Tuesday, March 19, 2024
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पाकिस्तानी फ्री होकर रहें, इसलिए रेप की गईं बच्चियाँ चुप रहें: महिला सांसद नाज शाह के कारण 60 साल के बुजुर्ग जेल में

एक औरत यह कैसे कह सकती है कि जिन बच्चे-बच्चियों का यौन शोषण हुआ है, वो चुप हो जाएँ क्योंकि देश में विविधता को बचाना है। यह तभी संभव है, जब वो औरत खुद भी इस्लामी कट्टरपंथी मानसिकता वाली हो और पाकिस्तानियों का हित ही उसके लिए सबसे ऊपर हो।

इंग्लैंड में एक सांसद हैं, नाम है नाज शाह। पाकिस्तानी मूल की हैं। इन्हें रिटायर हो चुके एक नर्स ने नस्लवादी चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी के आधार पर अब 60 साल के इयान ब्राउन (नर्स) को वहाँ की अदालत ने सजा सुनाई है।

इयान ब्राउन ने सांसद नाज शाह को 11 अप्रैल 2020 को चिट्ठी भेजी थी। इसमें मुख्य तौर पर जबरन शादी, ऑनर किलिंग, ग्रूमिंग गैंग और महिला जननांग विकृति (FGM: female genital mutilation) के बारे में लिखा गया था। साथ ही सांसद नाज शाह पर तंज कसते हुए यह भी लिखा था कि ग्रूमिंग गैंग के शिकार लोग आपकी (सासंद की) नियुक्ति पर खुश होंगे।

पाकिस्तानी मूल की सांसद नाज शाह ने इस चिट्ठी के कंटेंट को नस्लीय मानते हुए पुलिस में शिकायत दी थीं। कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान हालाँकि नर्स इयान ब्राउन ने चिट्ठी की बातों को नस्लीय मानने से इनकार किया। उन्होंने इतना ही स्वीकार किया कि ग्रूमिंग गैंग (पाकिस्तानी मूल के) ने जिन सैकड़ों-हजारों बच्चे-बच्चियों के यौन शोषण, हत्या, अपहरण आदि किए, उसके गुस्से के कारण सांसद को पत्र लिखा गया।

वेस्टमिन्सटर मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने नर्स इयान ब्राउन की बातों को नकारते हुए भेजी गई चिट्ठी को नस्लीय ही माना और सजा सुनाई। ब्राउन को 6 सप्ताह की सजा, 24 महीने का सस्पेंशन और अगले 6 महीने तक सांसद नाज शाह से संपर्क नहीं करने का आदेश सुनाया गया।

नाज शाह, ग्रूमिंग गैंग और 2017

बात 2017 के अगस्त की है। ओवेन जोन्स नाम का एक पैरोडी अकाउंट था ट्विटर पर। उसने लिखा था – विविधता (विभिन्न नस्लों, देशों के लोगों के एकसाथ रहने) की भलाई के लिए… रोटरहैम और अन्य जगहों पर जिन लड़कियों का यौन शोषण हुआ, उन्हें अपना मुँह बंद रखने की जरूरत है। नाज शाह तब भी सांसद थीं। उन्होंने न सिर्फ इस ट्वीट को लाइक किया था बल्कि इसे रिट्वीट भी किया था। बवाल के बाद ट्वीट डिलीट करना पड़ा था नाज शाह को।

महिला सांसद के विचार

इन सबके पीछे एक कहानी थी। कहानी पाकिस्तानी कनेक्शन की। ग्रूमिंग गैंग (ऐसा गिरोह, जो 13-16 साल की लड़कियों को प्याप में फँसाता, रेप करता, देह-व्यापार में धकेलता या मर्डर कर देता) इंग्लैंड में पाकिस्तानियों का एक “अनजान लेकिन खौफनाक” समूह है। नाज शाह भी पाकिस्तानी मूल की है। रोटरहैम सेक्स स्कैंडल को लेकर एक सांसद साराह चैंपियन ने अपनी बात रखी थी। पीड़ितों को न्याय दिलाने और आरोपितों को सजा देने की बात कही गई थी।

पाकिस्तानी मूल की सांसद नाज शाह को यह बुरा लगा था। इतना बुरा कि खुद एक महिला होते हुए भी यौन शोषण पीड़ितों की न सोच कर उन्होंने आरोपितों के लिए लंबा-चौड़ा लेख लिख डाला था। नाज शाह के अनुसार ग्रूमिंग गैंग पर चर्चा करके बिना वजह पूरे पाकिस्तानी कम्युनिटी को बदनाम किया जाना है।

ग्रूमिंग गैंग: मौत नहीं रेप का आतंक

यह पूरे इंग्लैंड में फैला हुआ है। बहुत कम ऐसे शहर हैं, जहाँ पर यह गैंग सक्रिय नहीं। पिछले 40 साल में इंग्लैंड में कम से कम 5 लाख गैर-मुस्लिम (काफिर) लड़कियों के साथ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने रेप किया है। रेप पीड़िता डॉ. एला हिल ने एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया था।

हिल ने कहा था, “इसका बहुत कुछ नस्ल और धर्म से लेना-देना है। लड़कियों की गोरी त्वचा हमेशा ग्रूमिंग गैंग से जुड़े मुस्लिम अपराधी के दिमाग में होती है। खुद डॉ. एला हिल की यातना अच्छे मुस्लिम और गैर मुस्लिम के विचारों से प्रेरित था। उनके मुस्लिम अपराधी (पाकिस्तानी मुस्लिम ब्वॉयफ्रेंड) का मानना था कि उनके साथ बलात्कार जायज है, क्योंकि वह सिर से पैर तक पूरी तरह से ढँकी नहीं थीं।

19000 बच्चे-बच्चियों का यौन शोषण सिर्फ 2018-19 में

2019 में इंग्लैंड में लगभग 19,000 नाबालिगों के साथ यौन ग्रूमिंग (sexual grooming) की वारदात को अंजाम दिया गया था। इंग्लैंड में स्थानीय प्रशासन ने 2018-19 में कुल 18,700 पीड़ितों की पहचान की थी, जिनकी संख्या पाँच साल पहले 3300 थी। नवीनतम आँकड़ों में पिछले 5 वर्षों में चाइल्ड ग्रूमिंग पीड़ितों की संख्या में तेज वृद्धि देखी गई।

इन सब आँकड़ों के बावजूद इंग्लैंड की न्यायिक व्यवस्था अब तक सख्ती (अज्ञात कारणों से) नहीं दिखा पा रहा। इसे आप इस खबर से समझिए। इंग्लैंड में रोशडेल चाइल्ड ग्रूमिंग गिरोह का सरगना कारी अब्दुल रऊफ अब आराम से सड़कों पर बेखौफ घूम रहा है। सजा के बाद अब वो फ्री है! वो भी तब जबकि उसकी सजा के अनुसार उसे 6 साल बाद निर्वासित किया जाना था… लेकिन अभी तक नहीं किया गया।

अब्दुल या डॉ. एला हिल के पाकिस्तानी मुस्लिम ब्वॉयफ्रेंड जैसों के साथ क्यों न्यायिक सख्ती की जानी चाहिए, इसे समझिए। अब्दुल ने एक बच्चे के साथ तब जबरन सेक्स किया, जब वो खुद 3 बच्चों का बाप था। फिर मानव तस्करी भी की। डॉ. हिल का पाकिस्तानी ब्वॉयफ्रेंड प्यार का नाटक करके बार-बार रेप करता है, सिर्फ इसलिए क्योंकि वो ‘मुसलमान जैसी नहीं’ है।

पाकिस्तान की बदनामी, विविधता बचाना, सांसद को तकलीफ या बच्चियों को न्याय?

नाज शाह सांसद हों या पाकिस्तानी मूल की या एकदम अंग्रेज… इस पर बहस हो सकती है लेकिन वह एक औरत हैं, यह अकाट्य सत्य है। आश्चर्य इस बात का है कि एक औरत यह कैसे कह सकती है कि जिन बच्चे-बच्चियों का यौन शोषण हुआ है, वो चुप हो जाएँ क्योंकि देश में विविधता को बचाना है। सभ्य समाज की पूरी नींव ही न्याय पर आधारित है। जो ताकतवर है, उसी को ध्यान में रख कर फैसले सुनाने वाला समाज जंगलों में रहता था। सांसद नाज शाह तो इंग्लैंड के शहर में रहती हैं, फिर जंगली मानसिकता क्यों? उनकी सोच का कनेक्शन इस्लामी कट्टरपंथ से तो नहीं!

इस्लामी कट्टरपंथी सोच से प्रभावित नहीं हैं नाज शाह तो एक चिट्ठी (गुस्से से भरी, नस्लीय ही सही) से इतनी नाराजगी क्यों? क्यों किसी 60 साल के बुजुर्ग के लिए इतनी नफरत कि वो सलाखों के पीछे पहुँचा दिए जाएँ? क्षमा शोभती उस भुजंग को… ओह, दिनकर की यह कविता पाकिस्तानी आसमानी किताब वाली सांसद कहाँ पढ़ी होंगी!

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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