स्काई न्यूज ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की उपाध्यक्ष शेरी रहमान का एक इंटरव्यू 10 जून को प्रसारित किया। इसमें अलकायदा से संबद्ध ब्रिगेड 313 के बारे में सवाल उठाए गए थे। स्काई न्यूज की पत्रकार यल्दा हकीम ने इस बारे में सवाल पूछा तो रहमान की बोलती बंद हो गई।
जब हकीम ने आतंकवाद अनुसंधान और विश्लेषण संघ (टीआरएसी) से प्राप्त जानकारी के आधार पर उनसे पूछा कि ब्रिगेड 313 पाकिस्तान से संचालित अल-कायदा के नेतृत्व वाला संगठन है और कश्मीर में हमलों का समन्वय कर रहा है, तो रहमान ने जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की।
उसने कहा, “क्या हम हर बार भारत में हमले के समय युद्ध करने जा रहे हैं? पाकिस्तान को बार-बार सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना ठीक नहीं है।” उसने आगे कहा कि भारत के भीतर कई तथाकथित विद्रोहियों की मौजूदगी है और दावा किया कि पाकिस्तान अब एक ‘बदला हुआ’ देश है।
इंटरव्यू के दौरान एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान की पिछली ग्रे-लिस्टिंग और 26/11 के साजिशकर्ता साजिद मीर की भूमिका पर भी चर्चा की गई। रहमान ने सीधे जवाब नहीं दिए, केवल इतना कहा कि पाकिस्तान का आतंकवाद के साथ ‘लंबा इतिहास’ है, जिसमें इससे लड़ना भी शामिल है। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “आप आतंकवाद के बारे में बात करते रहते हैं, लेकिन वह पाकिस्तान का अतीत है। हम आतंकवाद से लड़ रहे हैं। पाकिस्तान अब काफी बदल चुका है।”
ब्रिगेड 313 क्या है?
2000 के दशक की शुरुआत में गठित ब्रिगेड 313 एक पाकिस्तान-आधारित आतंकवादी गठबंधन है। इसे व्यापक रूप से इस क्षेत्र में अल-कायदा के सबसे घातक विस्तारों में से एक माना जाता है। आतंकी संगठन का नाम पैगम्बर मुहम्मद के 313 साथियों से प्रेरित है, जिन्होंने बद्र की लड़ाई लड़ी थी।
गठबंधन का नेतृत्व इलियास कश्मीरी ने किया था, जो पाकिस्तानी सेना का एक पूर्व कमांडो था, जो बाद में 2011 के अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने से पहले अल-कायदा के शीर्ष कमांडरों में से एक बन गया था।
ब्रिगेड 313 कथित तौर पर एक हाइब्रिड संगठन के रूप में काम करता है। यह एक स्वतंत्र संगठन नहीं है, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा, लश्कर-ए-झांगवी, हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी, जैश-ए-मोहम्मद और तालिबान गुटों के आतंकवादियों का एक समन्वय है। यह अल-कायदा की छत्रछाया में काम करता है और इसके लश्कर अल-ज़िल या ‘शैडो आर्मी’ का हिस्सा है। ‘शैडो आर्मी’ को सटीकता और योजना के साथ हाई-प्रोफाइल आतंकवादी अभियानों को अंजाम देने के लिए जाना जाता है।
यह समूह पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर दोनों में टारगेटेड हत्याओं, बम विस्फोटों और समन्वित हमलों की एक श्रृंखला के पीछे रहा है। विश्लेषकों द्वारा इसे इस क्षेत्र की सबसे खतरनाक और प्रभावी जिहादी गुट में से एक बताया गया है। आतंकवाद निरोधक केंद्र के अनुसार, दक्षिण एशिया से परे, सीआईए ने विभिन्न यूरोपीय शहरों में ब्रिगेड 313 के गुर्गों की जानकारी ली है। इससे अंतरराष्ट्रीय खतरे भी पता चलता है।
बीबीसी के अनुसार, यह समूह हूजी के भीतर एक विशेष लड़ाकू इकाई है। यह भारत में भयानक मिशन को अंजाम देने में लगा रहता है। समूह से जुड़े आतंकवादियों ने कथित तौर पर पाकिस्तान की सेना और खुफिया नेटवर्क की मौन सहमति या सक्रिय समर्थन के साथ ऑपरेशन किए।
समूह की संचालन संरचना, भर्ती रणनीति और कई आतंकी संगठनों से सदस्यों के एकीकरण ने इसे वैश्विक जिहादी परिदृश्य में एक शक्तिशाली ताकत बना दिया है। जबकि कश्मीरी में सेना के अभियान ने घाटी में इसे कमजोर किया है। ब्रिगेड 313 की कट्टर विचारधारा और नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय चिंता का कारण बने हुए हैं।