Friday, October 18, 2024
Homeसोशल ट्रेंडरक्षाबंधन पर गाय के चमड़े के उपयोग न करने की सलाह पर खुद ही...

रक्षाबंधन पर गाय के चमड़े के उपयोग न करने की सलाह पर खुद ही फँसा PETA इंडिया, लोगों ने पूछा- राखी में कहाँ होता है चमड़े का उपयोग

PETA के इस बैनर को लेकर जम कर हंगामा हुआ। PETA ने कहा है कि गायों को भी रक्षा की ज़रूरत है। इसके बाद विवाद खड़ा हो गया था क्योंकि PETA को यह तक पता नहीं कि रक्षाबंधन में चमड़े का उपयोग नहीं होता है। और लोगों ने तो PETA इंडिया से बकरीद पर भी ऐसी ही एक अपील की बात कह कर अपना आक्रोश व्यक्त किया।

पशु अधिकारों के संरक्षण के लिए काम करने का दावा करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था PETA ने गाय के चित्र वाले उस बैनर ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें रक्षाबंधन के दौरान राखी में चमड़े का उपयोग न करने की सलाह दी गई है।

इस बैनर को लेकर जम कर हंगामा हुआ। PETA ने कहा है कि गायों को भी रक्षा की ज़रूरत है। दरअसल, बुधवार (जुलाई 15, 2020) को गुजरात से सोशल मीडिया यूज़र्स ने उस बैनर की तस्वीर शेयर की थी। इसके बाद विवाद खड़ा हो गया था क्योंकि PETA को यह तक पता नहीं कि रक्षाबंधन में चमड़े का उपयोग नहीं होता है। और लोगों ने तो PETA इंडिया से बकरीद पर भी ऐसी ही एक अपील की बात कह कर अपना आक्रोश व्यक्त किया।

ऑपइंडिया से बात करते हुए PETA इंडिया के इस अभियान की कोऑर्डिनेटर राधिका सूर्यवंशी ने बताया, “रक्षा बंधन हमारी बहनों की रक्षा का समय है, और गाय हमारी बहनें हैं। हमारी तरह, वे भी रक्त, मांस और हड्डी से बनी हैं और जीना चाहती हैं। हमारा विचार प्रतिदिन गायों की रक्षा करने का है और रक्षा बंधन एक बहुत ही अच्छा दिन है। जिसमें हम आजीवन चमड़े से मुक्त रहने का संकल्प ले सकते है। ”

सोशल मीडिया पर PETA इंडिया के इस अभियान की अदूरदर्शिता पर भड़के आक्रोश पर अपनी नाराजगी जताते हुए सूर्यवंशी ने कहा, “अभियान से ज्यादा यह अपमानजनक है कि गायों और भैंसों को इतनी ज्यादा संख्या में वाहनों पर लाद दिया जाता है। जिससे उनकी हड्डियाँ झुलस जाती हैं और उनका दम भी घुटने लगता है। जो बच जाते हैं, उनका गला दूसरे गाय भैसों के सामने रेत दिया जाता है। हमें इस हिंसा के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करनी चाहिए। लेकिन लोग इस हिंसा के प्रति नहीं बल्कि अपना गुस्सा पेटा के खिलाफ निकालते है जब कि हम गायों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”

इससे पहले PETA ने लखनऊ में एक बिलबोर्ड लगवाया था। जिसमें एक बकरी की तस्वीर के साथ लोगों को शाकाहारी बनने और लखनऊ में अप्रत्यक्ष रूप से मुस्लिमों द्वारा बकरी की हत्या को रोकने की अपील की गई थी।

जिसके बाद सुन्नी मौलवी ने इसका विरोध किया था। और यह दावा किया कि मुस्लिम इस त्यौहार के मौके पर कुर्बानी देते हैं। यह पोस्टर पूरी तरह आपत्तिजनक है। इस पोस्टर ने हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। बकरी की कुर्बानी हमारे धर्म का एक हिस्सा है।

वहीं इस विरोध के बाद, उस बिलबोर्ड अर्थात होर्डिंग को वहाँ से हटा दिया गया था। जिसे हटाने को लेकर PETA ने दावा किया कि उन होर्डिंग्स को पुलिस अधिकारियों ने हटा दिया था। फिर भी, वे होर्डिंग्स को हटाने से सहमत नहीं थे। हालाँकि, ऑपइंडिया से बात करते हुए, लखनऊ पुलिस ने कहा था कि पेटा ने खुद ही होर्डिंग्स हटा दिए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

गुजरात के गिर-सोमनाथ में तोड़े जो इस्लामिक ढाँचे (दरगाह+मस्जिद) वे अवैध: सुप्रीम कोर्ट को प्रशासन ने बताया क्यों चला बुलडोजर, मुस्लिम बता रहे थे...

गिर-सोमनाथ में मस्जिद-दरगाह गिराने में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना नहीं हुई है, यह वहाँ के कलेक्टर ने कहा है।

‘बहराइच के दरिंदों का हो गया इलाज’: जिस अब्दुल हमीद के घर हुई रामगोपाल मिश्रा की हत्या, उसके 2 बेटों का नेपाल बॉर्डर पर...

बहराइच पुलिस ने रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या करने के आरोपित रिंकू उर्फ सरफराज खान और तालिब उर्फ सबलू का एनकाउंटर कर दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -