को लगातार दूसरी बार शानदार जीत मिली थी। पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीती थी। बीजेपी को 8 सीटें ही मिली थी। कॉन्ग्रेस का खाता भी नहीं खुला था। उससे पहले 2015 के चुनावों में भी कॉन्ग्रेस जीरो पर सिमट गई थी। उस चुनाव में आप को 67 और बीजेपी को केवल 3 सीटें मिली थी।