महाराष्ट्र सपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अबू आजमी द्वारा मुगल आक्रांता औरंगजेब का गुणगान एवं महिमामंडन करने पर विवाद हो गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाजवादी पार्टी आजमी को उत्तर प्रदेश भेजे, बाकी वे उनका उपचार करवा देंगे। वहीं, महाराष्ट्र के सत्ताधारी सदस्यों के भारी विरोध के बाद आजमी को पूरे बजट सत्र के लिए सदन से निष्कासित कर दिया गया है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उस व्यक्ति (अबू आजमी) को (समाजवादी) पार्टी से निकालिए और यूपी भेजिए। हम इलाज करेंगे। जो व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत पर शर्म महसूस करता है, गर्व करने के बजाय औरंगज़ेब को अपना आदर्श मानता है, क्या उसे हमारे देश में रहने का अधिकार है? समाजवादी पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए।”
उत्तर प्रदेश के विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, “एक तरफ़ आप (अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी) महाकुंभ को दोष देते रहते हैं, दूसरी तरफ़ आप औरंगज़ेब जैसे व्यक्ति की प्रशंसा करते हैं, जिसने देश के मंदिरों को नष्ट कर दिया। आप अपने उस विधायक को नियंत्रित क्यों नहीं कर सकते? आपने उसके बयान की निंदा क्यों नहीं की?”
#WATCH | Lucknow: On Samajwadi party MLA Abu Azmi's statement on Aurangzeb, which he later withdrew, UP CM Yogi Adityanath says, " Remove that person from (Samajwadi) party and send him to UP, we will do his treatment. The person who feels ashamed about the heritage of… pic.twitter.com/SHXClYoyaz
— ANI (@ANI) March 5, 2025
महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने मंगलवार (4 मार्च) को महाराष्ट्र के विधानसभा में अबू आजमी को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने तर्क दिया कि औरंगजेब की प्रशंसा करना मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान है। इसके बाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र 26 मार्च को समाप्त होगा।
वहीं, समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के विधायक अबू आजमी के बयान की निंदा करने के बजाय उनका बचाव किया है। महाराष्ट्र के विधानसभा से अबू आजमी के निलंबन के बाद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट करके कहा, “निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा?”
उत्तर प्रदेश के कन्नौज से लोकसभा सांसद अखिलेश यादव ने आगे कहा, “हमारे विधायक हों या सांसद, उनकी बेख़ौफ़ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की ज़ुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है। आज़ाद ख़्याल कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!”
निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। हमारे विधायक हों या सांसद उनकी बेख़ौफ़ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की ज़ुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 5, 2025
बता दें कि औरंगजेब पर दिए गए बयान को लेकर आजमी के खिलाफ महाराष्ट्र के ठाणे में केस भी दर्ज किया गया है। दरअसल, मुगल आक्रांता को लेकर आजमी ने कहा था, “मैं 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंगजेब को क्रूर, अत्याचारी या असहिष्णु शासक नहीं मानता। औरंगजेब के शासनकाल में हमारा जीडीपी (विश्व जीडीपी का) 24 प्रतिशत था और भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।”
समाजवादी पार्टी के विधायक आजमी ने कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल के दौरान भारत की सीमाएँ अफगानिस्तान और बर्मा (आज का म्यांमार) तक फैली हुई थीं। उन्होंने कहा कि इन दिनों फिल्मों के माध्यम से मुगल बादशाह की विकृत छवि बनाई जा रही है। अबू आजमी के इस बयान के बाद बवाल हो गया। बता दें कि हाल में ही औरंगजेब की क्रूरता पर छावा मूवी रिलीज हुई है।
आजमी के इस बयान पर महाराष्ट्र के दोनों सदनों में मंगलवार (4 मार्च) को आजमी के बयान को लेकर जमकर हंगामा हुआ। सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा, राकांपा (NCP) और एकनाथ शिंदे की गुट वाली शिवसेना के सदस्यों ने अबू आजमी को विधानसभा से निलंबित करने और उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की माँग की। इस हलचल को देखते हुए आज़मी ने अपने बयानों के लिए माफी माँग ली।
मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। औरंगज़ेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकरों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरषों के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है – लेकिन फिर भी मेरी इस बात से कोई… pic.twitter.com/k7PY0ICe3b
— Abu Asim Azmi (@abuasimazmi) March 4, 2025
सोशल मीडिया साइट X पर अबू आजमी ने लिखा, “मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। औरंगज़ेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है, जो इतिहासकरों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुषों के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है, फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूँ।”