पहलगाम आतंकी हमले के बाद केन्द्र सरकार ने पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने की जो मियाद दी थी वो पूरी हो गयी है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में पाकिस्तानी भारत नहीं छोड़ पाए हैं। भारत छोड़ने में विफल रहने वाले पाकिस्तानियों को 3 साल की जेल या 3 लाख रुपए का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
रविवार (27 अप्रैल 2025) अटारी बॉर्डर से लगभग 627 लोग पाकिस्तान लौटे। इनमें 9 डिप्लोमैट और अधिकारी शामिल हैं। भारत ने 12 कटैगरी के अंतर्गत सार्क वीजा रखने वाले पाकिस्तानियों को रविवार तक भारत छोड़ने का आदेश दिया था। हालाँकि मेडिकल वीजा रखने वालों के लिए अंतिम तिथि 29 अप्रैल है।
जिन 12 कटैगरी के वीजा धारकों को रविवार तक भारत छोड़ना था, वे हैं – आगमन पर वीजा, व्यवसाय, फिल्म, यात्रा, तीर्थयात्रा, ग्रुप तीर्थयात्रा, पर्यटन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, स्टूडेंट्स वीजा और मेडिकल वीजा।
महाराष्ट्र में 5 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी हैं जिनमें से करीब 1 हजार शॉर्ट टर्म वीजा पर हैं। इनलोगों को पाकिस्तान भेजा जा रहा है। बिहार सरकार ने 27 अप्रैल की डेडलाइन तक 19 पाकिस्तानियों को वापस भेजा।
तेलंगाना में 208 पाकिस्तानियों की उपस्थिति की जानकारी है जिनमें से 156 लॉन्ग टर्म वीजा और 13 शॉर्ट टर्म वीजा और 39 मेडिकल और व्यापार वीजा पर आए हुए हैं जिन्हें वापस भेजा गया है। केरल में 104 पाकिस्तानी के होने की जानकारी मिली है जिनमें से 99 लॉन्ग टर्म वीजा और बाकी टूरिस्ट और मेडिकल वीजा पर हैं।
राजस्थान की बात करें तो यहां सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तानियों की संख्या काफी है। जैसलमेर में 6 हजार से अधिक पाकिस्तानी लॉन्ग टर्म वीजा पर हैं। कुल पाकिस्तानी नागरिक की बात करें तो ये आँकड़ा करीब 20 हजार है।
भारत ने पाकिस्तान से अपने लोगों को वापस बुलाया है। रविवार को 116 भारतीय जिनमें एक डिप्लोमैट शामिल हैं, वो भारत पहुंचे। 26 अप्रैल को 342 भारतीय जिनमें 13 डिप्लोमैट्स शामिल हैं, भारत की धरती पर कदम रखा। 25 अप्रैल को 287 भारतीय वापस लौटे जबकि 24 अप्रैल को 105 भारतीय पाकिस्तान से वापस आए थे यानी 27 अप्रैल तक कुल 849 भारतीय वापस स्वदेश लौट चुके हैं।