इस्लामिक स्टेट (आईएस) से छिटके जिहाद सेल और अल-कायदा भारत पर जिहादी हमले की तैयारी कर रहे हैं। निशाने पर होंगे यहूदी, और अन्य इज़राइली नागरिक। इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक यह हमला उनके त्यौहारों और छुट्टियों के समय यानि सितंबर-अक्टूबर में किए जाए सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने इस बाबत बड़ी यहूदी आबादी वाले राज्यों को सतर्क करना शुरू कर दिया है।
तीन यहूदी त्यौहार होंगे अगले एक महीने में
अगले एक महीने में यहूदियों के तीन महत्वपूर्ण त्यौहार होंगे। शुरूआत 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक रोष हाशानह से होगी, उसके बाद यहूदियों का पवित्रतम दिन योम किप्पुर 8-9 अक्टूबर को पड़ेगा, और 13 से 22 अक्टूबर तक सुक्कोत मनाया जाएगा। इस कालखंड में एक बड़ी संख्या में यहूदी समुदाय के लोग अक्सर साल-दर-साल खास जगहों पर इकठ्ठा होते हैं। भारत में इज़राइल से इसके लिए बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं।
गौरतलब है कि संयोगवश इसी बीच हिन्दुओं के लिए महत्वपूर्ण शारदीय नवरात्रि (29 सितंबर-7 अक्टूबर), दुर्गा पूजा/काली पूजो (5-7 अक्टूबर) और दशहरा (8 अक्टूबर) भी पड़ रहे हैं।
ANI की एक रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे देशों की जासूसी एजेंसियों ने जो इनपुट भारत भेजा है, उसके मुताबिक निशाने पर नई दिल्ली में इज़राइली दूतावास भी है। इसके अलावा इज़राइलियों और यहूदियों द्वारा चलाए जाने वाले स्कूल और होटल भी निशाने पर हैं। यह जानकारियाँ 26/11 जैसे जिहादी हमले की याद दिलातीं हैं, जब कसाब और उसके साथियों के निशाने पर आए मुंबई के 10 इलाकों में से दो विशेष तौर पर यहूदियों को निशाना बनाने के लिए ही चुने गए थे। लियोपॉल्ड कैफ़े यहूदियों के बीच खासा मशहूर था, और नरीमन हाउस भारत में यहूदियों के महत्वपूर्ण स्थलों में गिना जाता है।
कश्मीर का बदला इज़राइल से
मीडिया सूत्रों के मुताबिक इज़राइल के कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मुद्दे पर भारत के समर्थन से जिहादियों में नाराज़गी फैली हुई है। जिहादी आतंकी हमले में भारत की ज़मीन पर यहूदियों को मार कर इज़राइल को ‘सबक’ सिखाना चाहते हैं। इसीलिए इंटेलिजेंस एजेंसियों ने स्थानीय पुलिस और इंटेलिजेंस को सूचित कर दिया है, ताकि जिहादी मंसूबों को कामयाब होने से रोका जा सके। यहूदियों के आवास, यहूदी और इज़राइली संस्थानों और दिल्ली स्थित चबड हाउस की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।