अमेरिका की मुख्य जाँच एजेंसी FBI (फ़ेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन) के मुखिया कश्यप प्रमोद पटेल ने न केवल जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की है, बल्कि भारत को इस मुद्दे पर पूर्ण सहयोग का भी आश्वासन दिया है। मंगलवार (22 अप्रैल, 2025) को हुए इस हमले में 28 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। पैंट खोलकर देखा गया कि खतना हुआ है या नहीं, कलमा पढ़ने को कहा गया और ID कार्ड देखे गए – आतंकियों ने पीड़ितों के हिन्दू पहचान की पुष्टि के बाद हत्याएँ कीं।
मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए काश पटेल ने कहा कि भारत सरकार का हम पूरी तरह सहयोग करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि ये घटना एक बार फिर से हमें याद दिलाती है कि दुनिया आतंकवाद की बुराइयों से लगातार किस तरह के ख़तरे का सामना कर रही है। उन्होंने पीड़ितों के लिए प्रार्थना करते उन क़ानूनी एजेंसियों व उनसे पुरुषों-महिलाओं को धन्यवाद दिया, जो ऐसे क्षणों में तुरंत काम पर लग जाते हैं। काश पटेल भारतीय मूल के हैं और डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया है।
The FBI sends our condolences to all the victims of the recent terrorist attack in Kashmir — and will continue offering our full support to the Indian government.
— FBI Director Kash Patel (@FBIDirectorKash) April 26, 2025
This is a reminder of the constant threats our world faces from the evils of terrorism. Pray for those affected.…
बड़ी बात ये है कि काश पटेल ने इसे खुलकर आतंकी हमला कहा है, जबकि अमेरिका के सबसे बड़े मीडिया संस्थानों में से एक NYT (न्यूयॉर्क टाइम्स) ने अपने प्रपंच का प्रदर्शन करते हुए आतंकियों को ‘बंदूकधारी’ कहकर संबोधित किया था। इस हमले के कुछ ही घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। अमेरिका की ‘हाउस फॉरेन अफेयर्स कमिटी’ ने NYT द्वारा आतंकियों के लिए ‘लड़ाका’ शब्द का इस्तेमाल किए जाने को ग़लत बताते हुए मीडिया संस्थान को इसे दुरुस्त करने के लिए कहा।
कमिटी ने यहाँ तक कहा कि चाहे भारत हो या इजरायल, आतंकवाद को लेकर NYT वास्तविकता से अलग चलता है। बता दें कि ये अमेरिका की ‘हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स’ की एक कमिटी है जो विदेश मामलों से जुड़े अधिनियमों पर फ़ैसले लेती है। पाकिस्तान पहलगाम आतंकी हमले की अंतरराष्ट्रीय जाँच की माँग कर चुका है, वो कश्मीर मुद्दे को अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ले जाना चाहता है। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद कड़ी कार्रवाई करते हुए सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया और यहाँ रह रहे सभी पाकिस्तानियों को मुल्क़ वापस जाने का आदेश दिया।