यदि आपका सोशल मीडिया से वास्ता है तो शायद यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (Youtuber Jyoti Malhotra) को जानते होंगे। शायद उसके चैनल ‘ट्रैवल विद जो (Travel with JO)’ का वीडियो भी देखा हो। अब खुलासा हुआ है कि यह ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान की जासूस है।
सोशल मीडिया से ही ज्योति ने नाम बनाया। सोशल मीडिया की गतिविधियों से ही वह एजेंसियों की रडार पर आई। उसका सोशल मीडिया प्रोफाइल खँगालते ही आपको एहसास हो जाएगा कि उसके लिए पाकिस्तान जाना और वहाँ के बड़े लोगों से मिल लेना कोई बड़ी बात नहीं थी।
ऐसे में यह सवाल उठता है कि उसके पीछे किसका हाथ है? अब उसके ही एक वीडियो से पता चला है कि वह दिल्ली के पाकिस्तानी उच्चायोग में राजनयिक बनकर तैनात उस ISI जासूस एहसान उर रहीम उर्फ दानिश के सीधे संपर्क में थी, जिसे हाल ही में भारत ने देश छोड़ने का आदेश दिया था। दावा यह भी है कि दानिश पर ज्योति मर मिटी थी। यह भी कहा जा रहा है कि दानिश ही ज्योति के पाकिस्तान आने-जाने का खर्च उठाया करता था।
आश्चर्यजनक तौर पर ज्योति को पाकिस्तान का वीजा आसानी से मिल जाता था। वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ की बेटी और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज से उनके बगल में ऐसे खड़ी होकर बतियाती थी, जैसे गहरी यारी हो।
आश्चर्यजनक यह भी है कि जिस पहलगाम में हिंदुओं की इस्लामी आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछकर हत्या की थी, वहाँ की उसने अटैक से कुछ महीने पहले ही यात्रा की थी और वीडियो बनाए थे। पहलगाम अटैक के बाद एक वीडियो में उसने पीड़ितों और भारत सरकार को ही इसका जिम्मेदार ठहराने की कोशिश भी की थी।
सोशल मीडिया पर ट्रैवल व्लॉगर ज्योति के कई चेहरे हैं। कभी वह लग्जरी लाइफ जीती नजर आती है। कभी वह मस्तक पर चंदन किए धार्मिक स्थल की यात्रा करती दिखती है। लेकिन यह तथ्य बार-बार खटकता है कि हरियाणा के हिसार में 55 गज के एक घर में पली-बढ़ी लड़की अचानक से इतनी शान-शौकत वाली जिंदगी कैसे जीने लगी? भारत के दुश्मन मुल्क की हर जगह उसके पहुँच में कैसे आ गई?
दिल्ली में 20 हजार की नौकरी की, पिता कारपेंटर
ज्योति के यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो‘ के 3.77 लाख सब्सक्राइबर हैं, जबकि इंस्टाग्राम पर उसे 1.31 लाख फॉलो करते हैं। उसके वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है इन्हें बनाने में मोटा खर्च हुआ होगा।

ज्योति हरियाणा की रहने वाली एक सामान्य घर की लड़की है। उसके पिता हरीश कुमार अभी भी सामान्य नौकरी करते हैं। यूट्यूबर ज्योति का हिसार की न्यू अग्रसेन कॉलोनी में सिर्फ 55 गज का घर है। इसमें तीन छोटे-छोटे कमरे बने हैं। पिता कारपेंटर की नौकरी करते हैं, मगर इस कमाई से घर नहीं चल पाता है। घर का खर्च चाचा की पेंशन से चलता था। ज्योति के माता-पिता का तलाक 20 साल पहले हो चुका है।

कभी दिल्ली में ज्योति 20 हजार की नौकरी करती थी। कोरोना में नौकरी छूटी और वह हिसार लौट आई। इसके बाद उसने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाना शुरू किया और अचानक से उसकी जिंदगी बदल गई।
सोशल मीडिया पर ‘धार्मिक-देशभक्त’ का नकाब
सोशल मीडिया पर ज्योति खुद को धार्मिक और देशभक्त दिखाने की पूरी कोशिश करती रही है। भारत के लगभग सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों के वीडियो बनाए हैं। देशभक्ति गीतों पर तिरंगे के साथ रील्स भी पोस्ट की है। लेकिन विदेश जाते ही उसका नकाब उतर जाता था।
पाकिस्तान के करतारपुर कॉरिडोर से लेकर भूटान के फर्टिलिटी टैंपल और ‘कंडोम कैफे‘ तक के उसने आपत्तिजनक वीडियो भी बनाए हैं। इन वीडियो के थंबनेल भी अश्लील हैं।

यूट्यूब चैनल पर पाकिस्तान के वीडियो की भरमार
ज्योति के यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ पर पाकिस्तान के कई वीडियो हैं। इनमें वहाँ की बस, ट्रेन, बाजार और संस्कृति को दिखाया गया है। इनमें ‘Indian Girl in Pakistan‘, ‘Indian Girl Exploring Lahore‘,’Indian Girl Ek Qatal Raaz Temple‘, ‘Indian Girl Rides Luxury Bus in Pakistan‘नाम से कई वीडियो हैं।
पाकिस्तान में कैसे बनाया नेटवर्क?
ज्योति ने पुलिस पूछताछ में कबूला है कि वह साल 2023 में पाकिस्तान का वीजा लगवाने दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी। वहाँ उसकी मुलाकात पाकिस्तानी अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई। दोनों के बीच संपर्क बढ़ा और बातचीत शुरू हो गई। इसके बाद ज्योति ने दो बार पाकिस्तान की यात्रा की। वहाँ दानिश के जानकार अली अहयान से मिली, जिसने उसके ठहरने और घूमने-फिरने का इंतजाम किया।
पाकिस्तान में अली अहयान ने उसे पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया अधिकारियों से मिलवाया। यहीं पर ज्योति की मुलाकात शाकिर और राणा शहबाज से भी हुई। शाकिर का नंबर उसने भारत लौटकर ‘जट रंधावा’ नाम से सेव कर लिया ताकि किसी को शक न हो। भारत लौटने के बाद वह व्हाट्सएप, स्नैपचैट और टेलीग्राम जैसे ऐप्स से लगातार पाकिस्तान से संपर्क में रही और देशविरोधी सूचनाएँ साझा करती रही।
दानिश की इफ्तार पार्टी की ‘खास मेहमान’
साल 2024 में ज्योति को पाकिस्तान हाई कमीशन से इफ्तार पार्टी का खास निमंत्रण मिला। वहाँ वह चीनी अधिकारियों से भी मिली। ज्योति ने इस कार्यक्रम का वीडियो खुद शेयर किया था, जिसमें वह दानिश के काफी नजदीक नजर आई। दानिश ने उसे पार्टी में रिसीव किया। वहाँ मौजूद अन्य मेहमानों से परिचय कराया और अपनी बीवी से भी मिलवाया।
इस 15 मिनट के वीडियो में ज्योति पाकिस्तान की व्यवस्था की तारीफ करती दिख रही है। वहाँ मौजूद भारतीयों से बातचीत कर रही है और पूछ रही है कि पाकिस्तान जाकर कैसा अनुभव रहा। आखिर में वीडियो का समापन दानिश और ज्योति मिलकर करते हैं। इसमें दानिश ने पार्टी में आने के लिए ज्योति का आभार भी जताया।

ज्योति की पाकिस्तान हाई कमीशन में तैनात दानिश से बार-बार मुलाकात होती रही। पूछताछ में यह सामने आया कि दानिश, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का एजेंट था। भारत सरकार ने 13 मई 2025 को उसे अवांछित व्यक्ति घोषित कर देश छोड़ने का आदेश दिया था।
दानिश के हाथों में खेल रही थी ज्योति?
दानिश का मकसद सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान की अच्छी छवि दिखाना और भारत विरोधी नैरेटिव को बढ़ावा देना था। इसी काम में उसने ज्योति का इस्तेमाल किया। ज्योति ने अपने सोशल मीडिया चैनलों पर ऐसे वीडियो और पोस्ट डाले हैं जिनका मकसद पाकिस्तान के पक्ष में माहौल बनाना है।
खुलासा हुआ कि दानिश भारत के कई अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के संपर्क में भी था, जिन्हें उसने पैसे और सुविधाएँ देकर अपने पक्ष में किया। खासकर पहलगाम हमले के बाद जब भारत में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा था, तब दानिश की रणनीति थी कि सोशल मीडिया पर पाकिस्तान को शांतिप्रिय देश बताया जाए। ज्योति ने इस प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
जब मरियम नवाज की बगलगीर बनी ज्योति
पाकिस्तान पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री मरियम नवाज का इंटरव्यू भी ज्योति ले चुकी है। गुरुद्वारा करतारपुर साहिब कॉरिडोर में मरियम नवाज के बगल में वह दिखाई पड़ती है।

दोनों काफी सहज अंदाज में बातचीत करते नजर आते हैं। 42 मिनट का यह वीडियो अप्रैल 2024 का है, जिसे 7.53 लाख दर्शक देख चुके हैं और करीब दो हजार कमेंट आए हैं। वीडियो में ज्योति कहती नजर आ रही कि वह यहाँ दूसरी बार आई हैं और यहाँ आकर उन्हें बहुत अच्छा महसूस होता है।
पाकिस्तान-चीन यात्रा के बाद हुआ शक
साल 2024 में ज्योति ने दो महीने के भीतर पाकिस्तान और चीन का दौरा किया। इसके बाद वह सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आई। वह 17 अप्रैल को पाकिस्तान गई। 15 मई को भारत वापस लौटी। पाकिस्तान से लौटने के 25 दिन बाद ही 10 जून 2024 को वह चीन चली गई। 09 जुलाई 2024 तक चीन में रही। फिर वहीं से 10 जुलाई को नेपाल में काठमांडू पहुँच गई।

इन यात्राओं के देखते हुए जाँच एजेंसी के अधिकारी अलर्ट हो गए। वह ज्योति को ट्रैक करने लगे। पुख्ता सबूत मिलते ही 15 मई 2025 को सुबह 9 बजे पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा। पिता और चाचा के मोबाइल जब्त कर लिए। ज्योति को थाने लेकर आई और पूछताछ की। रात 9 बजे उसे घर वापस भेज दिया। 17 मई को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
ISI के संपर्क में थी ज्योति?
फिलहाल ज्योति को पाँच दिन की रिमांड में लेकर पूछताछ की जा रही है। हिसार DSP कमलजीत ने बताया कि ज्योति पर अधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और BNS 152 के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा उसके मोबाइल और लैपटॉप से कई संदिग्ध सामग्री मिली है।
SP शशांक कुमार सावन ने पुष्टि की कि ज्योति ISI के संपर्क में थी। उसकी आय और खर्च में भारी अंतर है। बैंक खाते और सोशल मीडिया गतिविधियाँ खंगाली जा रही हैं। कुछ और सोशल मीडिया यूज़र्स भी जाँच के घेरे में है।