लड़कियों की टीम के सभी बल्लेबाज क्लीन बोल्ड ऑउट हुए। इस तरह क्रिकेट इतिहास में एक अनोखा रिकॉर्ड रचा गया। हालाँकि, सभी बल्लेबाज खाता नहीं खोल पाईं पर कासरगोड की टीम 4 रन जरूर जोड़ पाई, जिसमें वायनाड की गेंदबाजों का ही योगदान रहा।
NDTV के हठी पत्रकार को जब अपने इस सवाल का जवाब नहीं मिला तो वो राहुल गाँधी की गाड़ी के पास जा पहुँचा और राहुल गाँधी से शिकायती अंदाज़ में पूछा, “आपने जवाब नहीं दिया, समोसा कैसा था?” लेकिन, इस बार पत्रकार महोदय को जवाब मिल जाता है, और राहुल बताते हैं कि हाँ उन्हें समोसा अच्छा लगा।
जो मीडिया और क्रांतिजीव 5 साल तक मोदी की विदेश यात्राओं का लेखा-जोखा करते रहे, उन्हें नेहरू से लेकर राजीव गाँधी के भ्रमणों से रूबरू होना चाहिए, ताकि वो उसकी समीक्षा कर के बता सकें कि मिस्ट्रेसीकरण और ससुरालीकरण उनकी किसी विदेश नीति का हिस्सा थे?
ब्रिटिश नागरिकता और उनके नाम (राउल विंची) को लेकर पहले भी विवाद उठ चुका है, जिसके लिए भारतीय गृह मंत्रालय ने बड़ा क़दम उठाते हुए राहुल गाँधी को नोटिस थमाकर उनकी विदेशी नागरिकता पर 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण माँगा था।
मेहमानों की सूची में राहुल और प्रियंका के चार दोस्त, सोनिया गाँधी की बहन, बहनोई और उनकी बेटी, उनकी विधवा माँ आर. मैनो, उनके भाई और एक मामा शामिल थे। साथ ही पूर्व सांसद अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया और उनके तीन बच्चे भी मौजूद थे।
दिग्विजय सिंह की इस रैली में पूरा माहौल भगवा रंग में रंगा नजर आया। रैली में शामिल लोगों ने भगवा झंडा लिया हुआ था और गले में भगवा पट्टे भी ओढ़े हुए थे। इस दौरान मध्य प्रदेश पुलिस के जवान भी सादी वर्दी पहने गले में भगवा रंग का पटका डाले नजर आए।
अखबार की इस कटिंग में अमेरिकी DNA विशेषज्ञ मार्टिन सिजो के हवाले से इस खबर में दावा किया गया है कि मार्टिन सिजो के पास राजीव गाँधी और राहुल गाँधी के DNA हैं, जो अलग-अलग हैं। साथ ही, खबर में दावा किया जा रहा है कि डीएनए विशेषज्ञ मार्टिन सिजो, भारत आकर इस बात के सुबूत देने के लिए तैयार हैं।
यदि पीएम मोदी के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर डालें तो फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम प्लेटफार्म्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फॉलोवर्स की संख्या 11,09,12,648 है।
इस लिस्ट में कामरेड कन्हैया कुमार के समर्थक युवा नेता जिग्नेश मेवानी से लेकर कॉन्ग्रेस नेता दिव्या स्पंदना और अन्य कई नाम मौजूद हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसी काल्पनिक और मनोवैज्ञानिक घृणा के कारण बेहद भद्दी बातें कही गई हैं
साल के दो दिनों को छोड़ दिया जाए, वो भी कॉन्ग्रेस के कार्यकाल के, तो राजीव गाँधी सिख हत्याकांड से लेकर, क्वात्रोची, एंडरसन, शाहबानो, रामजन्मभूमि, बोफ़ोर्स, भोपाल गैस कांड आदि के लिए हमेशा चर्चा में बने रहते हैं।