Friday, May 3, 2024
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‘सहिष्णुता और शांति का स्तर ऊँचा कीजिए’: हिंदी को राष्ट्रभाषा बताने पर जिस कर्मचारी को Zomato ने निकाला था, उसे CEO ने फिर बहाल किया

"इस घटना से वो आसानी से कुछ सीख सकती हैं और आगे अच्छा कर सकती हैं। हुए याद रखिए, हमारे कॉल सेंटर एजेंट्स युवा लोग हैं, जो अपने करियर के शुरुआती हुए संवेदनशील दौर में हैं।"

रेस्टॉरेंट एग्रीगेटर और फ़ूड डिलीवरी कंपनी Zomato के CEO दीपिंदर गोयल ने उस कर्मचारी को फिर से बहाल कर दिया है, जिसे कंपनी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बताने पर निकाल दिया था। दीपिंदर गोयल ने कहा कि एक कंपनी के सपोर्ट टीम द्वारा अनभिज्ञता से हुई गलती राष्ट्रीय मुद्दा बन गई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि हमारे देश में सहिष्णुता और शांति का स्तर आज जितना है, इससे कहीं बहुत ज्यादा ऊँचा होना चाहिए।

दीपिंदर गोयल ने अपने बयान में कहा, “हम फिर से उस कस्टमर केयर एजेंट को बहाल कर रहे हैं क्योंकि ये अकेला ऐसा कारण नहीं होना चाहिए, जिसके आधार पर किसी को कंपनी से निकाल दिया जाए। इस घटना से वो आसानी से कुछ सीख सकती हैं और आगे अच्छा कर सकती हैं। हुए याद रखिए, हमारे कॉल सेंटर एजेंट्स युवा लोग हैं, जो अपने करियर के शुरुआती हुए संवेदनशील दौर में हैं।”

दीपिंदर गोयल ने कहा कि हम सभी को एक-दूसरे की खामियों के प्रति सहिष्णुता दिखानी चाहिए। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमें एक-दूसरे की भाषा और संस्कृति से जुड़ी भावनाओं का भी सम्मान करना चाहिए। उन्होंने ट्विटर के जरिए लिखा, “तमिलनाडु, हम आपसे प्यार करते हैं। उतना ही, जितना हम बाकी के देश से करते हैं। ना ज्यादा, ना कम। हम सब समान ही तो हैं, चाहे कितने ही अलग क्यों न हों।”

Zomato के CEO दीपिंदर गोयल ने जारी किया बयान

Zomato, हिंदी और कस्टमर केयर कर्मचारी: जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि

रेस्टॉरेंट एग्रीगेटर और फ़ूड डिलीवरी कंपनी Zomato ने अपने एक कस्टमर केयर कर्मचारी को फायर कर दिया था, क्योंकि उसने कहा था कि थोड़ी-बहुत हिंदी सभी को आनी चाहिए। विकास नाम के यूजर ने ट्विटर के माध्यम से कंपनी से शिकायत की थी। इसके बाद Zomato ने बयान जारी कर के सफाई दी थी। उक्त ग्राहक ने Zomato से रिफंड की माँग की थी, क्योंकि भोजन के मेनू में उसने जो ऑर्डर किया था, वो उसे नहीं मिला था।

इसीलिए, उसने कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव से बात की। कर्मचारी ने कहा था कि वो रेस्टॉरेंट से बात करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भाषा की बाधा के कारण ये संभव नहीं हो पा रहा है। इस पर ग्राहक विकास ने कहा था कि अगर Zomato तमिलनाडु में काम कर रहा है तो उसे ऐसे लोगों को हायर करना चाहिए, जो तमिल जानते हों। उसने किसी अन्य कर्मचारी को ट्रांसफर कर के अपने रिफंड की माँग की थी।

इस पर कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ने लिखा था, “आपको बता दें कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और सभी को इसकी थोड़ी-बहुत जानकारी होनी चाहिए।” इसके बाद उक्त कर्मचारी ने ग्राहक के साथ हुई गलती के लिए माफ़ी भी माँगी और इसे एक दुर्भाग्यशाली घटना बतया। विकास ने ट्विटर पर इस चैट का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया और लिखा कि उक्त कर्मचारी तमिल नहीं जानता, इसीलिए मुझे झूठा बोल रहा है।

इसके बाद Zomato ने इस सम्बन्ध में बयान जारी कर के कहा था कि वो अपने कस्टमर एजेंट के व्यवहार के लिए क्षमा माँगता है। उसने अपने बयान में कहा था, “हमारी विविधता भरी संस्कृति को नजरअंदाज करने के लिए हमने उक्त कर्मचारी को हटा दिया है। हम अपने एजेंट्स को जिन संवेदनशीलता के लिए प्रशिक्षित करते हैं, ये व्यवहार इसके विपरीत था। ये हमारे प्रोटोकॉल्स के विरुद्ध था, इसीलिए हमने ये कार्रवाई की।”

अंग्रेजी और तमिल में जारी किए गए बयान में Zomato ने कहा था, “हमारे कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ने जो भी कहा, भाषा और विविधता के प्रति वो कंपनी की राय को नहीं दर्शाता। हम अपने एप का एक तमिल वर्जन भी बना रहे हैं। अनिरुद्ध रविचंद्र को हमने अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। हम अपना मार्केटंग कम्युनिकेशन यहाँ तमिल में ही कर रहे हैं। कोयम्बटूर में हम अपना लोकल कॉल सेंटर भी बना रहे हैं। हम जानते हैं कि भोजन और भाषा किसी भी स्थानीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, इसीलिए हम दोनों को गंभीरता से लेते हैं।” अब उक्त कर्मचारी को CEO दीपिंदर गोयल ने पुनः बहाल कर दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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