भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। इस कार्रवाई के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर बात की और भारत की नपी-तुली कार्रवाई का स्पष्ट संदेश दिया। डोभाल ने कहा कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर पाकिस्तान ने कोई हिमाकत की, तो उसे कड़ा जवाब मिलेगा।
डोभाल ने चीन के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, सऊदी अरब, यूएई, रूस और फ्रांस के अपने समकक्षों से भी बात की। उन्होंने अमेरिकी NSA मार्को रुबियो को बताया कि भारत ने केवल आतंकी शिविरों को निशाना बनाया, किसी पाकिस्तानी नागरिक या सैन्य ठिकाने को नहीं। भारत ने साफ किया कि उसका इरादा तनाव बढ़ाना नहीं, बल्कि भविष्य के हमलों को रोकना है। डोभाल ने इन देशों को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे के खिलाफ मिसाइल हमलों के बारे में जानकारी दी।
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर जैसे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के भर्ती केंद्र, प्रशिक्षण शिविर और हथियार डिपो थे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि यह कार्रवाई विश्वसनीय खुफिया जानकारी पर आधारित थी, जिसने भारत के खिलाफ और हमलों की साजिश का खुलासा किया था। मिस्री ने कहा, “हमारी कार्रवाई सटीक, जिम्मेदार और गैर-उग्रवादी थी। इसका मकसद आतंकी ढांचे को ध्वस्त करना था, न कि युद्ध को बढ़ावा देना।”
चीन ने इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को संयम बरतने की सलाह दी। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान पड़ोसी हैं और उन्हें शांति से मसले सुलझाने चाहिए। यह पहली बार है जब चीन ने इस तरह की स्थिति में पाकिस्तान को खुलकर समर्थन देने से परहेज किया।