प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को (14 जून 2021) को संयुक्त राष्ट्र में मरुस्थलीकरण, भूमि क्षरण और सूखे पर उच्च स्तरीय वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने इन मुद्दों से निपटने के लिए भारत द्वारा अपनाए जा रहे हैं उपायों पर भी चर्चा की।
पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (UNCCD) के दलों के सम्मेलन के 14वें सत्र के अध्यक्ष हैं। सितंबर 2019 में पीएम मोदी नई दिल्ली में यूएनसीसीडी-सीओपी के उच्च स्तरीय 14वें सत्र का शुभारंभ कर चुके हैं।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के सभी पक्षों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में हमने हमेशा भूमि को महत्व दिया है और पवित्र भूमि को अपनी माँ के रूप में मानते हैं। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भूमि क्षरण के मुद्दों को उजागर करने का बीड़ा उठाया है।
In India, we have always given importance to land & consider the sacred Earth as our mother. India has taken lead to highlight land degradation issues at international forums: Prime Minister Narendra Modi at UN ‘High-Level Dialogue on Desertification, Land Degradation & Drought’ pic.twitter.com/0PxIzgOuTE
— ANI (@ANI) June 14, 2021
पीएम मोदी ने वर्चुअली उच्च स्तरीय कार्यक्रम में कहा कि भूमि जीवन और आजीविका के लिए मूलभूत अंग है और सभी को इसे समझने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा, ”दुख की बात है कि भूमि क्षरण आज दुनिया के दो तिहाई हिस्से को प्रभावित करता है। अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया गया तो यह हमारे समाजों, अर्थव्यवस्थाओं, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता की नींव को ही नष्ट कर देगा।”
In India, we have always given importance to land & consider the sacred Earth as our mother. India has taken lead to highlight land degradation issues at international forums: Prime Minister Narendra Modi at UN ‘High-Level Dialogue on Desertification, Land Degradation & Drought’ pic.twitter.com/0PxIzgOuTE
— ANI (@ANI) June 14, 2021
पिछले 10 साल में लगभग 30 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र जोड़ा गया
उन्होंने कहा कि भारत में पिछले 10 साल में लगभग 30 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र जोड़ा गया है। इसने संयुक्त वन क्षेत्र को देश के कुल क्षेत्रफल के लगभग 1/4 भाग तक बढ़ा दिया है। हम भूमि क्षरण तटस्थता की अपनी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को प्राप्त करने की राह पर हैं।
In India, over the last 10 years, around 3 million hectares of forest cover had been added. This has enhanced the combined forest cover to almost 1/4th of country’s total area. We are on track to achieve our national commitment of land degradation neutrality: Prime Minister Modi pic.twitter.com/kfH6xzND62
— ANI (@ANI) June 14, 2021
भारत 26 मिलियन हेक्टेयर खराब भूमि को बहाल करने पर काम कर रहा
उन्होंने कहा कि हम 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर खराब भूमि को बहाल करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। यह 2.5-3 बिलियन टन CO2 के बराबर अतिरिक्त कार्बन सिंक को प्राप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता में योगदान देगा। पीएम ने कहा कि जमीन सभी के जीवन और आजीविका के लिए जरूरी है। हम सभी समझते हैं कि जीवन का जाल एक दूसरे से जुड़े हुए तंत्र के रूप में कार्य करता है।
We’re also working towards restoring 26 million hectares of degraded land by 2030. This will contribute to India’s commitment to achieve addl carbon sink of 2.5 to 3 billion tons of CO2 equivalent: PM Modi at UN ‘High-Level Dialogue on Desertification, Land Degradation & Drought’ pic.twitter.com/wxvyU8AT8q
— ANI (@ANI) June 14, 2021
वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वैश्विक रूप से पृथ्वी के भूमि क्षेत्र का दो अरब हेक्टेयर से ज्यादा के क्षेत्र का क्षरण हो गया है, जिसमें कृषि भूमि का आधे से ज्यादा हिस्सा शामिल है। अगर हमने मृदा का प्रबंधन नहीं किया तो 2050 तक 90 प्रतिशत से अधिक भूमि का अवक्रमण (Land degradation) हो सकता है।