Thursday, May 2, 2024

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LokSabha 2019

लोकतंत्र का लहसुन: रावण से रा.टू होने तक मायावती का मनुवादी होना ज़रूरी है

हिंसक आंदोलनों की नाजायज़ औलादें, लाशों पर पैर रख कर संसद तक पहुँचती है। ऐसी भीड़ें ही इन नाजायज़ बच्चों को जनती है जो बाद में इन्हीं के लिए बने संसाधनों को पत्थर से बने पर्स में, और पार्कों के पिलर पर बने हाथियों में खपा देते हैं।

तेज प्रताप ने बनाया लालू-राबड़ी मोर्चा: खुद निर्दलीय लड़ने की भी दी धमकी, यादव कुनबा धराशाई!

"राजद के स्वार्थी नेताओं के सफाए के लिए मैंने 'लालू-राबड़ी' मोर्चा बनाया है। तेजस्वी यादव समझदार हैं लेकिन उन लोगों की वजह से उनके आँखों पर पर्दा आ गया है। मेरी माँ राबड़ी देवी को भी सजग रहने की ज़रूरत है। मेरी बातें सभी लोगों को बाद में समझ आएँगी।"

बेगूसराय: गिरिराज के पहुँचते ही कन्हैया गैंग के छूटे पसीने, चोखा-भुजिया के बीच का अंतर भूले जिग्नेश

दिवंगत सांसद भोला सिंह की पत्नी, सिमरिया काली मंदिर और दिनकर की प्रतिमा से आशीर्वाद ले चुनाव प्रचार शुरू करने वाले गिरिराज ने स्वरा-शबाना जैसे मुम्बइया सेलिब्रिटीज के दम पर कूद रहे कन्हैया को उनके अपने गाँव में ही अपनी ताक़त दिखा दी।

कॉन्ग्रेस ने करोड़ों हिन्दुओं पर लगाया आतंकवाद का दाग, अंग्रेजों ने भी नहीं किया था ऐसा: मोदी

"जब आपने हिन्दू आतंकवाद शब्द सुना तो आपको गहरी चोट पहुँची थी कि नहीं? हज़ारों साल के इतिहास में हिन्दू कभी आतंकवाद करे, ऐसी एक भी घटना नहीं है। अंग्रेजों ने भी कभी हिन्दुओं के हिंसक होने का जिक्र नहीं किया। कॉन्ग्रेस ने ये पाप किया।"

मुश्किल चुनावों के दौरान सोनिया और इंदिरा भी भागी थीं दक्षिण भारत, जीत कर छोड़ दी थीं सीटें

हार के बाद इंदिरा गाँधी ने दक्षिण भारत का रुख किया। अपना पहला चुनाव लड़ रही सोनिया के लिए दक्षिण में 'सेफ सीट' खोजी गई। अब हार से डरे राहुल भी दक्षिण भारत भाग खड़े हुए हैं। चिकमंगलूर, बेल्लारी और अब वायनाड- क्या है इनमें समान?

जगन्नाथपुरी: BJD के गढ़ में हिंदुत्व और गरीबों की आवाज़ बन कर गरज रहे संबित पात्रा

अपने हाथों से बूढ़ी महिला को खिलाना, साधु-संतों को दण्डवत प्रणाम, मंदिरों में दर्शन, ग़रीबों संग भोजन, बीजद-कॉन्ग्रेस के दिवंगत नेताओं का सम्मान- संबित पात्रा ने पुरी में भाजपा के लिए बिगुल बजा दिया है। उनके अभी तक के पूरे चुनावी अभियान का विश्लेषण।

इलेक्शन है तो मंदिर भी जाना पड़ता है – 582 दिनों का सच अब आया सामने

जामा मस्जिद के शाही इमाम द्वारा किसी खास पार्टी के समर्थन की घोषणा करने से लेकर जनेऊ और शिव-भक्त बनते हुए भारतीय राजनीति ने लंबा सफर तय कर लिया है। इस सफर में मजार पर चढ़ते चादर से लेकर गंगा आरती तक के स्टेशन आए। लेकिन अब जो आया है, वो 'रंगीला' है, 'खूबसूरत' है।

आडवाणी के कारण बचे रहे शत्रुघ्न सिन्हा, BJP ने निलंबित न कर के उन्हें बनाया अप्रासंगिक

कहानी 1992 नई दिल्ली उपचुनाव की, जिसके बाद 'हारे' हुए शत्रुघ्न सिन्हा को भाजपा ने वो सब कुछ दिया, जो उन्हें किसी और पार्टी में जीतने के बाद भी नहीं नसीब होता। और कहानी अब की, जब वो भीड़ भी नहीं जुटा पाते। भाजपा ने उन्हें सही तरीके से हैंडल किया।

लालू परिवार में संकट के पीछे का गणित: तेज प्रताप के बग़ावत से अधर में महागठबंधन

लालू यादव के समय उनके आस-पास रघुनाथ झा, रघुवंश प्रसाद, अखिलेश सिंह और सीताराम सिंह जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता संकटमोचक के रूप में हुआ करते थे जो पार्टी में किसी भी तरह की स्थिति को संभालने की ताक़त रखते थे। आज पार्टी को इनकी कमी खल रही है।

आजादी के बाद पहली बार ‘सरकारी MEME’, PIB क्यों उतर आई MEME की दुनिया में?

PIB सोशल मीडिया के माध्यम से MEME बनाकर जनता से मतदान करने का सन्देश दे रहा है। एक MEME में PIB युवाओं से मतदान के दिन मोबाइल पर PUBG खेलने की जगह मतदान करने का निर्देश दे रहा है।

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