Wednesday, May 14, 2025
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केरल के इब्राहिम ने 168 पाकिस्तानियों से कनेक्शन कबूला, हवाला से मिलते थे पैसे: अवैध टेलीफोन एक्सचेंज से चीन को भी लाइन

आरोपित इब्राहिम ने क्राइम ब्रांच को बताया कि उसे पाकिस्तानी मोहम्मद रहीम और बांग्लादेशी साहिर से क्रमश: 20 लाख रुपए और 15 लाख रुपए हवाला के रूप में कोडुवल्ली से मिले थे। इस मामले में शामिल चीन की महिला का नाम उसने फ्लाई और ली बताए।

समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज मामले (Parallel Telephone exchange case) में केरल के एक प्रमुख साजिशकर्ता ने पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और दो चीनी नागरिकों को कॉल रूट बेचे, जिन्होंने कई महीनों तक भारत में अवैध रूप से अपना सिस्टम संचालित किया। कोझिकोड पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में कदमपुझा (Kadampuzha) का मूल निवासी इब्राहिम पुलाटिल (Ibrahim Pullatil) पकड़ा गया था। जिसने इस मामले में जाँच कर रही क्राइम ब्रांच के सामने कबूल किया था कि वह 168 पाक नागरिकों के संपर्क में था। जाँच में अकेले कोझीकोड शहर में 7 जगहों पर समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज की जानकारी हुई थी।

बता दें कि अवैध कॉल रूटिंग, इंटरनेट के माध्यम से या कई लाइनों के साथ एक पीएबीएक्स (PABX) के जरिए उन देशों में लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार ऑपरेटरों से बचता है जहाँ कॉल शुरू और समाप्त होती हैं। अब कोझिकोड पुलिस की क्राइम ब्रान्च ने अपनी जाँच में कई खुलासे किए हैं। आरोपित इब्राहिम (Ibrahim Pullatil) ने केरल पुलिस के आगे पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन को कॉल रूट बेचना कबूल किया है। इब्राहिम ने क्राइम ब्रांच को बताया कि उसे पाकिस्तानी मोहम्मद रहीम और बांग्लादेशी साहिर से क्रमश: 20 लाख रुपए और 15 लाख रुपए (कुल 35 लाख) हवाला के रूप में कोडुवल्ली से मिले थे। इस मामले में शामिल चीन की महिला का नाम उसने फ्लाई और ली बताए।

पाकिस्तान के निवासी रहीम का नंबर खाड़ी देशों में दर्ज नहीं है। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) को शक है कि यह तरीका पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का होता है। भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों की रहीम के भारत में अन्य कनेक्शन पर भी नजर है। क्राइम ब्रान्च ने केरल हाईकोर्ट में एक अन्य आरोपित अब्दुल गफूर की जमानत का विरोध करते हुए यह रिपोर्ट दाखिल की है। अब्दुल गफूर ने उस पर चल रहे केस को खत्म करने की अर्जी दाखिल की थी जिसे अदालत ने ख़ारिज कर दिया है।

गौरतलब है कि इस पूरे मामले का खुलासा अगस्त 2021 में हुआ था। तब तिरुवनंतपुरम पुलिस क्राइम ब्रांच सोने की तस्करी करने वाले व्यक्ति हनीफा के अपहरण मामले की जाँच कर रही थी। इसी जाँच के दौरान पुलिस ने पाया कि कोयिलैंडी (Koyilandy) में सोने के तस्कर का अपहरण करने के लिए पैरलेल टेलीफोन प्रणाली (parallel telephone system) का प्रयोग हुआ था। जाँच के दौरान सामने आया था कि तस्करी के लिए 1 हजार से ज्यादा अवैध टेलीफोन एक्सचेंज सक्रिय थे। रिपोर्ट में यह बी कहा गया है, “राज्य भर में कई पोक्सो मामलों में शामिल फोन नंबर भी समानांतर एक्सचेंजों के जरिए ही आए हैं।”

तिरुवनंतपुरम पुलिस ने जानकारी कोझिकोड पुलिस से साझा की। कोझिकोड पुलिस की क्राइम ब्रान्च टीम ने भी आरोपित इब्रहिम से पूछताछ की। इस दौरान नए खुलासे हुए। केरल पुलिस ने जाँच में बेंगलुरु पुलिस की भी मदद ली थी। जाँच के दौरान पता चला था कि पूरे देश में फैले तमाम पैरलल टेलीफोन एक्सचेंज का आपस में संबंध है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपित अवैध रूप से कॉल रूटिंग इंटरनेट या कई लाइनों वाले PABX के माध्यम से करते थे। फरवरी 2020 में ही 114 सिम बॉक्स हांगकांग से दिल्ली लाए गए थे। हाल ही में बेंगलुरु, मेरठ, पटना, मुंबई, नई दिल्ली, कटक, तिरुपति, कोझीकोड, एर्नाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम और पलक्कड़, और तेलंगाना में रिपोर्ट किए गए समानांतर दूरसंचार एक्सचेंज मामलों में जब्त किए गए उपकरणों और संचालन का तरीका भी समान पाया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अवैध कार्यों में इस्तेमाल किए गए सिम कार्ड ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड से खरीदे गए थे।

कोझिकोड क्राइम ब्रान्च के असिस्टेंट कमिश्नर टी पी श्रीजीत ने कहा, “यह सिर्फ टेलीफोन उपभोक्ताओं से धोखाधड़ी तक सीमित नहीं है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को सीधे तौर पर खतरा है।” बता दें कि इब्राहिम को जून 2021 में सेना की ख़ुफ़िया एजेंसी और बेंगलुरु पुलिस की ATS यूनिट ने गिरफ्तार किया था। उस पर पाकिस्तानी जासूसों को अवैध फोन एक्सचेंज से भारतीय सेना की ख़ुफ़िया जानकारियाँ देने का आरोप भी है। आरोपित इब्राहिम पर सेना के अधिकारियों की फोन कॉल को ट्रेस करने का भी आरोप लगा था।

गौरतलब है कि मार्च 2017 में मध्य प्रदेश के गृहमंत्री ने स्वीकार किया था कि पैरलल टेलीफोन एक्सचेंज के चलते टेलिकॉम कंपनियों को लगभग 3000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। इसी के साथ उन्होंने इसके पीछे पाकिस्तान के जासूस होने की भी बात कही थी। उस समय मध्य प्रदेश ATS ने 15 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इसका संचालन चाइनीज सिमबॉक्स के जरिए किया जाता था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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