ऐसा लगता है जागरण समूह के अखबारों में झूठी खबर छापने की प्रतिस्पर्धा है। पहले अंग्रेजी के मिड-डे अखबार ने ईवीएम पर झूठ फैलाया। अब हिंदी समाचार पत्र भी आरएसएस संघ प्रमुख पर फर्जी न्यूज देते पकड़ा गया है।
अपनी रिपोर्ट में दैनिक जागरण ने सरसंघचालक मोहन भागवत के नाम पर बयान छापा और जेपी नड्डा के संघ पर दिए बयान को व्यक्तिगत विचार कहा है। साथ ही उन्होंने कहा है कि देश में हर नागरिक को अपने विचार खुलकर रखने की स्वतंत्रता है। उनके बयान से संगठन का कोई सरोकार नहीं है। ऐसे में उनके बयान को पार्टी व संगठन की नीतियों से जोड़कर देखने की आवश्यकता नहीं है।
अब इसी खबर का अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने खंडन किया है। उन्होंने कहा है, “दैनिक जागरण में प्रकाशित यह समाचार पूर्णतः निराधार है। पूजनीय सरसंघचालक जी ने गोरखपुर में कोई सार्वजनिक वक्तव्य नहीं दिया है। वे वर्तमान में संघ के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु देशव्यापी प्रवास पर हैं।”
दैनिक जागरण में प्रकाशित यह समाचार पूर्णतः निराधार है। पूजनीय सरसंघचालक जी ने गोरखपुर में कोई सार्वजनिक वक्तव्य नहीं दिया है। वे वर्तमान में संघ के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु देशव्यापी प्रवास पर हैं।https://t.co/SHsJwdAcEt
— Sunil Ambekar (@SunilAmbekarM) June 17, 2024
सुनील आंबेकर के ट्वीट के बाद जागरण ने अपने खबर में उनका बयान जोड़ा… बाकी कंटेंट वैसा ही रहने दिया। इसमें दावा किया गया कि संघ प्रमुख ने ये सारी बातें गोरखपुर में कहीं। इस दौरान उन्होंने धर्मांतरण, लव जिहाद पर बात रखी। साथ ही फेक न्यूज के खिलाफ सचेत रहने को भी कहा।
Shehzada @RahulGandhi & his Presstitutes amplified a fake news with misleading headlines by @mid_day !
— BALA (@erbmjha) June 16, 2024
The reality is EVMs cannot be connected with a mobile phone because it is a no-connectivity device : no wifi or Bluetooth.
FIR should be registered against each of them… pic.twitter.com/gLg7vNJ1ca
जेपी नड्डा ने क्या कहा था और क्या फैलाया गया
18 मई 2024 को प्रकाशित ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के इंटरव्यू बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष से पूछा गया था, “बीजेपी पिछले 10 वर्षों से सत्ता में है, और आरएसएस आपकी वैचारिक माता-पिता है। अब आप मजबूत हैं और देशभर में आपका व्यापक नेटवर्क है। बीजेपी-आरएसएस के बीच अब स्थिति क्या है? हमें सरकार में आरएसएस की अधिक उपस्थिति नहीं दिखती, और न ही यह नीतियों में नजर आती है, जैसा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में देखा गया था।”
इस पर जेपी नड्डा ने जवाब देते हुए कहा, “देखिए, हमने भी प्रगति की है। हर किसी का अपना-अपना काम है। आरएसएस एक सांस्कृतिक संगठन है और हम एक राजनीतिक संगठन हैं। शुरुआत में हम अक्षम होंगे, थोड़े कम होंगे, आरएसएस की जरूरत पड़ती थी… आज हम बढ़ गए हैं, सक्षम हैं… तो बीजेपी खुद को चलाती है। यही अंतर है।” (बयान में कहीं भी जेपी नड्डा ने ये नहीं कहा है कि उन्हें आरएसएस की जरूरत नहीं है।”
मिड-डे का ईवीएम पर झूठ
बता दें कि इससे पहले जागरण समूह के मिड डे ने ईवीएम पर झूठ छापा था। खबर का मूल था, “ईवीएम को फोन पर आए ओटीपी से अनलॉक किया जा सकता है।” हालाँकि बाद में रिटर्निंग ऑफिसर के बयान के बाद इस खबर को त्रुटि बताकर हटा दिया गया, लेकिन संस्थान ने फर्जी जानकारी फैलाने पर माफी नहीं माँगी जबकि इस रिपोर्ट के आधार पर विपक्षी नेता झूठ फैलाना शुरू कर चुके थे, लोकतंत्र पर सवाल उठाया जाने लगा था।