31 मई को अतानासियो के खिलाफ एक महिला के साथ छेड़छाड़ (मोलेस्टेशन) और अभद्रता का नया मामला भी दर्ज हुआ है। यह एक अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई के दौरान का वाकया है।
दावे के अनुसार ₹99 करोड़ से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग कमलनाथ के तत्कालीन आधिकारिक निवास 1, तुगलक रोड से हुई है। यह बंगला कमलनाथ को छिंदवाड़ा के सांसद के तौर पर मिला था।
कभी दिल्ली के राजीव चौक पर हो जाता है, तो कभी राजस्थान के सचिवालय में हो जाता है, कभी-कभी तो संसद में भी चल पड़ा था। लेकिन, इसका मतलब ये नहीं कि एक बार गलती से चला दो और दूसरी बार जाँच करने के लिए। हालाँकि, जो भी हुआ उसमें डिजिटल इंडिया और दैनिक सस्ते इंटरनेट की छाप तो है ही, चाहे गोदी मीडिया कितना भी छुपाने की कोशिश करे।
कॉन्ग्रेस की समस्या को और बढ़ाते हुए, पाटिल के साथ पूर्व मंत्री अब्दुल सत्तार ने भी कॉन्ग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने तो यहाँ तक दावा किया कि जल्द ही 8-10 और विधायक भी पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
"प्रियंका गाँधी ने अपना काम किया। लेकिन, पार्टी कार्यकर्ताओं, स्थानीय नेताओं, प्रत्याशियों और संगठन उनसे चुनावी लाभ नहीं ले सके। राहुल जी ने इस चुनाव के लिए बहुत कड़ी मेहनत की और प्रियंका जी ने भी उसी दमखम के साथ उनसे ताल से ताल मिलाईं।"
अशोक गहलोत ने कहा, "यदि जीतने पर श्रेय लेने के लिए सभी लोग आगे आ जाते हैं तो हारने पर भी ज़िम्मेदारी सामूहिक होनी चाहिए। ये चुनाव किसी एक व्यक्ति नहीं, बल्कि सामूहिक नेतृत्व में संपन्न हुआ है।"
शौक़ बहराइची का एक लोकप्रिय शेर है - "बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था, हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा।" चुनाव आएँगे-जाएँगे, लेकिन कॉन्ग्रेस ने इस शेर को हमेशा ही प्रासंगिक बनाए रखा है।
गोला इलाके में कुछ अराजक तत्व मूर्ति को बुर्का पहनाकर वहाँ से चले गए। जब सोमवार सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों ने इंदिरा पार्क में पूर्व पीएम की मूर्ति पर बुर्का चढ़ा हुआ देखा तो वह दंग रहे गए। यह खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई।
कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद के भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कासरगोड ज़िले के मंजेस्वरम निर्वाचन क्षेत्र से आगामी उपचुनाव लड़ने के लिए पार्टी उन्हें टिकट दे सकती है।