NaMo ऐप पर एक भाजपा नेता द्वारा हाल ही में दावा किया गया था कि मेरठ के प्रहलाद नगर से कम से कम 125 हिन्दू परिवारों ने इलाक़े में मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिन्दू महिलाओं के उत्पीड़न के कारण पलायन किया है।
इससे पहले वडोदरा में एक मुस्लिम व्यक्ति ने 14 साल की दसवीं कक्षा की छात्रा के साथ न सिर्फ़ बार-बार बलात्कार करने बल्कि इस कुकृत्य को मोबाइल फोन में रिकॉर्ड करने की ख़बर सामने आई थी।
ये दोनों सबसे पहले बड़ी उम्र के कुँवारे लड़कों की जानकारी जुटाते थे और फिर उनके पास शादी का प्रस्ताव भेजते थे। लड़की दिखाने के लिए कुँवारों को होटल बुलाया जाता था और फिर उनसे अकाउंट में रुपया जमा करवाने के लिए कहा जाता था।
जैनब को शौहर साबिर से सब्जी के लिए ₹30 माँगना महंगा पड़ गया। बीबी द्वारा सब्जी के लिए पैसे माँगना शौहर को इतना नागवार गुजरा कि उसने इसके लिए बीबी के साथ मारपीट की और फिर तीन बार तलाक बोलकर घर से निकाल दिया।
गाँव के बाहर निकलते ही जब किशोरी सुनसान रास्ते से गुजर रही थी, तभी राशिद, नदीम, वाहिद एवं तसुव्वर ने उसका रास्ता रोका। किशोरी के शोर मचाने पर बदमाशों ने उसे तमंचा दिखाया और फिर तमंचे के बल पर उसे मदरसे में ले जाकर बारी-बारी से बलात्कार किया।
शारीरिक रूप से स्वस्थ भिखारियों के पुनर्वास के लिए शहर के 5.8 लाख घरों से कचरा इकट्ठा करने और इसके बदले उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने का काम सौंपा जाएगा। इनमें से कुछ को दैनिक स्वच्छता कार्यों में प्रतिनियुक्त किया जाएगा, जैसे कि कचरा इकठ्ठा करना, नालियों की सफाई और सड़कों की सफाई आदि।
यूपी में अनुसूचित जातियों के लिए 17 लोकसभा और 403 विधानसभाओं में से 86 सीटें रिजर्व हैं। इनमें इन जातियों को चुनाव लड़ने का अवसर मिलेगा। जबकि, ओबीसी के लिए सीटें रिजर्व नहीं हैं। इसका दुष्परिणाम जातिगत राजनीति करने वाली सपा-बसपा जैसी पार्टियों को भुगतना पड़ेगा।
पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाईयों के संदर्भ में अपने अन्य ट्वीट में यूपी पुलिस ने लिखा कि प्रभावी कार्रवाई करने के फलस्वरूप अपराधों में 20-35% की कमी आई है। सभी सनसनीखेज अपराधों का यथासम्भव 48 घंटे में ख़ुलासा हुआ है।
"प्रहलाद नगर ही नहीं, मेरठ के चार थाना क्षेत्रों - कोतवाली, देहलीगेट, लिसाड़ी गेट और नौचंदी थाना क्षेत्र के करीब 30 मोहल्लों से 'संप्रदाय विशेष' से डर कर हिंदू आबादी अपना मकान बेचकर जा चुकी है।"
वह लोग उनके घर में गाली देते हुए घुसे और सविता के सिर पर मारा, फिर उन्होंने चौहान को बहुत तेज छाती पर घूँसा मारा और उन्हें कई बार उठा-उठाकर ज़मीन पर पटका। गंगाराम के होश गंवाने तक उन्हें पीटा गया और फिर वे लोग उन्हें छोड़कर चले गए। सविता के अनुसार उनके पति को देखकर ऐसा लग रहा था कि उनकी मृत्यु हो गई है।