Tuesday, May 7, 2024
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‘पुलिस गोली नहीं तो क्या *** मारेगी? गुंडई का एक ही इलाज – ठुकाई’: पूर्व DGP ने दंगाइयों की पिटाई पर प्रलाप करने वालों को लताड़ा

"पुलिस ने ठीक किया। और ठुकाई करनी थी। गुंडई का एक ही इलाज है - ठुकाई। तब तक ठुकाई, जब तक लोगों को उनकी औक़ात न समझ में आ जाए।"

झारखंड के राँची और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दंगाई मुस्लिम भीड़ ने जम कर उत्पात मचाया, जिसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। कुछ ऐसे वीडियो-तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें पुलिस को भी दंगाइयों पर बल प्रयोग करते हुए देखा जा सकता है। हालाँकि, इस पर कई लोगों ने आपत्ति जताई है। ऐसे लोगों को केरल के पूर्व DGP एनसी अस्थाना ने खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने कहा कि हिंसा करने वालों का ऐसा ही इलाज होना चाहिए। जामताड़ा के कॉन्ग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने भी दंगाइयों की मौत की निंदा करते हुए उनके परिवार के लिए मदद का ऐलान किया

उन्होंने प्रयागराज की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि ये किसी नृत्य प्रतोयोगिता की फोटो नहीं है, बल्कि बाकि ये वो डांस है जो पुलिस की लाठी पड़ने पर किया जाता है। उन्होंने कहा कि उन्हें उस दिन पर अफ़सोस है, जब पुलिस को पॉलीकार्बोनेट पाइप्स दिए गए। CRPF और BSF के ADG रहे IPS अधिकारी ने कहा कि तेल में डुबो कर बाँस की लाठी से गुंडों को डांस करवाने का पुराना तरीका ही इससे अच्छा हुआ करता था।

उन्होंने कहा, “कुछ लिब्बू विलाप रहे हैं कि राँची में पुलिस ने दो प्राणियों को गोली मार दी। अरे, भैया, पुलिस गोली नहीं तो क्या *** मारेगी? अब वैसा कर दे तो बेवजह पुलिस के चरित्र पर आक्षेप होगा। इसीलिए गोली से संतुष्ट रहें। इसे स्पष्ट रूप से समझ लीजिए। शांतिपूर्व विरोध प्रदर्शन संवैधानिक अधिकार है, लेकिन पत्थरबाजी नहीं। ऐसा कोई कानून नहीं है जो कहता हो कि पुलिस ऐसी परिस्थितियों में सिर्फ आँसू गैस और वॉटर केनंस वगैरह का ही इस्तेमाल करने को मजबूर है।”

उन्होंने कहा कि कई जजमेंट पुलिस को गोली चला कर मारने की अनुमति भी देते हैं, अगर उस परिस्थिति में उसे ये ठीक लगता हो। इसके बाद उन्होंने प्रयागराज पुलिस द्वारा दंगाइयों की पिटाई का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “अत्यंत ही मनोहारी दृश्य! सुन्दर, अतीव सुन्दर! हेकड़ी ऐसे ही निकलती है!” प्रयागराज में दंगाइयों की पुलिस द्वारा पिटाई के एक अन्य वीडियो को उन्होंने सुंदर दृश्य बताते हुए कहा कि जब पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं तो कानून को अपना काम करने देना चाहिए।

उन्होंने कहा, “मामला दर्ज होने के बावजूद विरोध प्रदर्शन पूर्णरूपेण गुंडागर्दी है। ये और कड़ाई से पीटे जाने के लायक हैं। केस हो जाने के बावजूद विरोध प्रदर्शन गुंडई है। पुलिस ने ठीक किया। और ठुकाई करनी थी। गुंडई का एक ही इलाज है – ठुकाई। तब तक ठुकाई, जब तक लोगों को उनकी औक़ात न समझ में आ जाए। जिस विषय पर क़ानूनी प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी हो, उस पर विरोध प्रदर्शन करने का न कोई अधिकार बनता है, न औचित्य.।

उन्होंने कहा कि दबाव डालने की राजनीति का युग चला गया है, इसे लोग जितनी जल्दी समझ लें उतना बेहतर है। 76 वैज्ञानिक रिसर्च पेपर्स और 49 किताबें लिख चुके पूर्व IPS अधिकारी ने कहा कि मोदी-योगी-भाजपा विरोधी दलाल ये साबित करने में लगे हैं कि स्वतः ही देश भर में प्रदर्शन चालू हो गए, लेकिन इसमें विश्वास करने का कोई यकीन नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की छवि खराब करने के लिए CAA विरोधी आंदोलन की तर्ज पर ऐसा किया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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