पंजाब के अमृतसर में हिन्दू नेता सुधीर सूरी की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। अदालत में पेशी के दौरान हत्या के आरोपित संदीप सूरी पर फूल बरसाए गए हैं। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें ये भी देखा जा सकता है कि कैसे कुछ लोग हत्या आरोपित का समर्थन कर रहे हैं और तलवार भी लहरा रहे हैं। कई सिखों को उसके समर्थन में मार्च करते हुए देखा गया। सुधीर सूरी की हत्या के बाद कुछ खालिस्तानियों के भड़काऊ बयान भी जारी हुए थे।
पंजाब में शिवसेना नेता सुधीर सूरी के हत्यारोपी संदीप सिंह पर कोर्ट पेशी के दौरान फूल बरसाए जा रहे हैं। pic.twitter.com/YD2m8ezXs4
— Sachin Gupta (@sachingupta787) November 13, 2022
ये ऐसा प्रतीत होता है, जैसा पाकिस्तान में होता आया है। पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपितों का समर्थन किया जाता है और ‘ईशनिंदा’ के आरोप में भीड़ द्वारा हत्या तक कर दी जाती है। अब पंजाब में भी ऐसा ही हो रहा है। पाकिस्तान में हाल ही में एक श्रीलंकाई नागरिक की भीड़ ने हत्या कर दी थी और खुलेआम शव जला दिया था। वहाँ ईशनिंदा के नाम पर गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया जाना आम बात है। अब खालिस्तानी पंजाब में यही सब कर रहे हैं।
याद कीजिए, खालिस्तानियों के प्रभाव वाले उस ‘किसान आंदोलन’ में भी कथित ‘बेअदबी’ के आरोप में हिंसा की घटनाएँ हुई थीं। दिल्ली की सीमाओं को एक साल तक घेरे रख कर रोज लाखों लोगों को परेशान करने वाले ये कथित ‘किसान’ कोरोना के नियमों का उल्लंघन करते रहे, ‘बेअदबी’ के आरोप में हत्याएँ करते रहे – किसी ने इन्हें रोकने की जहमत नहीं उठाई। 26 जनवरी, 2022 को लाल किले से लेकर पूरी दिल्ली में हिंसा का जो प्रदर्शन हुआ, वो भी हमने देखा।
जनवरी 2022 को पंजाब के लुधियाना के एक गुरुद्वारे में बेअदबी के आरोप में एक महिला पर निहंग सिख ने तलवार से हमला किया। तलवार महिला के पैरों में लगी, जिसके कारण वो बुरी तरह से घायल हो गई। सिंघू बॉर्डर किसान प्रदर्शन स्थल पर श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोप में 14 -15 अक्टूबर 2021 को पंजाब के ही रहने वाले लखबीर सिंह नाम के व्यक्ति की सिखों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। उसका दाहिना हाथ काट दिया गया था और उसके शव को निहंगों ने कुंडली सीमा पर एक बैरिकेड्स पर लटका दिया था।
इसी तरह से 1 और 2 जुलाई 2021 की मध्यरात्रि को पंजाब के गुरदासपुर (Gurudaspur) में एक गाँव में एक गुरुद्वारे में सेना के जवान दीपक कुमार की मॉब लिंचिंग कर दी गई थी। दीपक पर भी श्री गुरु ग्रंथ साहिब की कथित बेअदबी का आरोप लगाया गया था। वारदात के बाद पुलिस ने इस मामले में दलजीत सिंह कश्मीर उर्फ बॉबी समेत अन्य को मुख्य आरोपित बनाया था। वहीं दमदमी टकसाल जत्था राजपुरा, अभिनेता से कार्यकर्ता और गणतंत्र दिवस दंगों के आरोपित दीप सिंधु समेत कई और लोगों ने उसका समर्थन करते हुए मॉब लिंचिंग को सही ठहराया था।