Wednesday, March 19, 2025
Homeरिपोर्टमीडिया'वे 70 साल के हैं, इसे तत्काल सुने': न्यूजक्लिक वाले प्रबीर पुरकायस्थ की अर्जी...

‘वे 70 साल के हैं, इसे तत्काल सुने’: न्यूजक्लिक वाले प्रबीर पुरकायस्थ की अर्जी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुँचे कपिल सिब्बल, CJI बोले- पहले कागज दिखाएँ

पुरकायस्थ की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए सिब्बल ने शीर्ष अदालत से कहा कि वे पत्रकार हैं। 70 साल से अधिक उनकी उम्र है। वे हिरासत में हैं। लिहाजा इस मामले की तत्काल सुनवाई होनी चाहिए। इस पर सीजेआई ने कहा कि दस्तावेजों को देखने के बाद ही वे फैसला लेंगे।

वेबपोटर्ल न्यूजक्लिक (NewsClick) के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ (Prabir Purkayastha) और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दोनों ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत इनकी गिरफ्तारी को खारिज करने से इनकार किया था।

पुरकायस्थ की तरफ से कपिल सिब्बल ने 16 अक्टूबर 2023 को याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सामने सूचीबद्ध करने का आग्रह किया। लेकिन सीजेआई ने कहा कि दस्तावेजों को देखने के बाद ही वे इस संबंध में कोई फैसला करेंगे। उन्होंने सिब्बल से कोर्ट के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा।

न्यूजक्लिक पर चीनी फंडिंग से देश विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने का आरोप है। इस मामले में पुरकायस्थ और चकवर्ती को दिल्ली पुलिस ने कई घंटों की पूछताछ के बाद 3 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। इसे दोनों ने हाई कोर्ट में चुनौती ती थी, लेकिन राहत नहीं मिली।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पुरकायस्थ ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और असंवैधानिक बताया है। कहा है कि यूएपीए एक दमनकारी कानून है। सरकार अक्सर इसका दुरुपयोग खुद से असहमत रहने वाले लोगों को निशाना बनाने के लिए करती है। उनका यह भी कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है।

पुरकायस्थ की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए सिब्बल ने शीर्ष अदालत से कहा कि वे पत्रकार हैं। 70 साल से अधिक उनकी उम्र है। वे हिरासत में हैं। लिहाजा इस मामले की तत्काल सुनवाई होनी चाहिए।

गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने पुरकायस्थ और चकवर्ती की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उनकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं हैं। जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने 13 अक्टूबर 2023 याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसमें कोई दम नहीं है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

गजराज पर सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक, कहा- मंदिर में हाथियों का उपयोग हमारी संस्कृति: जानिए क्या है...

गज सेवा समिति ने आरोप लगाया है कि हाथियों पर रोक लगाने की माँग करने वाले कथित एक्टिविस्ट हिन्दुओं की 2 हजार साल से अधिक पुरानी परमपराएं बंद करवाना चाहते हैं।

ठाणे की अवैध मस्जिद गिराने में देरी से उखड़ा हाई कोर्ट, श्री स्वामी समर्थ हाउसिंग की जमीन पर खड़ा कर रखा है ढाँचा: पुणे...

न्यू श्री स्वामी समर्थ बोरिवडे हाउसिंग कंपनी ने कोर्ट से गुहार लगाई थी। कंपनी के पास कासरवडवली के बोरिवडे गाँव में 18,000 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन है।
- विज्ञापन -