बिहार में चमकी बुख़ार से अब तक 180 बच्चों की मौत हो चुकी है। इसका सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर में देखने को मिला है, जहाँ AES के कारण 145 बच्चों की जान गई है।
छात्राओं ने आरोप लगाया कि हॉस्टल वार्डन उनसे मालिश करने को भी कहती थी। घटना की सूचना मिलते ही हॉस्टल में रहने वालीं सभी 80 छात्राओं के परिजन अपनी-अपनी बच्चियों को वापस घर ले गए।
"सनोवर के अपनी भाभी के साथ अवैध संबंध थे, जिसके कारण वह अपने 2 बच्चों के साथ 3 साल से मायके में रहती थी। 10 दिन पहले ही दोनों पक्षों के बीच समझौते के बाद उसकी बेगम ससुराल आई थी। लेकिन जल्द ही उस पर तलाक देने का दबाव बनाया जाने लगा और तलाक देने से मना करने पर उसे आग के हवाले कर दिया।"
राज्य सरकार ने सफाई देते हुए कहा है कि पर्यावरण के प्रति जागरुकता पैदा करने और लोगों को ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से आम और उसके पौधे बाँटे गए। कहा यह भी जा रहा है कि सदन में जिस विभाग का बजट पेश किया जाता है उस विभाग की तरफ से सदस्यों के बीच उपहार बाँटने की भी परंपरा रही है।
"निजी वाहन में बिना अनुमति के कोई प्रवेश नहीं किया जा सकता। इसकी अनुमति वाहन का मालिक ही दे सकता है। लेकिन, यदि वाहन सार्वजनिक स्थल पर खड़ा है तो पब्लिक के पास प्राइवेट वाहन को अप्रोच करने का अवसर होता है।"
मामले को लेकर विरोधाभासी वृत्तांत सामने आ रहे हैं। इंडिया टुडे के मुताबिक महिला ने शनिवार सुबह 9 बजे शिशु को जन्म दिया। न्यूज़ 18 ने शुक्रवार रात 3:20 के आसपास चोरी होने का दावा किया है।
माँ-बेटी जिस गाँव में रहते हैं, सभी आरोपी उसी गाँव के हैं। इस मामले में 5 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपित खुर्शीद समेत 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
2016 में मैथ्यूज परिवार ने बिहार के एक अनाथालय से बच्ची को गोद लिया था। केरल के मैथ्यूज ने अमेरिका में अक्टूबर 2017 में शेरिन की हत्या की। मैथ्यूज ने ख़ुद को बचाने के लिए एक के बाद एक कई झूठे दावे पेश किए। कभी उसने कहा कि बच्ची दूध नहीं पी रही थी तो कभी कहा कि वो कहीं ग़ायब हो गई थी।
जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उनके रिश्तेदारों ने कहा, “हमारे बच्चे मर रहे हैं। पानी नहीं है। हमने इसके खिलाफ रोड घेराव किया तो प्रशासन ने हम पर केस दर्ज कर दिया। केस दर्ज होने के बाद हमारे परिवारों के पुरुष गाँव छोड़कर भाग गए हैं। घर में कमाने वाले वही थे और अब उनके न होने से हमें और दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।”
"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विवादित बयान देने के लिए अपने नेताओं को खुली छूट दे रखी है। सीएम ने ख़ुद ही लोकसभा चुनाव के दौरान अपना मतदान करने के बाद विवादित बयान दिया था। उस वक़्त उन्हें ये कहने की क्या ज़रूरत थी कि जदयू अनुच्छेद 35A और 370 हटाने के मामले में भाजपा का समर्थन नहीं करती?