Tuesday, April 16, 2024
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पुलवामा के जिस आतंकी हमले में बलिदान हुए 42 जवान, उसे राहुल गाँधी ने बताया ‘कार ब्लास्ट’, पाकिस्तान का नाम तक न लिया: कैंब्रिज में ‘लोकतंत्र पर खतरा’ का प्रोपेगेंडा बढ़ाया

राहुल गाँधी ने अपने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में दिए भाषण में जमकर झूठ बोला। एक तरफ तो उन्होंने ये दिखाया कि देश का लोकतंत्र कैसे खतरे में है, पेगासस से उनकी जासूसी हो रही है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने दिखाया कि कश्मीर में घूमने के दौरान उनका सामना आतंकियों से हुआ लेकिन आतंकियों ने उन्हें कुछ नहीं कहा।

कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने अपने ब्रिटेन दौरे के दौरान कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में छात्रों को ‘लर्निंग टू लिस्निंग इन 21 सेंचुरी’ यानी ’21 वीं सदी में सुनना सीखने’ के विषय पर संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पेगासस, कोर्ट, प्रेस से लेकर संसद तक पर प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाने का काम किया। अपने संबोधन में उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर लंबी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कश्मीर में हुए पुलवामा हमले को ‘कार ब्लास्ट’ कहकर जिक्र किया और पाकिस्तान या पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर एक शब्द नहीं बोला।

देश का लोकतंत्र खतरे में है- राहुल गाँधी

छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा कि भारत में मीडिया और न्यायपालिका सरकार के नियंत्रण में है। अपने भाषण के दौरान अखबारों की कटिंग शेयर करते हुए राहुल गाँधी ने आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यक और जनजातीय समुदाय के लोग सुरक्षित नहीं हैं। केरल से लेकर कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा करने वाले राहुल गाँधी ब्रिटेन जाकर देश में घूमने-फिरने की आजादी पर सवाल उठा रहे हैं।

राहुल का जेल वाला झूठ

अपने भाषण के दौरान राहुल गाँधी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के खिलाफ कुछ मुद्दों पर बात करने के लिए उन्हें कुछ नेताओं के साथ गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया था। उन्होंने समाचार पत्रों के स्क्रीनशॉट और पार्लियामेंट के बाहर प्रदर्शन की एक तस्वीर दिखाते हुए यह दावा किया। हालाँकि न तो तस्वीर न ही स्क्रीनशॉट इस बात की पुष्टि कर रहे थे कि राहुल गाँधी को गिरफ्तार किया गया था क्योंकि इस तरह की कोई घटना घटी ही नहीं थी।

राहुल गाँधी ने जिस तस्वीर को पार्लियामेंट के बाहर प्रोटेस्ट का बताया था वह दरअसल साल 2020 के हाथरस कांड के बाद की तस्वीर है। हाथरस जाने के रास्ते पर यमुना एक्सप्रेस वे के पास राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को रोक लिया गया था। उस वक्त इलाके में कर्फ्यू लगा हुआ था। राहुल गाँधी फिर भी हाथरस जाने की जिद कर रहे थे ऐसे में उन्हें कुछ घंटो के लिए उन्हें हिरासत में लिया गया था।

पेगासस से हो रही जासूसी- राहुल

संबोधन के दौरान राहुल गाँधी ने बड़ी संख्या में नेताओं के फोन में पेगासस होने का दावा किया। राहुल का दावा था कि उनके फोन में भी पेगासस था। कथित तौर पर इंटेलीजेंस अधिकारियों ने उन्हें फोन का सँभलकर इस्तेमाल करने की सलाह दी थी, क्योंकि फोन की रिकॉर्डिंग की जा रही थी। लेकिन सच्चाई यह है कि सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने भी कुछ स्मार्ट फोन की जाँच के बाद पेगासस संबंधी सॉफ्टवेयर के सबूत न मिलने की बात कही थी।

दिलचस्प बात यह है कि राहुल गाँधी के आरोपों के बाद जब जाँच के लिए उनका फोन माँगा गया तो उन्होंने फोन देने से मना कर दिया। उनके अलावा दूसरे नेताओं ने भी फोन देने से इनकार कर दिया था। जाँच टीम द्वारा 29 स्मार्ट फोन चेक किए गए जिनमें से 5 में एक प्रकार का मालवेयर तो मिला लेकिन यह पेगासस है यह साबित नहीं हो सका था।

‘मेरे खिलाफ झूठे मुकदमे’

संबोधन के दौरान कई झूठ बोल चुके राहुल गाँधी ने अपने उपर दायर मुकदमों को झूठा करार दिया। राहुल ने दावा किया कि उनपर ऐसे क्रिमिनल केसे चलाए जा रहे हैं जो नहीं होने चाहिए थे।

बता दें कि देश में लगभग 5 दशकों तक राज करने वाले परिवार पर हजारों करोड़ रुपए के घोटाले के मामले चल रहे हैं। खुद राहुल गाँधी बेल पर हैं।

संवाद हुआ मुश्किल, इसलिए भारत जोड़ो यात्रा की

राहुल गाँधी देश भर में चुनावी सभाएँ करते हैं। संसद में घंटो तक उनका भाषण होता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं। ट्विटर पर भी उनके करोड़ो फॉलोअर हैं ऐसे में उनका कहना कि लोगों के साथ संवाद मुश्किल हो गया है… हास्यासपद लगता है। राहुल जबरन भारत जोड़ो यात्रा और महात्मा गाँधी के दाँडी मार्च को समान दिखाने की कोशिश करते हैं। भारी सिक्योरिटी और सारी सुविधाओं से लैस लग्जरी कंटेनर में उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा की। अब इस यात्रा के दौरान सामने आई मुश्किलों पर बात कर रहे हैं। यह भी आश्चर्य जनक है।

‘मिलिटेंट्स ने मुझे देखा लेकिन हानि नहीं पहुँचाई

अपने 1 घंटे से भी अधिक देर के संबोधन में राहुल ने कहा, “कश्मीर कई सालों से हिंसाग्रस्त है। यहाँ सुरक्षा अधिकारियों ने मुझसे कहा कि आप कश्मीर में नहीं चल सकते।” राहुल गाँधी ने पुलवामा हमले का भी जिक्र किया। संबोधन के दौरान राहुल ने अपनी एक तस्वीर की तरफ संकेत करते हुए कहा, “यह वही स्थान है जहाँ एक कार बम धमाके में 40 जवान शहीद हो गए थे।”

इसके बाद राहुल गाँधी ने मिलिटेंट्स से उनका सामना होने की कहानी भी सुनाई। उन्होंने कहा, “जब हम कश्मीर में चल रहे थे तो हजारों लोग तिरंगा लेकर आगे आए। एक व्यक्ति करीब आया उसने कुछ लड़कों की तरफ दिखा कर बताया कि वो मिलिटेंट हैं। उन आतंकियों ने मुझे घूर कर देखा लेकिन कुछ कर नहीं पाए।”

राहुल ने देश को किया बदनाम, पाकिस्तान का नाम तक नहीं लिया

गौरतलब है कि पेगासस, कोर्ट, प्रेस से लेकर संसद तक पर प्रोपेगेंडा फैलाकर अपने ही देश को बदनाम करने वाले राहुल गाँधी ने उसी कश्मीर को अशांत करने वाले पाकिस्तान का एक बार भी नाम नहीं लिया। राहुल गाँधी की इनती हिम्मत नहीं हुई कि भारत में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को लेकर या पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा देश में हमलों पर ही उनकी निंदा कर सकें। राहुल अच्छी तरह से जानते हैं कि पुलवामा हमला करने वाले आतंकी नहीं बल्कि पाकिस्तानी आतंकी थे।

इस घटना को भी 2 नजरिए से देखा जा सकता है। एक तो यह कि राहुल गाँधी कश्मीर में पैदल चलते हैं। उनके साथ हजारों की संख्या में लोग पैदल चलते हैं। क्योंकि पीएम मोदी की नीतियों की बदौलत वहाँ यह संभव हो सका है। दूसरा यह कि राहुल गाँधी खुद को और अपनी यात्रा को सीआरपीएफ के जवानों को ले जा रही बस वाली यात्रा के विपरीत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।

राहुल गाँधी ने दावा किया कि उन्हें आतंकियों के किसी हमले का सामना नहीं करना पड़ा क्योंकि वह ‘अहिंसा’ का संदेश दे रहे थे और वह वहाँ लोगों की बात सुनने आए थे। यह एक तरह का भारत विरोधी प्रचार है जिसे राहुल अंतरराष्ट्रीय मंच से कर रहे हैं।

कॉन्ग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने राहुल गाँधी के इस संबोधन को अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया है। वीडियो के 20 वें मिनट से राहुल गाँधी को कश्मीर पर बोलते सुना जा सकता है। बता दें सैम पित्रोदा के प्रयासों के बाद ही कैम्ब्रिज में राहुल गाँधी का संबोधन हुआ।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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