अभिनेत्री कंगना रनौत ने बॉलीवुड के सेलेब्रिटीज और मशहूर हस्तियों को अमेरिका के ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन पर बोलने, जबकि पालघर में साधुओं की लिंचिंग जैसी राष्ट्रीय घटनाओं पर चुप रहने पर उनकी आलोचना की है। अभिनेत्री ने एक बार फिर बॉलीवुड सितारों द्वारा चुनिंदे मुद्दों पर अपनी बात रखने वाले पाखंड का पर्दाफाश किया।
बीबीसी के लुसी होकिंग्स के साथ एक इंटरव्यू में, कंगना रनौत ने कई मुद्दों पर बात की, जिसमें चुने गए कुछ ही मामलों में बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ का एक्टिविज्म दिखाना, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर उनका जानबूझकर चुप्पी साध लेना, जैसे कि पालघर साधु हत्या पर किसी ने कुछ नहीं बोला।
उन्होंने यह भी बोला कि कैसे एक तरफ ये लोग ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ जैसे आंदोलनों के समर्थन में खड़े होते हैं, वहीं दूसरी ओर यही लोग काले को गोरा बनाने वाली क्रीम का समर्थन भी करते हैं।
कंगना की टीम द्वारा ट्विटर पर शेयर किए गए वीडियो में, कंगना रनौत उन एंकरों के सवालों का जवाब देती नजर आईं, जिन्होंने पूछा कि क्यों मशहूर हस्तियाँ, राजनेता अपने आस पास हुए घिनोंने अपराधों की निंदा नहीं करते है। जबकि कहीं दूर घट रहीं घटनाओं पर तुरंत कमेंट कर देते हैं।
लुसी को जवाब देते हुए, अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा, “मुझे लगता है कि यह किसी भी तरह से पश्चिम का हिस्सा बनना चाहते हैं। लेकिन, यदि आप देखते हैं कि एशियाई हस्तियाँ और अभिनेता कैसे काम करते हैं, तो वे देश के इस हिस्से में बहुत प्रभावी हैं, लेकिन मुझे नहीं पता कि वे अमेरिका के सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों में कैसे भाग ले रहे हैं।”
Catch #KanganaRanaut in conversation with @LucyHockingsBBC on @BBCWorld on selective activism of Bollywood Celebrities, commercializing dissent, Fairness Creams Endorsements, #Blacklivesmatters & silence on #PalgharSadhuLynching & other burning matters in India (1/3) pic.twitter.com/zSpLzoy5zq
— Team Kangana Ranaut (@KanganaTeam) June 5, 2020
हाल ही में पालघर में हुए हिंदू साधुओं की भयावह घटना का हवाला देते हुए, कंगना रनौत ने तथाकथित हस्तियों के चुनिंदे मुद्दों के बारे में बात करते हुए कहा कि इस घटना पर किसी ने भी एक शब्द तक नहीं कहा क्योंकि यह बहुसंख्यक लोगों की भावना से जुड़ा था।
उन्होंने कहा कि जब आप अपनी करुणा, अपनी सक्रियता, अपनी मानवता का राजनीतिकरण करते हैं, तो निश्चित रूप से आप समस्या का हिस्सा हैं। कंगना ने आगे कहा कि जो लोग दूसरों को दर्द देते हैं वो भी किसी ने किसी के प्रति दया रखते हैं लेकिन समस्या ये है कि उनकी करुणा भी सेलेक्टिव होती है।
अभिनेत्री ने कहा कि साधुओं की हत्या पर नाराजगी न जाहिर करने वाले देश में ज्यादातर हस्तियों से पूछा जाना चाहिए, कि क्यों साधुओं की हत्या पर कोई ऐसा आउटरेज पैदा नहीं हुआ? क्या सिर्फ इसलिए कि मार दिए गए साधुओं ने जो भगवा कपड़े पहने थे। कंगना रनौत ने बताया कि कैसे कोई इस घटना के बारे में बात नहीं करना चाहता था।
अभिनेत्री ने उन तथाकथित हस्तियों को उन मुद्दों पर बोलने के लिए ललकारा जो दूर घटित हो रहीं घटनाओं पर अपनी राय रखते है लेकिन अपने ही देश के मुद्दों पर चुपी साध लेते है।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री ने कहा, “हर देश के अपने अलग-अलग मुद्दे होते है, हमें दुनिया को सुधारने की कोशिश करने से पहले अपने भीतर की बुराई से निपटना होगा। और ऐसा करने में हम असफल हो रहे हैं।”
देश की लोकप्रिय हस्तियों के पाखंड का पर्दाफाश करते हुए, अभिनेत्री ने कहा कि इन लोगों ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ कहने से पहले काले चेहरे को गोरा बनाने वाले फेयरनेस उत्पादों का समर्थन करना बंद कर देना चाहिए। ये लोग कैसे दो मुँहा बातें कर सकते है और कोई इनसे यह सवाल पूछता क्यों नहीं है?”
कंगना रनौत ने ऐसे सेलिब्रिटी को लताड़ते हुए कहा, “उन लाखों-डॉलर के सौदों के बारे में जो वे कर रहे थे और अचानक कैसे उनके लिए ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ रखने लगा। एक व्यक्ति के रूप में आपने इन मतभेदों को सिर्फ पैसा बनाने के रूप में देखा। जोकि इंसानियत को शर्मसार करता है।”
Catch #KanganaRanaut in conversation with @LucyHockingsBBC on @BBCWorld on selective activism of Bollywood Celebrities, commercializing dissent, Fairness Creams Endorsements, #Blacklivesmatters & silence on #PalgharSadhuLynching & other burning matters in India (1/3) pic.twitter.com/zSpLzoy5zq
— Team Kangana Ranaut (@KanganaTeam) June 5, 2020
शो के आखिरी में कंगना रनौत ने कहा कि देश में मशहूर हस्तियाँ सिर्फ अपने पर्सनल मतलब को बढ़ावा देने के लिए ये विज्ञापन कर रही हैं।
इससे पहले भी, बॉलीवुड अभिनेता कंगना रनौत ने पालघर साधु लिंचिंग पर इन तथाकथित हस्तियों की चुप्पी पर सवाल उठाया था। जहाँ उन्होंने साधुओं की हत्या पर किसी भी सेलेब्रिटी के कुछ न बोलने पर आपत्ति जताई थी।