Saturday, October 5, 2024
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UP में खाने-पीने की हर दुकान पर लिखना होगा नाम, कर्मचारियों का होगा पुलिस वेरिफिकेशन: योगी सरकार का आदेश, ‘थूक और मूत जिहाद’ पर छिड़ी हुई है बहस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य की जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ कोई भी खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। अब समय आ गया है कि राज्य में मिलावटखोरी और खाद्य सामग्री में गंदगी मिलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। हाल ही में हुई बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस क्रम में सभी रेस्तराँ और ढाबों के कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जूस, दाल और रोटी जैसी खाद्य सामग्रियों में मानव अपशिष्ट मिलाने की घटनाओं को अत्यंत वीभत्स बताया। बता दें कि हाल ही में सामने आए घटनाओं के बाद, जिसमें जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में थूक और पेशाब मिलाने के वीभत्स मामले सामने आए, सरकार ने तत्काल और सख्त कार्रवाई की दिशा में कदम उठाए हैं।

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस संदर्भ में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की, जिसमें मिलावटखोरों और खाद्य सामग्री में गंदगी मिलाने वालों के खिलाफ ठोस नीतियाँ बनाई गईं। इन नीतियों का उद्देश्य सिर्फ दंड देना नहीं है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाना है।

पुलिस वेरिफिकेशन और नाम डिस्प्ले अनिवार्य

योगी सरकार का सबसे बड़ा कदम यह है कि अब राज्य में सभी रेस्तराँ, ढाबों और खाने-पीने के प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति इन प्रतिष्ठानों में काम न कर सके, जिससे ग्राहकों की सुरक्षा और भरोसे को मजबूत किया जा सके। इसके अलावा, हर प्रतिष्ठान के मालिक और प्रबंधकों को अपने नाम और पते प्रमुखता से डिस्प्ले करने का निर्देश दिया गया है।

यह निर्देश इस बात को सुनिश्चित करेगा कि प्रतिष्ठान संचालकों की जिम्मेदारी बढ़ेगी और कोई भी अनियमितता या मिलावट की घटना होने पर उन्हें तुरंत पकड़ा जा सके। सरकार का यह कदम एक स्पष्ट संदेश देता है कि अब किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सीसीटीवी कैमरे और सफाई पर सख्त नज़र

सरकार ने हर रेस्तराँ और ढाबे में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश भी दिया है। यह केवल ग्राहकों की सुरक्षा के लिए नहीं है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए है कि खाने की तैयारियों में किसी भी प्रकार की अशुद्धता न हो। हर प्रतिष्ठान के हर कोने को सीसीटीवी से कवर किया जाएगा, ताकि खाद्य सामग्री की गुणवत्ता और साफ-सफाई पर नजर रखी जा सके। इसके अलावा, हर कर्मचारी को मास्क और ग्लव्स पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।

यह सुनिश्चित करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि कोई भी कर्मचारी, चाहे वह शेफ हो या वेटर, बिना उचित साफ-सफाई के भोजन को न छू सके। इस प्रकार के निर्देश यह स्पष्ट करते हैं कि अब ग्राहकों के स्वास्थ्य और भोजन की शुद्धता से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं किया जाएगा।

खाद्य सुरक्षा कानूनों में संशोधन

योगी सरकार सिर्फ दिशा-निर्देश जारी करने पर ही नहीं रुकी, बल्कि उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (Food Safety and Standards Act) में आवश्यकतानुसार संशोधन किए जाएं। इसका उद्देश्य नियमों को और सख्त बनाना है, ताकि भविष्य में कोई भी खाद्य सामग्री में मिलावट न कर सके।

साथ ही, इन नियमों के उल्लंघन पर तुरंत और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे प्रतिष्ठानों को सील करने के साथ ही उन पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा। सरकार का यह कदम पूरी तरह से जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

मिलावटखोरों में डर पैदा करना जरूरी

उत्तर प्रदेश सरकार का यह सख्त कदम उन मिलावटखोरों और धोखेबाजों के लिए एक कड़ा संदेश है जो खाद्य पदार्थों में गंदगी मिलाकर आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब राज्य में ऐसी किसी भी प्रकार की गतिविधि को सहन नहीं किया जाएगा। जो भी व्यक्ति या प्रतिष्ठान खाने-पीने की वस्तुओं में गंदगी मिलाने की कोशिश करेगा, उसे कानूनी रूप से भारी सजा दी जाएगी।

मिलावट करने वालों के खिलाफ अब सरकार ने ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई है। हाल ही में, जब कुछ घटनाओं में जूस में थूकने और खाने में अपशिष्ट मिलाने की घटनाएँ सामने आईं, तो सरकार ने तुरंत कार्रवाई की और दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए।

सुप्रीम कोर्ट में चुनौती का जवाब

सरकार के इस कदम के पहले भी जब कांवड़ यात्रा के दौरान इसी प्रकार के दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, तब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने उस वक्त इन निर्देशों पर अंतरिम रोक लगा दी थी, लेकिन इस बार योगी सरकार ने पूरी तैयारी के साथ यह निर्देश जारी किए हैं।

सरकार ने कोर्ट में यह स्पष्ट कर दिया था कि यह निर्देश केवल कांवड़ यात्रा की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए जारी किए गए थे। लेकिन अब जब मिलावट और गंदगी मिलाने के कई मामले सामने आ चुके हैं, सरकार ने यह सुनिश्चित कर लिया है कि ऐसे कड़े निर्देश अब पूरे प्रदेश में लागू होंगे।

जनता की सुरक्षा सर्वोपरि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य की जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ कोई भी खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। अब समय आ गया है कि राज्य में मिलावटखोरी और खाद्य सामग्री में गंदगी मिलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह राज्य की जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इन कड़े कदमों के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अब कोई भी व्यक्ति या प्रतिष्ठान खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट कर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं कर सकेगा।

योगी सरकार के इन सख्त कदमों के बाद अब राज्य में मिलावटखोरों और गंदगी फैलाने वालों के लिए जगह नहीं बची है। सरकार का उद्देश्य केवल कानून लागू करना नहीं है, बल्कि एक साफ-सुथरे और सुरक्षित खाद्य वातावरण का निर्माण करना है। अब समय आ गया है कि ऐसे सभी प्रतिष्ठान और लोग जो इन कड़े नियमों का उल्लंघन करेंगे, उन्हें अपने कृत्यों का परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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