प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहे अनुसार चुनाव के बाद के कार्यों के लिए सरकारी अधिकारियों ने 100 दिन का रोडमैप बनाना शुरू कर दिया है। इस नए प्लान में 10 नए शहरों के विकास के लिए एजेंडा तैयार हो रहा है। ये प्लान इस तह का बनाया गया है कि इसे लागू करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की शुरुआती फंडिंग लगेगी।
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट में अधिकारी के हवाले से इसकी जानकारी दी गई है। अधिकारी के नाम का खुलासा रिपोर्ट में नहीं हुआ है लेकिन ये बताया गया है कि योजनाओं में विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों का विस्तार करने के लिए लगभग 10 नए शहर स्थापित करना शामिल है। इसके अलावा जनसंख्या की बढ़ती रफ्तार को रोकना भी इसमें एक मुद्दा है।
बताया जा रहा है कि सत्तारूढ़ पार्टी ने घोषणापत्र में जो अपने विकास के वादे किए हैं, ये प्रस्ताव उन्हीं लक्ष्यों का विस्तार रूप हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दावा है कि अधिकारी किफायती घरों के लिए ऋण पर एक नई ब्याज सब्सिडी योजना की योजना पर भी चर्चा कर रहे हैं, जिसकी घोषणा पहली बार मोदी ने पिछले साल की थी। सब्सिडी का उद्देश्य रियल एस्टेट क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देना है।
इस प्लान के तहत के और ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौते का समापन होने की बात भी रिपोर्ट में है। साथ ही 2035 तक भारत में निर्मित वाणिज्यिक विमानों के लिए एक उद्योग विकसित करना शामिल होगा। वाहन प्रदूषण रोकने पर भी ध्यान देने को भी इस प्रस्ताव में जगह दी गई है। कहा गया है कि राज्यों को दबाव देकर इन्हें सुधार की दिशा में काम करने को कहा जाएगा और नगर निगमों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इसके अलावा भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता कानून को संशोधित करने की सिफारिश भी इसमें है जिससे रिटर्न अधिक मिलने में मदद हो।
बता दें कि पीएम मोदी का सपना देश को 2047 तक विकसित देश बनाने का है। कुछ अर्थशास्त्री इसे संंभव बताते हैं तो कुछ कहते हैं कि अगर विकास की दर 8 फीसद से नीचे हुई तो ये सपना पूरा नहीं होगा। ऐसे में पीएम मोदी ने अधिकारियों से पहले से कहा था कि वो प्लान तैयार रखें ताकि बिन समय गँवाए काम शुरू हो सके।