Friday, March 29, 2024

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अगर वीसी ने धर्म संकाय में नियुक्ति नियमों का ध्यान रखा होता तो BHU की बदनामी नहीं होती: प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी

"जब कोई ऐसा कुलपति (VC) हो जिसे न उस संस्थान और उसके संस्थापक के मूल्य पता हों, न हिन्दू धर्म में आस्था तो ऐसा अनर्थ होना स्वाभाविक हो जाता है। सरकार को सोचना चाहिए जब वो कुलपति का चुनाव करती है कि कहाँ के लिए कैसा कुलपति उपयुक्त है।"

BHU में फिरोज का विरोध जारी: रुद्राभिषेक के बाद काशी विद्वत परिषद ने किया समर्थन, आज अस्सी पर सभा

"आप जज क्यों बन जाते हो, 'संस्कृत विभाग और मुस्लिम विरोध लिखकर' पूरे देश को गुमराह कर दिया। आप बताओ तो सही कि मामला क्या है? नियुक्ति संस्कृत विभाग में नहीं बल्कि 'संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय' में हुई है और ये मुस्लिम विरोध नहीं बल्कि सनातन धर्म की रक्षा का प्रश्न है। बाकी निर्णय क्या होगा ये आप छोड़ दीजिए, पहले सही मुद्दा तो सामने आए।"

SVDV के प्रोफेसरों ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र: कहा- ‘फिरोज की नियुक्ति BHU एक्ट के खिलाफ’, कार्यकारिणी करेगी पुनर्विचार

वाइसचांसलर राकेश भटनागर ने कार्यकारिणी परिषद से 20 नवंबर तक की पूर्व सहमति ले ली थी ये डर दिखाकर कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो मानवसंधान मंत्रालय और UGC इन पदों को कभी भी लैप्स कर देगा इसलिए औपचारिकताओं को निभाए बगैर उन्हें नियुक्ति का अधिकार दें। उन्होंने दावा किया कि ऐसा JNU में भी होता आया है।

BHU छात्रों की रैली, PMO को ज्ञापन सौंप कहा- महामना के मूल्य और विश्वविद्यालय के संविधान का हो पालन

"धरना तो समाप्त कर दिया, लेकिन आंदोलन अभी भी जारी है। जहाँ तक सवाल आयुर्वेद विभाग के संस्कृत प्रोफेसर पद के लिए फिरोज खान के आवेदन का है तो यह उनका निजी विषय है, और अगर प्रशासन उनकी नियुक्ति करता है तो यह प्रशासन का विषय है। लेकिन संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में..."

प्रोफ़ेसर फ़िरोज़ ख़ान ने आयुर्वेद विभाग में किया आवेदन, 29 नवंबर को होगा इंटरव्यू

कला संकाय में वैकेंसी नहीं है, केवल एक पद आयुर्वेद विभाग में खाली है। संभवतः वहाँ उन्हें चुन लिया जाएगा। इसके बाद फ़िरोज़ ख़ान SVDV से त्यागपत्र दे देंगे, क्योंकि उनकी जॉइनिंग वाइस चांसलर ऑफ़िस में हो चुकी है।

फिरोज को चुनने के लिए 26 OBC अयोग्य, भ्रष्टाचार की जाँच होनी चाहिए: BHU के शोध छात्र का दावा

सौरभ द्विवेदी के गाइड वहीं हैं जो इस मामले में अभी फोकस में है साहित्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर उमाकांत चतुर्वेदी। सौरभ जी से ऑपइंडिया संपादक अजीत भारती ने उनसे फिरोज काण्ड पर विस्तृत चर्चा की। पेश है उसी इंटरव्यू के मुख्य अंश जो इस पूरे मामले में आपकी ऑंखें खोलने के लिए ज़रूरी है।

PMO के दखल पर BHU के छात्रों ने धरना को दिया विराम, क्लास और परीक्षाओं का बहिष्कार जारी रहेगा

इस विरोध प्रदर्शन के विराम की कहानी पीएमओ के दखल के बाद लिखी गई। आज ही इस मामले की गूँज प्रधानमंत्री तक पहुँची थी। और प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की है। पीएमओ ने इस पूरे बवाल को लेकर BHU प्रशासन से रिपोर्ट भी माँगी।

चाँद से सब कुछ देखने वाले, मूर्तिपूजा को हराम कहने वाले सूर्य सिद्धांत पढ़ाएँगे: BHU के प्रोफ़ेसरों का प्रश्न

"हिन्दू धर्मशास्त्र कौन पढ़ाएगा? उस धर्म का व्यक्ति जो बुतपरस्ती कहकर मूर्ति और मन्दिर के प्रति उपहासात्मक दृष्टि रखता हो और वो ये सिखाएगा कि पूजन का विधान क्या होगा? क्या जिस धर्म के हर गणना का आधार चन्द्रमा हो वो सूर्य सिद्धान्त पढ़ाएगा?"

BHU: लिबरलो, वामपंथियो, मीठे हिन्दुओ, धिम्मियो… यज्ञ की विधि गैर हिन्दू नहीं सिखाएगा

सहिष्णुता, प्लूरलिज्म आदि अपने मूल को बचाते हुए, दूसरों को ससम्मान उनके मूल को बचाने में सहयोग देना है। इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं है कि चूँकि उसे पता है कि मंदिर में घंटी बजाना होता है तो वो मंदिर की घंटी तक न पहुँचे तो हम उसे अपने सामने शिवलिंग पर लात रख कर घंटी तक पहुँचते देखते रहें, और कुछ न करें।

जब वामपंथियों और कॉन्ग्रेसियों ने महामना के BHU संविधान को मोलेस्ट कर ‘सेक्युलर’ बनाया

जब मुस्लिम और ईसाई एक तरफ अल्पसंख्यक होने के नाम पर अपना मजहब और उसकी शुद्धता बनाए रखेंगे और दूसरी तरफ भजन, गीत, संगीत के आभूषणों के साथ संस्कृत भाषा सीखकर आपके हिन्दू धर्म, सनातन मूल्यों, वैदिक साहित्य और अनुष्ठानों की अपने तरह की व्याख्या करेंगे। तब आप सर्वधर्म समभाव का झुनझुना बजाते रहिएगा।

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