Tuesday, May 21, 2024

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कश्मीरी पण्डित

‘गदहे हैं ये लोग’: शिकारा से कश्मीरी पंडितों के जख्म पर नमक रगड़ने वाला चोपड़ा बौखलाया

विधु विनोद चोपड़ा ने कश्मीरी पंडितों का दर्द दिखाने के नाम पर 'शिकारा' बनाई। लेकिन, फिल्म में मुस्लिमों के अत्याचार को छिपा लिया और प्रेम-कहानी पर जोर दिया। इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों को अब गदहा बता वे झूठे आँकड़े गिना रहे हैं।

सरला का गैंगरेप और शरीर को 3 हिस्सों में चीर सरे बाजार घुमाना… शिकारा के ‘शातिरों’ ने सब कुछ छुपाया

जिस शांति का किरदार दिखाया गया, वो सरला भट्ट का है। सरला नर्स थीं और फिल्म में शांति को भी नर्स दिखाया गया है। मगर इसमें ये नहीं दिखाया कि कैसे आतंंकवादियों द्वारा सरला का सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर बढ़ई की आरी से उसके शरीर को तीन हिस्सों में चीर कर सरे बाजार घुमाया गया।

भारतीयों ने 50 सालों से J&K की माँ-बहन एक कर दी है: सामने आए ‘शिकारा’ वाले चोपड़ा के पुराने बयान

मेहता अपनी किताब में लिखते हैं कि 'मिशन कश्मीर' के लिए स्क्रिप्ट लिखते समय विधु विनोद चोपड़ा समुदाय विशेष की भावनाओं का ख्याल रखने और 'पोलिटिकली करेक्ट' बने रहने पर खासा जोर देते थे। चोपड़ा का मानना है कि भारत सरकार ने कश्मीर में 'रंग में भंग' डाला।

इस ‘शिकारा’ का डूबना आवश्यक था, बॉलीवुड के मजहबी आतंक प्रेम की पराकाष्ठा है ये

सोचिए इस पर, वरना प्रेम कहानी के चुम्मे में वन्धामा की 23 लाशों की विद्रूपता छुपा दी जाएगी। शिकारे पर बैठी नायिका की काली जुल्फों में सिगरेट से पूरे शरीर को जलाने के बाद, सर्वानंद कौल और उनके पुत्र की आँखें निकाल लेने की इस्लामी कलाकृति गायब कर दी जाएगी।

शिकारा रिव्यू: 90 में इस्लाम ने रौंदा, 2020 में बॉलीवुड कश्मीरी हिंदुओं पर रगड़ रहा नमक

चोपड़ा ही बताएँगे कि कश्मीर के गुनाहों और गुनहगारों से ऐसा परदा क्यों किया? न तो कश्मीरी हिन्दुओं की पीड़ा कहीं भी है, न ही नरसंहार का ख़ौफ़नाक मंजर... लगता है ‘कश्मीर की कली’ पार्ट 2 बनाना चाह रहे थे।

‘कश्मीरी हिन्दुओं पर थूकने का काम करती है शिकारा फिल्म, उल्टे हिन्दुओं को ही कम्युनल कहती है’

शिकारा फिल्म रिलीज होने के पहले ही दिन यह विवादों के घेरे में आ गई है। इस फिल्म टैग लाइन बदले जाने से लेकर इसमें कश्मीरी पंडितों की त्रासदी के नाम पर कश्मीरी पंडितों की भावनाओं का मजाक बनाने जैसे कारणों से बवाल खड़ा हो गया है।

छिपाया जा रहा कश्मीरी पंडितों का दर्द?: ‘शिकारा’ के कुछ पोस्टरों में इसे बताया गया ‘लव स्टोरी’

'शिकारा' का एक अन्य पोस्टर शेयर किया गया, जिसमें टैगलाइन बदला सा दिख रहा है। इसपर टैगलाइन है- "A timeless love story in the worst of times." इसका अर्थ है- 'अत्यंत बुरे समय की एक कालजयी प्रेम कहानी।' कश्मीरी पंडित वाली बात क्यों छिपाई जा रही है?

‘भिखारी नहीं हैं कश्मीरी पंडित, हमने किसी के सामने हाथ नहीं फैलाए, अपने पैरों पर खड़े रहे’

"हम ऐसी फिल्म बनाना चाहते थे जहॉं आप देखें कि हमारे साथ क्या हुआ और उसके बावजूद हम अपने जीवन में उम्मीद के सहारे खड़े रहे। हम भिखारी नहीं हैं। हमने सरकार के सामने अपने हाथ नहीं फैलाए बल्कि हम अपने पैरों पर खड़े रहे। यह छोटी नहीं, बल्कि बड़ी बात है।"

26 जनवरी 1990: संविधान की रोशनी में डूब गया इस्लामिक आतंकवाद, भारत को जीतना ही था

19 जनवरी 1990 की भयावह घटनाएँ बस शुरुआत थी। अंतिम प्रहार 26 जनवरी को होना था, जो उस साल जुमे के दिन थी। 10 लाख लोग जुटते। आजादी के नारे लगते। गोलियॉं चलती। तिरंगा जलता और इस्लामिक झंडा लहराता। लेकिन...

‘फ्री कश्मीर’ की चाह लिए वामपंथी गुंडे हिंदू कॉलेज की दीपिका को दे रहे धमकी

अपनी प्रोफाइल में SFI से ताल्लुक बताने वाला हिमांशु सिंह और अभिराम, अगर कश्मीरी हिन्दुओं के साथ खड़े हैं तो वो फ्री कश्मीर के पोस्ट को ‘दिल’ क्यों दे रहे हैं? अगर वो दीपिका की श्रद्धांजलि सभा में शांति बना कर कुछ मिनट सुन लेते तो क्या वो खड़ा रहना नहीं कहलाता? दरअसल वामपंथी गुंडों का सारा अजेंडा बाहर आ चुका है और...

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