Friday, November 22, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षा2 मीनारों वाली मस्जिदें लोकल, 1 मीनार वाली अरबी पैसे से... लगभग हर गाँव...

2 मीनारों वाली मस्जिदें लोकल, 1 मीनार वाली अरबी पैसे से… लगभग हर गाँव में मदरसे: नेपाल बॉर्डर के मौलाना ने बताया इसमें कमीशन का खेल – OpIndia Ground Report

मौलाना बरकतुल्लाह ने बताया कि वहाँ के गाँवों में मस्जिद और मदरसे ऐसे हैं, जहाँ रहना और खाना फ्री है और उन मदरसों में उर्दू और अरबी की पढ़ाई होती है। उनके अनुसार वहाँ की मज़ारों पर मुस्लिमों के मुकाबले हिन्दू ज्यादा आते हैं।

हाल में कई रिपोर्टें आई हैं जो बताती हैं कि नेपाल-भारत सीमा पर तेजी से डेमोग्राफी में बदलाव हो रहा है। मस्जिद-मदरसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए 20 से 27 अगस्त 2022 तक ऑपइंडिया की टीम ने सीमा से सटे इलाकों का दौरा किया। हमने जो कुछ देखा, वह सिलसिलेवार तरीके से आपको बता रहे हैं। इस कड़ी की नौवीं रिपोर्ट:

नेपाल के दांग जिले से भारत के बलरामपुर शहर वापस आते समय हमें जारवा थाने से कुछ ही आगे बालापुर इलाके में एक व्यक्ति मौलाना जैसी शक्ल की दिखाई दिए। वो किसी वाहन का इंतज़ार कर रहे थे। हमने उन्हें अपनी कार में लिफ्ट दी और थोड़ी ही देर बाद उनसे हमारी बॉर्डर से जुड़े स्थानीय मुद्दों पर बात होने लगी। इस दौरान मौलाना ने अपना नाम बरकतउल्लाह खान और अपना गाँव बलरामपुर जिले के तुलसीपुर इलाके में आने वाला बसंतपुर बताया। उनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक थी।

यह रिपोर्ट एक सीरीज के तौर पर है। इस पूरी सीरीज को एक साथ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

‘मेरे बचपन में नहीं थे इतने मदरसे’

जब हमने बरकतुल्लाह से उनकी बचपन में हुई पढ़ाई के बारे में पूछा तो उन्होंने खुद को बलरामपुर शहर के सरकारी स्कूल में पढ़ा बताया। ये जगह उनके घर से लगभग 30 किलोमीटर दूर थी तो हमने उनसे नजदीकी मदरसे में पढ़ाई न करने की वजह पूछी।

हमारे सवाल के जवाब में मौलाना बरकतउल्लाह खान ने बताया कि उनके बचपन में इतने मदरसे नहीं थे जितने अब हो गए हैं और तब गिनी चुनी जगहों पर भी मदरसे हुआ करते थे। बरकतुल्लाह ने खुद को अहले सुन्नत विचारधारा वाला बताया।

2 मीनारों वाली मस्जिद लोकल, 1 मीनार वाली अरबी पैसे से

बरकतउल्लाह ने हमें बताया कि नेपाल सीमा पर भारत की तरफ से बनी तमाम मस्जिदों के लिए सऊदी अरब द्वारा पैसे भेजे गए हैं। उन्होंने मस्जिदों के प्रकार बताते हुए कहा कि जिस मस्जिद में 2 मीनार बनी है, वो भारत के मुस्लिमों के पैसों से बनी है जबकि जिसमें 1 मीनार है, उसके लिए पैसा सऊदी अरब से आया है।

मौलाना बरकतउल्लाह खान ने सीमा क्षेत्र में बनी मस्जिदों को अहले सुन्नत और अन्य फिरकों से जुड़ा बताया। रास्ते में पड़े गिरधरडीह गाँव में 2 मस्जिदें दिखने के बाद बरकतुल्लाह ने कहा कि वहाँ के लोग गरीब हैं लेकिन जो लोग बाहर कमाने गए हैं, उनके ही भेजे पैसे से ये मस्जिदें बनी हैं।

चंदे से चल रहे मदरसे

इलाके के बेहतरीन मदरसे के बारे में सवाल किए जाने पर बरकतुल्लाह ने शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर से थोड़ी ही दूर पर मौजूद एक मदरसे का नाम लिया, जो तुलसीपुर बाजार के इटवा चौराहे पर स्थित है। उन्होंने बताया कि उस मदरसे को सरकारी इमदाद (अनुदान) मिलता है।

इसी के साथ उन्होंने इसके अलावा भी कई अन्य संचलित मदरसों का नाम लिया, जिन्हे चंदे पर चलाया जा रहा है। रास्ते में पड़े एक लौकी गाँव की तरफ इशारा करते हुए बरकतुल्लाह ने कहा कि लगभग हर गाँव में बच्चों को पढ़ाने के लिए मदरसा चल रहा है, भले ही वो आपसी चंदे से क्यों न संचालित हो।

सड़क के पास जमीनें 15 लाख रुपए/बीघे

मौलाना बरकतुल्लाह से हमने जब सड़क के किनारे बनी मस्जिद और मदरसों के लिए जमीन की खरीद के रेट की जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि सड़क के किनारे जमीन का रेट लगभग 15 लाख रुपए बीघा है। वहीं उनके मुताबिक सड़क से दूर गाँवों में जमीन लगभग 3 लाख रुपए बीघा के रेट से बिकती है।

जब हमने मौलाना बरकतुल्लाह से सवाल किया कि क्या सिर्फ खाड़ी देशों में कमाने वाले ही नेपाल सीमा पर बन रही इबादतगाहों के लिए पैसे भेजते हैं तो उन्होंने बताया कि मुंबई और अन्य शहरों में भी कमा रहे लोग इसमें मदद करते हैं। शेखों की शान में कसीदे गढ़ते हुए बरकतुल्लाह ने बताया कि वो रमज़ान के महीने में बोरे में नोट भर कर उड़ाते हैं और उनसे माँगने वाले यहाँ से भी बहुत लोग जाते हैं।।

इबादतगाहों के निर्माण में कमीशन का खेल

मौलाना बरकतुल्लाह ने बेहद फ़िक्र जताते हुए कहा कि जो भी मस्जिद, मदरसे या मज़ारें बनाई जा रही हैं, उनमें कमीशन का मोटा खेल चल रहा है। उनके मुताबिक सीमेंट, ईंट, सरिया और बालू आदि के फिक्स दुकानदार हैं, जिनसे सामान खरीदने वालों को उसके एवज में कमीशन मिलता है। बरकतुल्लाह के मुताबिक ऐसे सामान बेचने वाले सभी धर्मों के हैं और उनसे सामान खरीदना ही पड़ता है।

मज़ारों पर आने वाले हिन्दू ज्यादा मुस्लिम कम

इस बातचीत दौरान हम बॉर्डर से लगभग 20 किलोमीटर दूर तुलसीपुर बाजार पहुँच गए थे। बाजार की शुरुआत में ही दिखी एक मज़ार को दिखाते हुए मौलाना बरकतउल्लाह ने बताया कि यहाँ पर मुस्लिमों के मुकाबले हिन्दू ज्यादा आते हैं।

मौलाना बरकतुल्लाह के मुताबिक मज़ारें पैसे लूटने का जुगाड़ हैं और जिसे भी पैसे कमाने होते हैं, वो अपनी जमीनों में वो काम करने लगते हैं। बरकतुल्लाह ने ये भी बताया कि कई पढ़े-लिखे लोग भी ईमान ला चुके हैं। (ईमान लाने का मतलब मुस्लिम बन जाने से है)।

कई गाँव मुस्लिम बाहुल्य

हमारे साथ कार में बैठे मौलाना बरकतुल्लाह भी इस बात से सहमत थे कि बॉर्डर के कई गाँव मुस्लिम बाहुल्य हैं। उन्होंने अपनी तरफ से सेमरी, चैनपुर, सिवली, जीवली और बसंतपुर जैसे कुछ गाँवों का नाम भी लिया। बरकतुल्लाह के मुताबिक इन गाँवों में मस्जिद और मदरसे भी हैं, जहाँ रहना और खाना फ्री है और उन मदरसों में उर्दू और अरबी की पढ़ाई होती है। रास्ते में मदरहवा गाँव में सड़क के किनारे दिखे एक मदरसे को बरकतुल्लाह ने प्राइवेट मदरसा बताया।

कागजों में शिया या सुन्नी, अंदर कई फिरके

मौलाना बरकतउल्लाह ने हमसे बताया कि सरकार के कागजों में वो शिया या सुन्नी के रूप में जाने जाते हैं लेकिन अंदर ही अंदर कई फिरके बँटे हुए हैं। उनके मुताबिक इसी में अहले हदीस, वहाबी और कई अन्य फिरके शामिल हैं और उनकी मस्जिदें भी उसी तरह से बाँट दी गई हैं।

मस्जिदों में लाउडस्पीकर बंद करवा मंदिरों में बजवाते हैं नगाड़े

बरकतुल्लाह योगी सरकार से खासे नाराज दिखे। उनके हिसाब से नई सरकार में महंगाई बढ़ी और सड़कों पर बहुत से जानवर दिखाई देते हैं। हमसे बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि योगी की सरकार बनने के बाद उनकी मस्जिदों से अज़ान के समय लाउडस्पीकर उतार लिए गए।

उन्होंने यह भी बताया कि सीएम योगी के गोरखपीठ से तुलसीपुर स्थित देवीपाटन मंदिर में हर दिन सुबह की शुरुआत नगाड़े बजा कर होती है। मौलाना बरकतुल्लाह को मंदिर नगाड़े बजने की शुरुआत से बंद होने का समय भी याद था। बरकतुल्लाह के मुताबिक कुछ मस्जिदों में अभी भी आवाज कम करने की परमिशन पर लाउडस्पीकर लगे हुए हैं।

कोयलाबास (नेपाल) में मुस्लिमों की मनिहार बिरादरी ज्यादा

भारत की सीमा के उस पास नेपाल के पहले गाँव और बाजार कोयलाबास में मुस्लिम ग्राम प्रधान होने की जानकारी बरकतुल्लाह ने भी दी। उन्होंने बताया कि भारत के उस पार नेपाल के कोयलाबास में मुस्लिमों की मनिहार बिरादरी अधिक है।

इसी के साथ उन्होंने कोयलाबास के मुस्लिमों को कारोबार में सफल बताया। बरकतुल्लाह ने बताया कि ये कारोबारी भले ही सीमा पर न दिखते हों पर नेपाल में और अंदर जाने पर दिखेंगे। इसी के साथ उन्होंने कहा कि जल्द ही कोयलाबास फिर से आबाद होने वाला है।

लगभग आधे घंटे मौलाना बरकतुल्लाह हमारे साथ हमारी कार में बैठे रहे। रास्ते में तुलसीपुर बाजार में ही उनका घर आ गया और वो हमसे खुदा हाफिज बोल कर उतर गए।

पढ़ें पहली रिपोर्ट : कभी था हिंदू बहुल गाँव, अब स्वस्तिक चिह्न वाले घर पर 786 का निशान: भारत के उस पार भी डेमोग्राफी चेंज, नेपाल में घुसते ही मस्जिद, मदरसा और इस्लाम – OpIndia Ground Report

पढ़ें दूसरी रिपोर्ट : घरों पर चाँद-तारे वाले हरे झंडे, मस्जिद-मदरसे, कारोबार में भी दखल: मुस्लिम आबादी बढ़ने के साथ ही नेपाल में कपिलवस्तु के ‘कृष्णा नगर’ पर गाढ़ा हुआ इस्लामी रंग – OpIndia Ground Report

पढ़ें तीसरी रिपोर्ट : नेपाल में लव जिहाद: बढ़ती मुस्लिम आबादी और नेपाली लड़कियों से निकाह के खेल में ‘दिल्ली कनेक्शन’, तस्कर-गिरोह भारतीय सीमा पर खतरा – OpIndia Ground Report

पढ़ें चौथी रिपोर्ट : बौद्ध आस्था के केंद्र हों या तालाब… हर जगह मजार: श्रावस्ती में घरों की छत पर लहरा रहे इस्लामी झंडे, OpIndia Ground Report

पढ़ें पाँचवीं रिपोर्ट : महाराणा प्रताप के साथ लड़ी थारू जनजाति बहुल गाँव में 3 मस्जिद, 1 मदरसा: भारत-नेपाल सीमा पर बढ़ती मुस्लिम आबादी का ये है ‘पैटर्न’ – OpIndia Ground Report

पढ़ें छठी रिपोर्ट : बौद्ध-जैन मंदिरों के बीच दरगाह बनाई, जिस मजार को पुलिस ने किया ध्वस्त… वो फिर चकमकाई: नेपाल सीमा पर बढ़ती मुस्लिम आबादी – OpIndia Ground Report

पढ़ें सातवीं रिपोर्ट : हनुमान गढ़ी की जमीन पर कब्जा, झारखंडी मंदिर सरोवर में ताजिया: नेपाल सीमा पर बढ़ती मुस्लिम आबादी, असर UP के बलरामपुर में – OpIndia Ground Report

पढ़ें आठवीं रिपोर्ट : पुरातत्व विभाग से संरक्षित जो जगह, वहाँ वक्फ की दरगाह-मजार: नेपाल सीमा पर बढ़ती मुस्लिम आबादी, मुसीबत में बौद्ध धर्मस्थल – OpIndia Ground Report

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Searched termsभारत नेपाल मस्जिद मदरसा, भारत नेपाल मस्जिद, नेपाल दरगाह, नेपाल सीमा श्रावस्ती मुस्लिम, श्रावस्ती मस्जिद, श्रावस्ती मजार, श्रावस्ती मदरसा, श्रावस्ती अंगुलीमाल गुफा, श्रावस्ती बौद्ध मुस्लिम, भारत नेपाल सीमा, भारत नेपाल सीमा मुस्लिम, डेमोग्राफी चेंज, भारत नेपाल बॉर्डर डेमोग्राफी चेंज, नेपाल, भारत नेपाल सीमा, नेपाल मुस्लिम,नेपाल बॉर्डर मुस्लिम, नेपाल बॉर्डर मस्जिद, नेपाल बॉर्डर मदरसा, नेपाल के मुस्लिम, डेमोग्राफी चेंज, नेपाल बॉर्डर डेमोग्राफी चेंज, नेपाल मुस्लिम डेमोग्राफी, Nepal love jihad, Nepal, Nepal India border, shravasti, Nepal border muslim crime, Nepal border muslim, nepal border masjid mosque, nepal border madarsa, Nepal ke masjid, Nepal muslim, demography change, Nepal border demography change, shravasti muslim population, shravasti masjid, shravasti majar
राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

धीरेंद्र शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा में शामिल हुए दिग्विजय सिंह के कॉन्ग्रेसी MLA बेटे जयवर्धन सिंह, बोले- ‘हिंदुओं में एकता जरूरी, भारत है...

जयवर्धन ने हिंदू धर्म को भारत की आत्मा बताते हुए कहा, "हर धर्म की शुरुआत किसी न किसी स्थान से हुई है, और हिंदू धर्म की शुरुआत भारत से हुई है। इसलिए भारत स्वाभाविक रूप से हिंदू राष्ट्र है।"

दलित लेखराज की बच्ची का नाम सकीना… राजस्थान के मदरसों में 3000+ गैर मुस्लिम बच्चे, RTI में खुलासा: बजरंग दल का आरोप- इस्लामी शिक्षा...

RTI में सामने आया है कि राजस्थान के मदरसों में 3000+ गैर मुस्लिम बच्चे तालीम ले रहे हैं। इन में अधिकांश संख्या हिन्दू बच्चों की बताई गई है।
- विज्ञापन -