Saturday, June 7, 2025
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयमैं रोता रहा, वह जबरन मेरे कपड़े उतारते रहा, किसी ने मदद नहीं की......

मैं रोता रहा, वह जबरन मेरे कपड़े उतारते रहा, किसी ने मदद नहीं की… मदरसों के इन बच्चों की सुनेगा कौन? ‘दीनी तालीम’ देने वाले मौलवी ही कर रहे हैं यौन शोषण

पाकिस्तान में 36 हजार से अधिक मदरसे चल रहे हैं। इनमें करीब 22 लाख बच्चे तालीम ले रहे हैं। ज्यादातर गरीब परिवारों से आते हैं। ग्रामीण इलाकों के होते हैं। इसका फायदा इन मजहबी संस्थानों से जुड़े लोग उठाते हैं और बच्चों के साथ यौन शोषण करते हैं।

कहने को तो मदरसा ‘दीनी तालीम’ की जगह है। पर आए दिन जिस तरह की खबरें आती रहती है, उससे पता चलता है कि ये आतंकी से लेकर यौन शोषण के अड्डों में तब्दील हो चुके हैं। यह हाल भारत जैसे उन्हीं देशों में नहीं है, जिन्हें इस्लामी मुल्क बनाने की साजिशें रची जा रही है, बल्कि मुस्लिम बहुल मुल्कों में भी यही हाल है।

इस्लाम के नाम पर भारत से अलग होकर बने पाकिस्तान के मदरसों को लेकर ‘फ्रांस 24’ ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान के मदरसों में बच्चों का यौन उत्पीड़न संस्थागत रूप ले चुका है। यौन शोषण इतनी आम बात है कि वहाँ व्यवस्था से जुड़े लोगों को भी शायद इसका फर्क नहीं पड़ता है।

गौर करने वाली बात यह भी है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कुछ समय पहले ही मदरसों में तालीम लेने वालों को अपने मुल्क की ‘सेकेंड डिफेंस लाइन’ बताया था। लेकिन फ्रांस 24 को इन्हीं बच्चों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की जो कहानी सुनाई है, उससे पता चलता है कि पाकिस्तान की ‘सेकेंड डिफेंस लाइन’ खुद ही असुरक्षित है।

रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में पंजीकृत और गैर पंजीकृत 36 हजार से अधिक मदरसे चल रहे हैं। इनमें करीब 22 लाख बच्चे तालीम ले रहे हैं। ज्यादातर गरीब परिवारों से आते हैं। ग्रामीण इलाकों के होते हैं और मदरसे में रहकर ही पढ़ाई करते हैं। इसका फायदा इन मजहबी संस्थानों से जुड़े लोग उठाते हैं और बच्चों के साथ यौन हिंसा करते हैं।

फ्रांस 24 की इस रिपोर्ट में दर्जनों पीड़ित बच्चों की आपबीती शामिल है। 14 साल के एक पीड़ित ने बताया कि तालीम देने वाले एक मौलवी ने ही उसके साथ बलात्कार किया। उसने कहा कि गाँव के लड़के मदरसे में यौन शोषण की बातें करते थे, लेकिन उसने सोचा नहीं था कि ऐसा उसके साथ भी होगा।

एक अन्य पीड़ित बच्चे ने बताया, “मदरसे का प्रधान मौलवी मुझे अपने घर की सफाई के बहाने ले गया। जैसे ही मैं पहुँचा, मौलवी ने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। जबरन मेरी पैंट उतार दी। मेरे साथ मारपीट की। जबरदस्ती की। भयानक हरकतें की। मैं लगातार रो रहा था।” 

फ्रांस 24 के एक्स के पोस्ट का स्क्रीनशॉर्ट

एक अन्य पीड़ित बच्चे ने बताया है, “मैं उसके (मौलवी) साथ बाइक पर गया। उसने दरवाजा बंद किया और मेरे कपड़े जबरन उतारे। मैं रोता रहा, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया।”

मदरसे बने यौन शोषण के अड्डे

पाकिस्तान के मदरसों की इस हालत को लेकर पूर्व में एसोसिएटेड प्रेस भी रिपोर्ट छाप चुका है। भारत हो या बांग्लादेश या फिर पाकिस्तान हर मुल्क के मदरसों की हकीकत करीब-करीब एक जैसी ही है। बच्चों के यौन शोषण का अड्डा बनने की। मुल्लों का खौफ ऐसा है कि कुछ ही मामले सामने आ पाते हैं। ज्यादातर दबा दिए जाते हैं।

पाकिस्तान के मानवाधिकार मामलों के वकील सैफ उल मुल्क भी इस भय की बात कर चुके हैं। उनके मुताबिक- मुल्लों से आज हर कोई डरता है। उन पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाने का मतलब है कि न्याय दुर्लभ बन जाएगा। पुलिस भी पीड़ितों की नहीं मुल्लाओं की ही मदद करती है।

नुसरत को मदरसे में जलाकर मार डाला

इस खौफ को बांग्लादेश की एक घटना से समझा जा सकता है। ढाका मेडिकल कॉलेज में 6 अप्रैल 2019 को 80 फीसदी जल चुकी नुसरत जहाँ राफी लाई जाती है। 10 अप्रैल को वह मर जाती है। 19 साल की राफी ने 27 मार्च को पुलिस से शिकायत की थी कि मदरसे के प्रिंसिपल ने ऑफिस में बुला उसे गलत तरीके से छुआ। उसने मदरसे के प्रिंसिपल पर बार-बार यौन शोषण का आरोप लगाया। मदरसे के अन्य शिक्षकों ने भी राफी को ही मुँह बंद रखने को कहा। उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला। फिर 6 अप्रैल की रात नुसरत को मदरसे की छत पर बुलाया जाता है। शिकायत वापस लेने को कहा जाता है। वह इनकार कर देती है। हमलावर मिट्टी का तेल उड़ेल उसे आग लगा देते हैं।

नुसरत की हत्या के तीन आरोपित उसके साथ पढ़ते थे। पुलिस के मुताबिक मौलवी ने कहा था कि शिकायत वापस लेने का दबाव डालो, नहीं माने तो मार डालो। योजना तो उसकी हत्या को आत्महत्या की तरह दिखाने की थी। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया, क्योंकि नुसरत के हाथ-पैर को जिस स्कार्फ से बाँधा गया था वह जल गया और वह सीढ़ियों से नीचे उतरने में कामयाब रही।

पाकिस्तान में 8 साल बाद भी वही हालात

पाकिस्तान में 2017 में मदरसों के खिलाफ आवाजें उठी भी थी। तब कौसर परवीन का 9 साल का बेटा खून में लथपथ होकर मदरसे से घर लौटा था। रिपोर्टों के मुताबिक अप्रैल की एक रात मदरसे में रहने वाले कौसर के बेटे की जब नींद खुली तो मौलवी उसे बगल में लेटा मिला। मौलवी को देख बच्चा डर गया। मौलवी ने फिर उसके साथ कुकर्म किया। 9 साल का वह बच्चा चिल्ला न पाए, इसलिए मौलवी ने उसके मुँह में उसकी ही कमीज ठूँस दी। लेकिन इस मामले में भी आखिर वही हुआ जो अमूमन ऐसे ज्यादातर मामलों में होता है। मौलवी बच निकला। ‘फ्रांस 24’ की रिपोर्ट बताती है कि आठ साल बाद भी पाकिस्तान के मदरसों में बच्चों का यौन शोषण बदस्तूर जारी है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

विवेकानंद मिश्र
विवेकानंद मिश्र
एक पत्रकार और कंटेंट क्रिएटर। राजनीति, संस्कृति, समाज से जुड़ी अनसुनी कहानियाँ सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अंतरिक्ष में 41 वर्ष बाद कदम रखेगा कोई भारतीय: IAF पायलट शुभांशु शुक्ला जा रहे ISS, जानिए क्यों भारत के लिए महत्वपूर्ण है यह...

ले शुभांशु शुक्ला IAF पायलट हैं। वर्तमान में वह ग्रुप कैप्टन के पद पर हैं। एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन में वे पायलट की भूमिका निभा रहे हैं।

महाराष्ट्र चुनाव पर फिर राहुल गाँधी ने फैलाया झूठ, लेकिन ऑपइंडिया के लाई डिटेक्टर टेस्ट में हुए फेल: जानिए उनके दावों का क्या है...

राहुल गाँधी ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे लेख में 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को 'बड़े पैमाने पर धांधली' का परिणाम बताने की कोशिश की है।
- विज्ञापन -