Sunday, November 24, 2024
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अब्बास मोहम्मद चाय पिलाता गया और एक-एक कर मर गए 9, महाराष्ट्र में डॉक्टर परिवार ने नहीं की थी सामूहिक आत्महत्या: पहले ₹1 करोड़ ठगे, फिर खजाना खोजने के नाम पर हत्या

सांगली पुलिस अधीक्षक दीक्षित गेडाम के अनुसार मुख्य आरोपी मोहम्मद अब्बास बागवान और ड्रावर सुरवशे को सोलापुर से गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज किया गया है।

महाराष्ट्र (Maharashtra) के सांगली जिले में मृत मिले नौ लोगों के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पहले माना जा रहा था कि परिवार ने कर्ज में डूबने के कारण आत्महत्या कर ली है, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि पीर अब्बास मोहम्मद अली बागवान ने इस वारदात को अंजाम दिया था।

पुलिस के अनुसार, पीर अब्बास ने दो भाइयों के परिवार के नौ लोगों को बारी-बारी से जहरीली चाय पिलाई और सबको मौत की नींद सुला दिया। पुलिस ने पीर अब्बास और उसके ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है। कोल्हापुर रेंज के आईजी मनोज कुमार लोहिया ने इस हत्याकांड का खुलासा है।

ठग चुका था एक करोड़ रुपए

पीर अब्बास ने माणिक वनमोरे और पोपट वनमोरे को उनके घर में गुप्त खजाना छिपे होने का झाँसा दिया था। उसे खोजने के नाम पर उसने दोनों भाइयों से करीब एक करोड़ रुपए भी ऐंठ लिए थे। गुप्त धन पाने के लिए वनमोरे भाइयों ने कई लोगों से कर्ज ले रखा था।

लगातार झाँसे इसके बाद जब दोनों भाइयों को खजाना नहीं मिला तो वे पीर अब्बास पर पैसे लौटाने का दबाव बनाने लगे। उधर अब्बास रुपए लौटाना नहीं चाहता था। जब उसने देखा कि वनमोरे बंधु उस पर लगातार दबाव बना रहे हैं तो उसने एक खतरनाक निर्णय लिया और पूरे परिवार को खत्म करने की साजिश रची।

रुपए लौटना नहीं चाहता था, इसलिए हत्या की रची साजिश

दोनों भाइयों के दबाव से तंग आकर अब्बास मोहम्मद अली अपने ड्राइवर धीरज चंद्रकांत सुरवशे को लेकर 19 जून 2022 को वनमोरे भाइयों के गाँव म्हैसल पहुँचा। घर पर उसने गुप्त खजाने को निकालने के लिए तंत्र-मंत्र शुरू करने का नाटक करने लगा।

इस दौरान अब्बास परिवार के सभी सदस्यों को घर की छत पर भेज दिया और उसने नीचे जहरीला चाय तैयार किया। उसके बाद फिर परिवार के सदस्यों को अब्बास बारी-बारी से नीचे बुलाया और जहरीला चाय पीने के दिया। वे चाय पीकर बेहोश होते गए और फिर उनकी मौत होती गई।

सुसाइड नोट और जहरीली शीशी से पुलिस को हुई शंका

घटना के अगले दिन 20 जून को पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट और एक शीशी मिली था। शीशी में जहर था, जो जाँच के बाद पुलिस को पता चला। नौ लोगों के शव में से सिर्फ एक शव के पास जहर की शीशी मिलना पुलिस को पच नहीं रहा था। वहीं, सुसाइड नोट में उन लोगों के नाम लिखे थे, जिनसे वनमोरे परिवार ने कथित रूप से पैसे लिए हुए थे।

जाँच के दौरान पुलिस को सुसाइड नोट के कंटेंट पर शंका हुई। पुलिस के अनुसार, सुसाइड नोट में आमतौर पर खुदकुशी करने वाला पहले कारण लिखता है। इसके बाद वह इसके जिम्मेदार लोगों के नाम लिखता है। वनमोरे परिवार के मामले में यह अलग था। वनमोरे परिवार के मामले में सुसाइड नोट में सबसे पहले कुछ लोगों के नाम लिखे थे। इसके साथ ही इस नोट में खुदकुशी के कारणों का जिक्र नहीं किया गया था।

इसके बाद पुलिस की शंका विश्वास में बदल गया। पुलिस का कहना है कि अब्बास ने पहले साहूकारों के नाम लिखवाए होंगे, ताकि इस कागज को सुसाइड नोट का रूप दिया जा सके। इस तरह वह हत्या को खुदकुशी साबित करने की कोशिश कर रहा था।

सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा

एक ही परिवार के नौ लोगों के शव मिलने के बाद पुलिस ने वनमोरे परिवार की गतिविधियों को खंगालना शुरू किया। इसके लिए पुलिस ने कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसी दौरान पुलिस को एक गाड़ी दिखी। सड़कों पर लगे सीसीटीवी एवं अन्य तरीकों से पता करने पर उस गाड़ी की लोकेशन सोलापुर दिखी। जब पुलिस ने जाँच की तो पता चला कि इस गाड़ी का मालिक अब्बास मोहम्मद अली बागवान है।

वहीं, पुलिस ने वनमोरे परिवार के लोगों का कॉल डिटेल निकाला तो देखा कि दोनों भाइयों का एक खास नंबर पर लगातार बात हो रही थी। पुलिस ने जब पता किया तो यह नंबर अब्बास का ही निकला। इसके बाद पुलिस ने अब्बास और उसकी निशानदेही पर ड्राइवर सुरवशे को हिरासत में लेकर पूछताछ कर पूरे मामले का खुलासा किया।

दो भाइयों के परिवार को खत्म कर दिया

पीर अब्बास ने वनमोरे परिवार के दो भाइयों के पूरे परिवार को खत्म कर दिया। 54 वर्षीय पोपट वनमोरे शिक्षक थे और 49 वर्षीय डॉ. माणिक वनमोरे पशु चिकित्सक थे। मृतकों में दोनों भाई, उनकी 74 वर्षीय माँ, दोनों भाइयों की पत्नियाँ और चार बच्चे शामिल हैं।

सांगली पुलिस अधीक्षक दीक्षित गेडाम के अनुसार मुख्य आरोपी मोहम्मद अब्बास बागवान और ड्रावर सुरवशे को सोलापुर से गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज किया गया है।

घर में मिला था परिजनों का शव

मुंबई से 350 किलोमीटर दूर सांगली जिले के म्हैसल में अपने घर में मृत पाए गए लोगों की पहचान पेशे से वेटनरी डॉक्टर पोपट यालप्पा वनमोरे (52), संगीता पोपट वनमोरे (48), अर्चना पोपट वनमोरे (30), शुभम पोपट वनमोरे (28), माणिक यालप्पा वनमोरे (49), रेखा माणिक वनमोरे (45), आदित्य माणिक वन (15), अनीता माणिक वनमोरे (28) और अक्कताई वनमोरे (72) के रूप में हुई है।

डॉ. वनमोरे का शव उनके परिवार के छह अन्य सदस्यों के साथ महिसाल में नरवाड़ रोड के पास अंबिका नगर वाले घर में मिला था। परिवार का एक घर अंबिका नगर में और दूसरा राजधानी कॉर्नर में है। घटना वाले दिन सुबह से ही दोनों घरों के दरवाजे नहीं खुले थे। पड़ोसियों ने जब दरवाजा खटखटाया तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया, कुछ देर बाद उन्होंने दरवाजा तोड़ दिया। इसके बाद पता चला कि एक ही घर में छह लोगों ने आत्महत्या कर ली है। वहीं अन्य तीन के शव बाद में राजधानी कॉर्नर के दूसरे घर में मिले।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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