"मेरी हत्या हो सकती है। मरना तो वैसे भी है। शायद हत्या ही मेरी नियति में है। इसके लिए एफसीसी और स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार होगा। मैं यहाँ कॉन्वेंट में रहूँगी। मैंने पुलिस से सुरक्षा भी माँगी है। लेकिन उन्होंने अब तक कुछ नहीं किया है।”
दुष्कर्म में आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ पिछले साल सितंबर में हुए विरोध-प्रदर्शन में शामिल 5 ननों में से एक लूसी कलपूरा हैं। इसके कारण FCC ने उन्हें बर्खास्त कर 17 अगस्त तक कॉन्वेंट छोड़ने को कहा था। इसके खिलाफ उन्होंने वेटिकन में अपील कर रखी है।
केरल के एक ईसाई युवक की हत्या के मामले में उसके लिए 'दलित ईसाई' शब्द के इस्तेमाल पर The News Minute पोर्टल की सम्पादक धन्या राजेंद्रन को ट्विटर पर लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। राजेंद्रन ने केविन पी जोसेफ़ की हत्या के मामले में खबर शेयर करते हुए कहा था कि ‘दलित ईसाई’ युवक की हत्या में दस लोगों को दोषी पाया गया है।
जब सिस्टर लूसी कलपुरा ने छह अन्य ननों के साथ मुलक्कल का विरोध शुरू किया तो कैथोलिक क्रिश्चन सोसायटी फ्रासिस्कन क्लेरिस्ट कॉन्ग्रिगेशन ने नियमों का हवाला देकर उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश की। उनलोगों को चर्च की गतिविधियों से दूर कर दिया।
जिस छात्र के साथ यह घटना घटित हुई थी वो बीए तृतीय वर्ष का छात्र अखिल चंद्रन था। इस घटना के पीछे वामपंथी छात्र संगठन SFI के कार्यकर्ताओं का हाथ था। चंद्रन के सीने में SFI के अध्यक्ष आर शिवरंजीथ ने चाकू मारा था, जबकि संगठन के सचिव एएन नसीम ने उसे पकड़ रखा था।
पुलिस ने बताया कि मलयालम दैनिक ‘सिराज’ के ब्यूरो प्रमुख के एम. बशीर (35) सड़क किनारे मोटरसाइकिल खड़ी कर उस पर बैठे हुए थे तभी तेज रफ्तार कार ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। बशीर की मौके पर ही मौत हो गई।
"हम एक ऐसा देश नहीं बन सकते, जहाँ जय श्री राम का नारा लगाने पर पाबंदी हो। यह वो समय है, जब हमें जय श्री राम का नारा लगाने की और ज्यादा जरूरत है।" इस दौरान थॉमस ने अपनी बात को 'जय श्री राम' के नारे के साथ खत्म किया।
मुहम्मद मुहसिन की मौत की ख़बर उसके परिजनों को व्हाटसएप के ज़रिए मिली। वो संदेश मलयालम भाषा में लिखा था, “आपका भाई शहीद होना चाहता था। अल्लाह ने उसकी आकांक्षा के मुताबिक़ उसकी ख़्वाहिश पूरी कर दी। 10 दिन पहले हुए अमेरिकी सेना के ड्रोन में वो शहीद हो गया।”
जज वी चिताम्बरेश के अनुसार ब्राह्मण की विशेषताएँ 'स्वच्छ आदतें, उत्कृष्ट सोच, शानदार चरित्र, अधिकांशतः शाकाहारी होना, शास्त्रीय संगीत का पुजारी' होना है। उनके मुताबिक जब किसी व्यक्ति में यह गुण आ जाते हैं, तो वह ब्राह्मण हो जाता है।