Thursday, May 2, 2024
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जनजातीय समाज के युवक की पीट-पीट कर हत्या, शमशुद्दीन-सिद्दीकी समेत 14 दोषी करार: मृतक की माँ ने न्याय के लिए लड़ी लड़ाई

यह मामला 22 फरवरी, 2018 का है। तब पलक्कड़ के रहने वाले मधु नाम के एक जनजातीय व्यक्ति को एक भीड़ ने दुकान में चोरी का आरोप लगाते हुए पकड़ लिया था।

केरल की मन्नारक्कड़ जिले की SC/ST कोर्ट ने जनजातीय युवक मधु की मौत मामले में 14 आरोपितों को दोषी करार दिया है। इन सभी को बुधवार (5 अप्रैल, 2023) को सज़ा का एलान होगा। इसी मामले में सबूतों के अभाव में 2 आरोपित बरी कर दिए गए हैं। इन सभी पर गैर-इरादतन हत्या का आरोप साबित हुआ है। दोषियों के नाम सैन, मराइकर, शमशुद्दीन, राधाकृष्णन, अबुबकर, सिद्दीकी, उबैद, नजीब, जैजुमोन, मुनीर सजीव, सतीश, हरीश और बीजू हैं। यह घटना 22 फरवरी, 2018 की थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी केस में सबूतों के अभाव में कोर्ट ने अनीश और अब्दुल करीम को बरी कर दिया है। अनीश पर आरोप था कि उसने मधु पर दोषियों के हमले को प्रचारित किया था। कोर्ट ने लगभग 5 साल तक चले इस मामले में 14 आरोपितों को IPC 304 (2) के तहत दोषी पाया है। सजा सुनाए जाए के बाद पुलिस ने सभी 14 दोषियों को कस्टडी में ले लिया है।

क्या था पूरा मामला

दरअसल, यह मामला 22 फरवरी, 2018 का है। तब पलक्कड़ के रहने वाले मधु नाम के एक जनजातीय व्यक्ति को एक भीड़ ने दुकान में चोरी का आरोप लगाते हुए पकड़ लिया था। चोरी का आरोप सबसे पहले मराइकर ने लगाया था। थोड़ी ही देर में वहाँ भीड़ जमा हो गई और कई लोगों ने मिल कर मधु को बुरी तरह से पीट दिया। कुछ देर में पहुँची पुलिस ने मधु को कस्टडी में लिया लेकिन तब तक पीड़ित की हालत काफी खराब हो चुकी थी। पुलिस वाले मधु को अस्पताल ले कर निकले पर रास्ते में उसने दम तोड़ दिया।

मधु का पोस्टमार्टम करवाया गया तो उसके पूरे शरीर पर पिटाई के निशान मिले। खास तौर पर सिर और पसलियों पर वार किया गया था। मौत की वजह आंतरिक रक्तस्राव बनी थी। जनजातीय युवक की मौत ने हंगामे का रूप ले लिया था तब प्रशासन ने जाँच के लिए SIT का गठन किया। SIT ने केस में कुल 16 लोगों को आरोपित किया। जाँच रिपोर्ट के निष्कर्ष के तौर पर 3000 पन्नों की चार्जशीट दायर हुई। गिरफ्तार आरोपितों पर SC/ST एक्ट के तहत भी कार्रवाई हुई थी। इन सभी की जमानत निचली कोर्ट से ख़ारिज हुई थी पर मई 2018 में इन्हें उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी। हालांकि इस जमानत के लिए कोर्ट ने कड़ी शर्तें रखी थीं।

हालाँकि महज 3 माह भी भी 12 आरोपितों की जमानत एक विशेष कोर्ट ने रद्द कर दी थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान कई गवाह मुकर गए थे। मृतक मधु की माँ ने इस केस की पैरवी की थी। केस की सुनवाई 28 अप्रैल 2022 को शुरू हुई। 10 मार्च 2023 को यह सुनवाई पूरी हो गई। पुलिस की तरफ से 127 गवाहों की लिस्ट दी गई थी। आखिरकार अदालत ने मधु की मौत मामले में 14 आरोपितों को गैर इरादतन हत्या का दोषी करार दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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