Wednesday, May 1, 2024
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ट्विटर के बाद अब फेसबुक की पैरेंट कंपनी Meta 11000 कर्मचारियों की करेगी छुट्टी, मार्क जुकरबर्ग बोले- सॉरी: मंदी और कम कमाई को बताया कारण

इससे पहले ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने बड़े पैमाने पर छँटनी की है। उन्होंने कंपनी के 7,500 हजार कर्मचारियों में से आधे से अधिक को निकाल दिया। इसके अलावा, महामारी के दौरान तेजी से से भर्ती करने वाली कई अन्य तकनीकी कंपनियों में भी छँटनी हुई है।

सोशल मीडिया साइट ट्विटर (Twitter) के बाद अब फेसबुक (Facebook) की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) ने अपने 11,000 कर्मचारियों की छँटनी का नोटिस दिया है। कंपनी के मालिक मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने कहा कि मेटा के इतिहास में किए गए सबसे कठिन बदलावों के बाद यह निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने हायरिंग को जून 2023 तक के स्थगित कर दिया है।

कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार (9 नवंबर 2022) को अपने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि फेसबुक की पैरेंट मेटा अपने कर्मचारियों की संख्या का लगभग 13% यानी 11,000 लोगों की छँटनी कर रहा है। पत्र में उन्होंने कहा कि मेटा के राजस्व में गिरावट आई है और यह तकनीकी उद्योग के संकट से जूझ रहा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी खत्म होने के बाद भी ग्रोथ में तेज वृद्धि को देखते हुए आक्रामक तरीके से लोगों को नियुक्ति पर जोर दिया गया था। जुकरबर्ग ने कहा, “दुर्भाग्य से यह मेरी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा। न केवल ऑनलाइन व्यापार पहले के रुझानों की ओर लौट आया है, बल्कि व्यापक आर्थिक मंदी, बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा और विज्ञापन में हानि के कारण हमारा राजस्व अपेक्षा से बहुत कम हो गया है। इस गलती की मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूँ।”

बता दें कि ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद टेस्ला (Tesla) और स्पेसएक्स (SpaceX) के मालिक और अरबपति एलन मस्क (Elon Musk) ने कुछ दिन पहले ही बड़े पैमाने पर छँटनी की है। उन्होंने कंपनी के 7,500 हजार कर्मचारियों में से आधे से अधिक को निकाल दिया। इसके अलावा, महामारी के दौरान तेजी से से भर्ती करने वाली कई अन्य तकनीकी कंपनियों में भी छँटनी हुई है।

कोरोना महामारी के दौरान सोशल मीडिया कंपनियों के ग्रोथ और लाभ में जबरदस्त तेजी देखी गई थी। उस दौरान लॉकडाउन के कारण लोग घरों में रहे और अपने फोन एवं कंप्यूटर पर सोशल मीडिया साइट का खूब उपयोग किया। हालाँकि, जब हालात बेहतर हुए और लोग घरों से बाहर निकलने लगे तो इन कंपनियों की राजस्व वृद्धि डगमगाने लगी।

जुकरबर्ग ने कहा, “हमने अपने व्यवसाय की लागत में कटौती की है, जिसमें बजट को कम करना, भत्तों को कम करना और हमारे रियल एस्टेट को कम करना शामिल है। हम अपनी दक्षता बढ़ाने के लिए टीमों का पुनर्गठन कर रहे हैं, लेकिन अकेले ये उपाय हमारे खर्चों को हमारी राजस्व वृद्धि के अनुरूप नहीं लाएँगे। इसलिए मैंने लोगों को निकालने का कठिन निर्णय भी लिया है।”

अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार, मेटा ने सोशल मीडिया से अपना ध्यान हटाकर ‘मेटावर्स’ (Metaverse) में प्रति वर्ष $10 बिलियन (81,404 करोड़ रुपए) से अधिक का निवेश किया है। जुकरबर्ग का मानना है कि मेटावर्स भविष्य की तकनीक है और यह स्मार्टफोन यूजर के के उपयोग के तरीके को बदल देगा। यही निवेशकों की चिंता की चिंता का सबसे बड़ा कारण है।

डरे हुए निवेशकों ने वर्ष की शुरुआत से कंपनी के शेयरों में 71 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी है। यह स्टॉक अब साल 2015 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। मेटा और उसके विज्ञापनदाता आर्थिक मंदी को लेकर आशंकित हैं और इसका असर कंपनी पर दिख रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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