पाकिस्तान के गृह मंत्री ने कबूल किया है कि इमरान खान की सरकार अब आतंकियों को मुख्यधारा में शामिल कराएगी। क्योंकि ये आतंकी उनके कहने पर अफगानिस्तान में लड़े थे और ये उनकी जिम्मेदारी है कि अब वो उन आतंकियों को नौकरी और पैसे दें।
एजेंसी ने खुलासा करते हुए बताया था कि कोड वर्ड्स POK के नियंत्रण रेखा के पास लगाए गए FM ट्रांसमिशन के जरिए भेजे जाते हैं। इसमें जैश-ए-मोहम्मद के लिए (66/88) MHz, लश्कर-ए-तैयबा के लिए (ए3) और अल बद्र के लिए (डी 9) बैंड्स रखे गए हैं।
पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन एक बार फिर से अपनी बात के कारण चर्चा का विषय बने हैं। दरअसल, उन्होंने एक ट्वीट में माना है कि हर फिदायीन हमले में मदरसे का ही छात्र शामिल होता है।
"लड़की और हसन के परिवारों ने एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें उन्होंने मामले को आपस में सुलझाने की बात कही है। लड़की के परिवार ने हसन और उसके परिवार के सदस्य एवं मित्रों के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए हैं, इसलिए उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द हो गई है।"
यूएन ने बार-बार पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे को उछालने पर कहा है कि दोनो देशों को शांतिपूर्ण तरीके से इस मामले का समाधान ढूँढना होगा। इस पर उनकी ओर से मध्यस्ता का अभी कोई विचार नहीं हैं।
इमरान ने कॉन्ग्रेस प्रवक्ता संजय झा को कॉल किया, जो नृत्य की तीन विधाओं- बेली डांस, बैलेट डांस और कत्थक डांस में पारंगत माने जाते हैं। लेकिन उन्होंने साफ़ इनकार कर दिया क्योंकि इमरान ने जोक्स और मीम्स के मामले में राहुल को भी पीछे छोड़ दिया है।
बलूच नेता ने कहा कि पाकिस्तान ने ख़ुद को दुनियाभर के इस्लाम के समर्थकों के मानवाधिकार का रक्षक होने का तमगा दिया हुआ है। उन्होंने कहा, "चीन में लाखों उइगरों पर अत्याचार हो रहा लेकिन पाकिस्तान चुप है क्योंकि बलूचिस्तान में चीन भी उसका 'पार्टनर इन क्राइम' है।"
“हमें ऐसे बयानों की निंदा करने की जरूरत है। कश्मीर बंद नहीं है। वहाँ कर्फ्यू नहीं है। अगर कर्फ्यू होता तो लोगों को ‘कर्फ्यू पास’ के साथ बाहर निकलना होता।”
सुरक्षा परिषद के बाद अब मानवाधिकार परिषद में भी पाकिस्तान की किरकिरी हुई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव विजय ठाकुर ने कहा कि दुनिया ख़ूब समझती है कि जो देश आतंकवाद का मुख्य केंद्र है, वह ग़लत नैरेटिव फैलाता रहता है।