अपने ही प्रोफेसरों से प्रताड़ित माखनलाल के छात्रों के साथ बीते दिनों पुलिस ने भी जोर-जबर्दस्ती की थी। बावजूद इसके जब ये भोपाल की सड़कों पर निकले तो कोई शोर-शराबा नहीं हुआ। न सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुॅंचाया गया।
यह पहला मौका नहीं है जब जेएनयू के छात्रों ने वीसी पर हमला किया हो। इससे पहले भी जेएनयू में प्रवेश परीक्षा कंप्यूटर आधारित होने पर यहाँ के छात्रों ने विरोध किया था और कुलपति जगदीश कुमार के घर में लगभग 400-500 छात्रों ने हमला किया था।
पिछले महीने फ़ीस बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ जेएनयू कैम्पस के अंदर हुआ प्रदर्शन काफ़ी हिंसक हो गया था, इसलिए पुलिस ने सार्वजनिक स्थल पर प्रदर्शन को लेकर पूरी मुस्तैदी दिखाई। जेएनयू की तरफ जाने वाली सड़कों पर आवागमन रोक दिया गया था।
बीएचयू के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय प्रत्येक रविवार को गीता का विशेष रूप से प्रवचन किया करते थे। आज गीता जयंती है और रविवार भी है। इसकी परम्परा धर्म विज्ञान संकाय आज भी निभा रहा है। ख़ुद को हिन्दू धर्म के कार्यक्रमों से दूर रखने वाले कुलपति गीता जयंती में हिस्सा लेने भी नहीं आए।
कल को हो सकता है कि कोई उसके समुदाय के बारे में लिख दे। इस तरह से तो सभी आपस में जाति को लेकर लड़ बैठेंगे। उन्होंने 'ये मेरा भारत नहीं' वाले गैंग पर निशाना साधते हुए कहा कि वो लोग देश तो नहीं छोड़ेंगे लेकिन यहाँ रह कर आपस में लड़ते-लड़ाते ज़रूर रहेंगे।
छात्रों ने सिक्योरिटी गार्ड को भी धमकी दी। जब गार्ड ने छात्रों के बात करने के रवैये पर ऐतराज जताया तो एक छात्रा ने उसे चुप रहने की हिदायत देते हुए कहा कि सिक्योरिटी गार्ड बात नहीं करेगा। छात्रों ने लैब के एंट्रेंस पर पोस्टर भी चिपका रखे थे।
प्रोफेसरों ने छात्रों से कहा कि जो हो रहा है उसे होने दो और जैसा विश्वविद्यालय प्रशासन चाहता है, वैसा करो। प्रोफेसरों ने धमकी देते हुए कहा- "हम लोग तो बाहर बैठे रहेंगे फिर भी हमें रुपए मिलते रहेंगे, तुमलोग अपना सोचो। करियर चौपट कर दिया जाएगा तुम सबका।"
वीसी का पुतला-दहन करने वाले छात्रों ने आरोप लगाया कि कई अन्य विभागों में इसी तरह अयोग्य नियुक्तियाँ की गई हैं, जिनकी जाँच होनी चाहिए। उनका आरोप था कि फ़िरोज़ ख़ान की नियुक्ति की आड़ में वीसी अन्य अयोग्य नियुक्तियों को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।
छात्रों की संख्या लगभग 8,000 है। कुल ख़र्च 556 करोड़ है। कैलकुलेट करने पर पता चलता है कि जेएनयू हर एक छात्र पर सालाना 6.95 लाख रुपए ख़र्च करता है। क्या इसके कुछ सार्थक परिणाम निकल कर आते हैं? ये जानने के लिए रिसर्च और प्लेसमेंट के आँकड़ों पर गौर कीजिए।