Friday, May 10, 2024

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केरल

ईसाईयों ने सबरीमाला को 1950 में आग लगा दी थी, आज भी नफरती चिंटुओं की नज़र पर है आस्था

सवाल यह भी है कि क्या हम खुद अपने मंदिरों पर जारी हमलों को उसी तरह देखने और बयान करने की हिम्मत जुटाएँगे जैसा वो सचमुच हैं? सेकुलरिज्म का टिन का चश्मा हम अपनी आँख से उतारेंगे क्या?

निर्मला सीतारमण ने जो किया, वो आजम खान जैसों के मुँह पर ‘तमाचा’ है – शशि थरूर ने भी किया सैल्यूट!

दोनों नेताओं की पार्टी के मध्य अनेकों मतभेदों के बाद भी निर्मला सीतारमण का थरूर से मिलना उन्हें भावुक कर गया। उन्होंने ट्विटर पर अपनी तस्वीर को साझा करने के साथ कहा कि राजनीति में शिष्टाचार एक दुर्लभ गुण है।

मंदिर में पूजा के दौरान शशि थरूर को लगी गहरी चोट, माथे पर आए 6 टाँके

साल 2009 में केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद चुने जाने वाले शशि थरूर एक बार फिर यहाँ से अपनी किस्मत आजमाने को तैयार हैं। वे तिरुवनंतपुरम से कॉन्ग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार हैं।

केरल नन-रेप केस के आरोपित फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ SIT ने दाखिल की चार्जशीट

जाँच टीम के प्रमुख पुलिस महानिरीक्षक विजय साखरे ने कहा है कि बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच कई बार बलात्कार करने का आरोप है।

राहुल जी, रुमाल एक बार और फेर दीजिए न, लोगों में सही मैसेज जाएगा: घायल पत्रकार और राहुल का PR

वैसे तो 2014 के बाद से वो टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थन में भी खड़े दिखाई दिए थे लेकिन अब वो मानवता का प्रत्यक्ष चेहरा बनकर उभर रहे हैं।

‘हेट पॉलिटिक्स’ के नाम पर जिन्होंने साधा BJP पर निशाना, वो केरल में बढ़ते अपराधों पर हमेशा क्यों चुप रहे?

केरल जैसे राज्य में जहाँ इसी विचारधारा के लोगों का शासन है, वहाँ आए दिन भाजपा/ आरएसएस के कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्याओं की खबरें आती हैं। तब वहाँ हेट पॉलिटिक्स पर लेक्चर देना किसी से भी संभव नहीं हो पाता और न ही कोई अपील हो पाती है। 2012 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है कि केरल में सर्वाधिक 455.8 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए हैं। लेकिन फिर भी इनके लिए भाजपा ही हेट पॉलिटिक्स का पर्याय है।

कॉन्ग्रेस के पतन के लिए पप्पू ने लगाया जोर: अखबार के शीर्षक पर बवाल, ‘अमूल बेबी’ अब भी प्रासंगिक

दक्षिण में राहुल ने वाम मोर्चा से ही लड़ने का फैसला ले लिया! इस पर अच्युतानंद का कहना है कि यह तो वैसे ही है जैसे किसी पेड़ की उस शाखा को काटना, जिस पर आप बैठे हैं। ऐसे में राहुल के बारे में उन्होंने जो सालों पहले ‘अमूल बेबी’ बोला था, वह आज भी वैसे ही लागू होता है।

वायनाड से संसद की राह ‘जलेबी’ जैसी सीधी, यह समीकरण देख लीजिए राहुल G

राहुल गाँधी के वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के औपचारिक ऐलान के बाद वाम दलों में हलचल मच गई। वाम दलों ने इसे भाजपा के ख़िलाफ़ लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास बताते हुए राहुल को हराने का दावा किया।

20 किलो की ‘कंकाल’: पति और सास की हैवानियत, दूधमुँहे बच्चों पर भी नहीं खाया तरस

तुषारा की माँ विजयलक्ष्मी का कहना है कि उनकी बेटी को पिछले पाँच साल से परेशान किया जा रहा था और घर के किसी सदस्य से भी नहीं मिलने दिया जाता था।

कम्युनिस्टों को नहीं पसंद हैं राहुल गाँधी, वायनाड सीट पर हरा कर ही लेंगे दम

वायनाड में मुक़ाबला बहुत अधिक दिलचस्प है क्योंकि कॉन्ग्रेस ने 2014 में लोकसभा में माकपा के उम्मीदवार के रूप में मुस्लिम उम्मीदवार एमएल शाहनवाज़ को मैदान में उतारा था। कॉन्ग्रेस उम्मीदवार ने 21,000 मतों के बहुत कम अंतर से जीत हासिल की थी।

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