भारत ने ढाका में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु मुजीबुर रहमान का घर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा ढहाए जाने की आलोचना की है। भारत ने इसे बर्बरता का कृत्य बताया है। भारत ने इसको लेकर कड़ा रुख जताया है। वहीं बांग्लादेश की सरकार शेख हसीना के भारत से ऑनलाइन रैली को लेकर खीझ गई है। उसने भारतीय हाई कमिश्नर को तलब किया है। इस बीच बांग्लादेश के कट्टरपंथी देश भर में आवामी लीग के कार्यालय धाने और शेख हसीना से जुड़े लोगों के घरों को तोड़ने में जुटे हैं।
भारत ने ढाका में बंगबंधु मुजीबुर रहमान के घर ‘धानमंडी 32’ को ढहाए और जलाए जाने के बाद बयान जारी किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह काफी दुखद है कि शेख मुजीबुर रहमान का ऐतिहासिक निवास, जो गुलामी और प्रताड़ना की ताकतों के खिलाफ बांग्लादेश के लोगों के प्रतिरोध का प्रतीक है, 5 फरवरी, 2025 को ढहा दिया गया।”
Our response to media queries regarding destruction of the historic residence of Sheikh Mujibur Rehman⬇️
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) February 6, 2025
🔗 https://t.co/iXyaihBjgq pic.twitter.com/ykekfByvke
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, “वे सभी लोग जो उस स्वतंत्रता संग्राम को महत्व देते हैं, जिसने बांग्ला पहचान के गौरव को बढ़ाया। वे बांग्लादेश की राष्ट्रीय चेतना के लिए इस घर के महत्व को जानते हैं। बर्बरता के इस कृत्य की कड़ी निंदा होनी चाहिए।”
इससे पहले ढाका में भारतीय हाई कमिश्नर को गुरुवार (6 फरवरी, 2025) को यूनुस सरकार ने तलब किया। बांग्लादेश ने शेख हसीना की की ऑनलाइन रैली को लेकर निंदा की और भारत से इसको लेकर कड़ा प्रतिरोध जताया। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने यह रैली नई दिल्ली से ऑनलाइन माध्यम से की थी।
बांग्लादेश ने कहा कि शेख हसीना ने नई दिल्ली में बैठ कर भड़काने वाला बयान दिया और झूठे आरोप लगाए। शेख हसीना ने ऑनलाइन रैली में कहा था कि मोहम्मद यूनुस उनकी हत्या करवाना चाहते थे। शेख हसीना ने कहा था कि यूनुस पैसे की ताकत का इस्तेमाल करके और कई लोगों की लाशों पर कदम रखकर सत्ता में आए हैं।
गौरतलब है कि हसीना की इस रैली के बाद इस्लामी कट्टरपंथियों ने शेख हसीना के पैतृक निवास को ढाका के भीतर ढहा दिया था। यह वही घर था जहाँ से शेख हसीना के पिता और बंगबंधु मुजीबुर रहमान ने पकिस्तान के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन चलाया था।
शेख हसीना की रैली के जवाब में कट्टरपंथी हथौड़े और बुलडोजर लेकर पहुँचे थे। उन्होंने इस घर को पहले आग लगाई और फिर इसे तोड़ दिया। इस बीच मोहम्मद यूनुस की पुलिस और बांग्लादेशी सेना मूकदर्शक बनी खड़ी रही। उसने इन आताताइयों को रोकने की एक भी कोशिश नहीं की।
इस घर के अलावा शेख हसीना के खुद के घर ‘सुधा सदन’ को भी जमींदोज कर दिया गया। बांग्लादेश में आवामी लीग के कई कार्यालय भी जला और तोड़ दिए गए गए। इस पूरे काम में पुलिस चुप रही। यहाँ तक कि शेख हसीना के रिश्तेदारों तक के घरों को भी नहीं छोड़ा गया।
मोहम्मद यूनुस ने भी इस ऐतिहासिक इमारत को ढहाने जाने की आलोचना की लेकिन इस कृत्य का जिम्मेदार शेख हसीना को ही ठहरा दिया। यूनुस सरकार ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा की आलोचना करने वाली अभिनेत्री मेहर अफरोज को भी गिरफ्तार कर लिया। उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया।
अफरोज की माँ दो बार शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग से सांसद रही है जबक उनके पिता भी एक बार चुनाव लड़ चुके हैं। उनके घर को भी सिलहट में ‘धानमंडी 32’ की तरह ही जला और तोड़ दिया गया। उनको अभी जेल में रखा गया है।