भगवा आतंकवाद की थ्योरी गढ़ने वालों में शुमार रहे कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले लोगों की गिरफ्तारी को भी धर्म से जोड़ दिया है। दिग्विजय ने कहा है कि पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पकड़े गए लोग बीजेपी और बजरंग दल से जुड़े हैं।
मध्यप्रदेश के भिंड में भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ISI के लिए जासूसी मुस्लिम कम और गैर मुस्लिम ज्यादा कर रहे हैं। उनके मुताबिक पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पाए गए लोग भारतीय जनता पार्टी और बजरंग दल के हैं। जो आईएसआई से भारत की जासूसी के लिए पैसे ले रहे हैं।
महाराणा प्रताप की 22 फीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण करने हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने ये बातें कही। उन्होंने कहा, “हमारी विचारधारा की लड़ाई बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से है जिन्होंने आजाद भारत के संघर्ष में कहीं भाग नहीं लिया और हमें राष्ट्रीयता का सबक सीखाना चाहते हैं। 1947 से पहले ये लोग कहां थे? जब इंदिरा ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए, तब ये लोग कहां थे? इसलिए हमको सबक देने की जरूरत नहीं है।”
#WATCH MP: Congress leader Digvijaya Singh says, “Bajrang Dal, Bharatiya Janata Party (BJP) are taking money from ISI (Inter-Services Intelligence). Attention should be paid to this. Non-Muslims are spying for Pakistan’s ISI more than Muslims. This should be understood.” (31.08) pic.twitter.com/NPxltpaRZA
— ANI (@ANI) September 1, 2019
दिग्विजय सिंह ने कहा, “जितने भी पाकिसतान के लिए जासूसी करते पाए गए हैं, वे लोग बजरंग दल, बीजेपी और आईएसआई से पैसा ले रहे हैं। आईएसआई के लिए जासूसी मुस्लिम कम कर रहे हैं और गैर मुस्लिम ज्यादा कर रहे हैं। इसको भी समझ लीजिए।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मौक़े पर कश्मीर मुद्दे पर भी बयानबाजी की। उन्होंने कि अभी कश्मीर में स्थिति और बिगड़ेगी। उनके मुताबिक जो लोग कश्मीर के साथ हैं, उन्हें नजरबंद किया गया है। हवालात भेज दिया गया है। ऐसे में कश्मीरियों की पैरवी कौन करेगा।
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह पहले भी इस तरह के बयान देते रहे हैं। बीते साल उन्होंने कहा था कि जितने भी हिंदू आतंकी पकड़े गए हैं वे आरएसएस से जुड़े हैं। उन्होंने कहा था कि हिंदू आतंकवादी संघ से आते हैं, क्योंकि संघ की विचारधारा नफरत फैलाने वाली है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में जिन नेताओं ने बढ़-चढ़कर भगवा आतंकवाद की थ्योरी को हवा दी थी उनमें भी दिग्विजय प्रमुख थे।