गुरुग्राम के प्रशासन ने 8 सार्वजनिक जगहों पर नमाज की अनुमति वाला आदेश मंगलवार (2 नवंबर, 2021) को वापस लेने की घोषणा की। जनता के विरोध प्रदर्शन के बाद फैसला। स्थानीय लोग और कई हिन्दू संगठनों ने इसके विरुद्ध आवाज़ उठाई थी, क्योंकि आमजनों को इससे परेशानी हो रही थी और घंटों ट्रैफिक जाम भी लग रहा था। कई अन्य इलाकों में भी स्थानीय लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है। गुरुग्राम प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि उन जगहों पर भी यही कार्यवाही होगी।
ऐसे लोकेशंस हैं – बंगाली बस्ती सेक्टर 49, V-Block DLF-III, सूरत नगर फेज-1, खेड़ी माजरा गाँव के बाहर, दौलताबाद गाँव के नजदीक द्वारका एक्सप्रेसवे पर, रामगढ गाँव के पास सेक्टर-68, DLF स्क्वायर टॉवर के नजदीक और रामपुर गाँव से नखडौला रोड के बीच। गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर ने इन जगहों के अलावा ऐसे अन्य जगहों की खोज के लिए कमिटी का गठन किया है, जहाँ नमाज पढ़ी जाती हो। SDM और ACP के अलावा इस समिति में हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के प्रतिनिधि भी हैं।
सभी पक्षों से बात कर के ये समिति तय करेगी कि किन जगहों पर भविष्य में नमाज पढ़ी जा सकती है। साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी सड़क या सार्वजनिक स्थानों पर नमाज न पढ़ी जाए। इसका भी ध्यान रखा जाएगा कि जहाँ नमाज पढ़ने की अनुमति मिले, वहाँ के लोगों को इससे कोई आपत्ति न हो। गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता सुभाष बोकेन ने कहा कि केवल ईदगाह मस्जिदों और कुछ चुने गए जगहों पर नमाज पढ़ी जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के बीच सामाजिक सद्भाव और भाईचारा बनाए रखना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए दोनों तरफ के संगठनों से सहयोग की ज़रूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को कानून-व्यवस्था बनाए रखनी होगी और सार्वजनिक जगहों पर नमाज के लिए जिला प्रशासन की अनुमति लेनी होगी। पुलिस निगरानी रख रही है और इसके लिए विशेष सुरक्षा प्रावधान किए गए हैं। गुरुग्राम के सेक्टर 12 और 47 में नमाज के कारण लोगों को खासी परेशानी हुई थी, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुआ था। खासकर जुमा के दिन सार्जनिक स्थानों पर भारी मुस्लिम भीड़ जुटती है।
Gurugram administration withdraws the controversial order of permitting Namaz to open at eight sites.
— Hindu IT Cell (@HinduITCell) November 2, 2021
We had filed the RTI in this regard as well.
A win for all the Hindus. https://t.co/cN2EguTUQ3
‘हिन्दू आईटी सेल’ ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये हम सब हिन्दुओं की एक जीत है। संगठन ने इस सम्बन्ध में RTI भी दायर की थी। ‘हिन्दू आईटी सेल’ पहला संगठन था, जिसने इस मामले में वैधानिक रूप से किसी आधिकारिक अथॉरिटी के समक्ष आवाज़ उठाई थी। संगठन के संस्थापक सदस्य अक्षित सिंह, प्रवक्ता साहिल खोसला और अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने न सिर्फ सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ आवाज़ बुलंद की थी, बल्कि हिन्दुओं को इसके लिए एकजुट करने में भी भूमिका निभाई थी।
याद दिला दें कि पुलिस ने कुल 37 जगहों पर नमाज़ पढ़ने की इजाज़त दी थी। इसके विरोध में हिन्दू महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में लोग लगातार पाँच सप्ताह तक भजन-कीर्तन और नारेबाजी करते हुए सड़क पर निकल आए थे। विरोध करने की कड़ी में गुरुग्राम के सेक्टर-12-ए इलाके में पहुँचे हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों को गुरुग्राम पुलिस ने हिरासत में भी लिया था। मुस्लिम समूहों ने नूंह और पटौदी से अधिक लोगों को ‘समर्थन’ के लिए बुलाया था। शांतिपूर्वक जुमे की नमाज की अदायगी के लिए 500 पुलिस के जवान पाँच जगहों पर तैनात किया गया था।