पिता का आरोप है कि भूसुर गाँव के एक व्यक्ति द्वारा हमारे बटों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इसलिए हमने निर्णय लिया है कि यदि हमारे बेटे ने धर्म परिवर्तन किया तो उन्हें पैतृक संपत्ति से बेदखल कर दिया जाएगा।
राफिया नाज ने कहा कि वो डेढ़ घंटे तक गेट के बाहर खड़ी रही, लेकिन महिला सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली झारखंड सरकार के राज में उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया।
झारखंड में सरकार बदलते ही आदिवासियों के जबरन धर्मांतरण ने जोर पकड़ लिया है। खासकर, लॉकडाउन के दौरान चर्च के एजेंटों ने इस बड़े पैमाने पर अंजाम दिया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर झारखंड पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप किया था। उसके बाद बेंगलुरु के कुंबलगुडु पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज हुई और छानबीन के बाद इस मामले में तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया।