Friday, May 10, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षा'अब नहीं चलेगी दूसरे गाल पर थप्पड़ मारने वाली नीति, आतंकवाद का जवाब तेजी...

‘अब नहीं चलेगी दूसरे गाल पर थप्पड़ मारने वाली नीति, आतंकवाद का जवाब तेजी से मिलेगा’: विदेश मंत्री एस जयशंकर की दो टूक

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "अब हमें सबसे पहले जो करने की जरूरत है, वह यह है कि हमें मुकाबला करने की जरूरत है। मैं जानता हूँ कि जिन लोगों ने कहा था, "ओह, हमने दूसरा गाल आगे करने की एक बहुत ही स्मार्ट रणनीति' बनाई थी। मुझे नहीं लगता कि अब देश का यह मूड है। मैं मुझे नहीं लगता कि इसका कोई मतलब भी है। "

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की जनता अब ‘एक गाल पर थप्पड़ खाने के बाद दूसरे गाल को आगे बढ़ाने’ वाली मानसिकता से निकल चुकी है। उन्होंने कहा कि भारतीयों को मुकाबला करने की जरूरत है। पहले के ‘दूसरे गाल को आगे बढ़ाने की स्मार्ट रणनीति’ से भारत की जनता अब निकल चुकी है। उन्होंने कहा कि आजादी के तुरंत बाद से ही भारत सीमापार से आतंक झेल रहा है। अब सामना करने की जरूरत है।

गाँधी नगर के लावड में स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को आजादी के दिन से ही आतंकवाद झेलना पड़ रहा है। भारत को जब आजादी मिली, तभी पाकिस्तान से आए हमलावरों ने कश्मीर पर हमला शुरू कर दिया था। आज इस देश में एक बदलाव आया है। विदेश मंत्री ने कहा, “मुझे लगता है कि मुंबई पर 26/11 हमला एक निर्णायक बिंदु था, जिसके बाद देश की मानसिकता बदली है।”

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “अब हमें सबसे पहले जो करने की जरूरत है, वह यह है कि हमें मुकाबला करने की जरूरत है। मैं जानता हूँ कि जिन लोगों ने कहा था, ‘ओह, हमने दूसरा गाल आगे करने की एक बहुत ही स्मार्ट रणनीति’ बनाई थी। मुझे नहीं लगता कि देश का अब यह मूड है। मुझे नहीं लगता कि इसका कोई मतलब है। मुझे नहीं लगता कि इसका कोई रणनीतिक मतलब है। अगर कोई सीमा पार आतंकवाद कर रहा है, तो आपको इसका जवाब देना चाहिए। उन्हें इसकी कीमत चुकानी चाहिए।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले जिसमें 5 जवान बलिदान हो गए, इस मामले पर विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद लंबे समय से भारत के लिए एक चुनौती रहा है। हमें तेजी से जवाब देना होगा। जो भी हम पर हमला करे, उसे नतीजा भुगतना होगा।

कार्यक्रम के दौरान एस जयशंकर ने कहा, “आतंकवाद का मुकाबला इसलिए हमारी क्षमताओं और हमारी कल्पनाओं दोनों को चुनौती देता है। जैसे-जैसे हमारे हितों का विस्तार होता है, हमें दूसरों की सुरक्षा में योगदान देने का भी प्रयास करना होगा। यह तत्काल पड़ोस में हो सकता है, या यह वित्तीय, स्वास्थ्य और ऊर्जा सहायता के संदर्भ में हो सकता है उनके लिए या यह ग्लोबल साउथ जैसे बड़े क्षेत्र के लिए हो सकता है।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

आतंकवादियों को पनाह, खराब कानून-व्यवस्था और फर्जी ‘छात्र वीजा’ उद्योग: अपनी गलती छिपाने के लिए कनाडा की ट्रूडो सरकार भारत पर मढ़ रही आरोप

हकीकत ये है कि ट्रूडो सरकार अब खुलकर खालिस्तानी आतंकवादियों का समर्थन कर रही है, उन्हें बचा रही है और भारत विरोधी कार्यक्रमों को जारी रखने की छूट दे रही है।

मेवाड़ का मैराथन: स्पार्टा के योद्धाओं वाली वीरता, महाराणा का शौर्य और युद्ध कुशलता… 36000 मुगल सैनिकों का आत्मसमर्पण, वो इतिहास जो छिपा लिया...

'बैटल ऑफ दिवेर' मुगल बादशाह के लिए करारी हार सिद्ध हुआ। कर्नल टॉड ने भी अपनी किताब में हल्दीघाटी को 'थर्मोपल्ली ऑफ मेवाड़' की संज्ञा दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -