Thursday, September 19, 2024
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‘ये कूड़ेदान में फेंकने लायक’: हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट पर भड़के वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे, कहा – ये अमेरिका में भी बदनाम, भारत उड़ा रहा मजाक

उन्होंने सवाल किया कि आखिर लोग बेबुनियाद आरोप लगा कर कैसे निकल लेते हैं? हरीश साल्वे ने कहा कि भारत में लोग प्रतिष्ठा को गंभीरता से नहीं लेते हैं।

हाल ही में ‘हिंडेनबर्ग रिसर्च’ नामक अमेरिकी संस्था ने एक बार फिर से भारत के अडानी ग्रुप को निशाना बनाया। इसके साथ-साथ भारतीय नियामक संस्था SEBI की अध्यक्ष माधवी पुरी और उनके पति धवल बुच को भी लपेटा। हालाँकि, इस बार पिछली बार की तरह अडानी की शेयरों में गिरावट नहीं देखी गई। अब वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने भी हिंडेनबर्ग की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भारत का मजाक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी संस्थाओं पर लगाम नहीं लगाई गई तो एक दिन ये भारत की न्यायपालिका पर सवाल उठाएँगे।

उन्होंने कहा कि हिंडेनबर्ग अमेरिका में भी बदनाम है, लेकिन हम इसे यहाँ विश्वसनीयता दे रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि हम आखिर हिंडेनबर्ग को क्यों एक भविष्यवक्ता या फिर सटीक समाचार देने वाला मानते हैं? पूर्व सॉलिसिटर जनरल ने NDTV को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि किसी भी अन्य देश में यही माना जाता कि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट कूड़ेदान में फेंकने के लायक है। उन्होंने कहा कि आज ये SEBI को धमका रहा है। बकौल हरीश साल्वे, भारत में मानहानि के लिए एक प्राधिकरण होना चाहिए।

वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता ने अंदेशा जताया कि कल को ऐसी संस्थाएँ जजों को भी नहीं छोड़ेंगी। उन्होंने कहा कि कुछ नेता हिंडेनबर्ग रिपोर्ट को गंभीरता से ले रहे हैं, ये शर्मनाक है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर लोग बेबुनियाद आरोप लगा कर कैसे निकल लेते हैं? हरीश साल्वे ने कहा कि भारत में लोग प्रतिष्ठा को गंभीरता से नहीं लेते हैं, हमें अब भारतीय प्रतिष्ठा को गंभीरता से लेने का समय आ गया है। हरीश साल्वे ने कहा कि हिंडेनबर्ग भारत का मजाक बना रहा है।

बता दें कि पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव की फाँसी की सज़ा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में हरीश साल्वे ने ही रुकवाई थी। साथ ही हाल ही में उन्होंने ‘कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS)’ में ‘भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन’ (IOA) की तरफ से विनेश फोगाट को मेडल दिलाने के लिए दलील दी। विनेश फोगाट को तय मानक से वजन अधिक होने के कारण मेडल से वंचित कर दिया गया था। इधर भारत में हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच का इस्तीफा माँगा जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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