Friday, May 3, 2024

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अखिलेश यादव

‘अखिलेश यादव मुस्लिमों को लोकसभा चुनाव में ज्यादा टिकट नहीं देना चाहते थे, क्योंकि…’

"मेरी नजर में अखिलेश यादव की कोई अहमियत नहीं रह गई है। राम गोविंद चौधरी ने सपा के वोट भाजपा को ट्रांसफर करवा दिए लेकिन फिर भी अखिलेश ने उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की।"

राहुल के वायनाड जाते ही ‘टोंटी-चोर’ के भुट्टे पर मर-मिटा मीडिया

आज तक ने अखिलेश यादव की भुट्टे का भाव पता करने की इस मार्मिक घटना को सनसनी बनाकर साबित कर दिया है कि मीडिया को अपने केजरीवाल तलाशने के लिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है। वर्तमान राजनीति केजरीवालों से भरी पड़ी है।

अखिलेश-मायावती के कार्यकाल में हुआ किसानों के नाम पर करोड़ों का घोटाला, फर्जी बिल से हुआ खुलासा

इस घोटाले के बारे में उन्हें तब मालूम चला था जब बीज निगम ने भुगतान के लिए अपना बिल कृषि विभाग के पास भेजा था। इस दौरान 99 लाख का फर्जी बिल पाया गया, जिसके बाद ही घोटाले की विभागीय जाँच शुरू हुई।

Article 15: यादवों द्वारा किए रेप में ब्राह्मणों को बताया बलात्कारी क्योंकि वही बिकता है

ऐसे समय में जब लोग अपनी ग़लती को सुधारने के लिए तैयार हैं और आगे की तरफ बढ़ रहे हैं, इस तरह की फ़िल्में जातिगत पहचान के पुराने ढकोसले को अपने गले से नीचे उतारने का एक बेशर्म प्रयास है, जिसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है।

…तो अच्छा ही है कि अलग-अलग होकर चुनाव लड़ा जाए: मायावती ने लगाया महागठबंधन पर ब्रेक

बसपा सुप्रीमो का कहना है कि उनका रिश्ता सिर्फ़ राजनैतिक नहीं था, ये आगे भी इसी तरह का रहेगा। लेकिन, इन अच्छे संबंधों के बावजूद वो लोकसभा चुनावों में आए नतीजों को भूल नहीं सकती हैं। इसी वजह से उन्हें अपने फैसले पर दोबारा सोचना पड़ा।

पत्नी को भी नहीं जिता पाए ‘टोंटी-चोर’, UP में बुआ-बबुआ का गठबंधन टूटा, अकेले लड़ेगी BSP

बीजेपी अपने दम पर पूरे यूपी में 50% के करीब वोट और 64 सीटों पर जीत हासिल की तो वहीं सपा-बसपा मिलकर 15 सीटें और 40 फीसदी के आसपास वोट शेयर हासिल कर पाई। कुल मिलाकर पूरी तरह फेल हो गया उनका जातीय समीकरण। यही अब गठबंधन में टूट का कारण बन कर उभरा है।

निराशाजनक हार के बाद अखिलेश यादव की बड़ी कार्रवाई, सभी प्रवक्ताओं की हुई छुट्टी

लोकसभा चुनाव में न केवल जातीय गणित फेल हुआ है, बल्कि वंशवादी राजनीति को भी भारी झटका लगा है। राजनीतिक परिवार से आने वाले अधिकांश उम्मीदवारों को इस बार हार का सामना करना पड़ा है।

पिता की बात मान लेते अखिलेश तो 5 सीटों पर नहीं सिमटना पड़ता

बसपा से गठबंधन होने के बाद सपा के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अपनी नाराज़गी जाहिर की थी। उनका कहना था कि उनके बेटे अखिलेश ने उनसे बिना पूछे ये कदम उठाया।

‘अगर मोदी सच में OBC होते तो RSS उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनने देता’: मायावती

मायावती मोदी का राजनीतिक विरोध करते-करते भूल गईं कि अनुसूचित जाति/दलितों के उलट पिछड़ी जातियों के पिछड़ेपन के विमर्श में आर्थिक फैक्टर महत्वपूर्ण हो जाता है।

रवीश कुमार SP-BSP के मंच पर कौन सा ‘कठिन सवाल’ पूछने गए थे? कौन जात हो वाला?

पिछले साल रवीश कुमार द्वारा संचालित एक कार्यक्रम में, सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा था कि उन्हें उस पत्रकार की हत्या नहीं करने का पछतावा है जिसने उनकी आलोचना की थी। रवीश कुमार ने अखिलेश यादव की सहनशीलता की प्रशंसा करते हुए उस शो की शुरुआत की थी।

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