Wednesday, November 20, 2024
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5 दिन में ₹105 करोड़: ‘कबीर सिंह’ ने फ़िल्म को नकारने वाले गिरोह को लगाया ज़ोरदार तमाचा

एक ऐसी फ़िल्म जो ईद, दिवाली या क्रिसमस जैसी किसी छुट्टी पर रिलीज नहीं की गई। एक ऐसी फ़िल्म, जिसे सेंसर बोर्ड से एडल्ट सर्टिफिकेट मिला। एक ऐसी फ़िल्म, जिसके टिकट का मूल्य नॉर्मल रखा गया, यानी बड़ी फ़िल्मों की तरह बढ़ाया नहीं गया। एक ऐसी फ़िल्म, जो क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान रिलीज हुई। एक ऐसी फ़िल्म, जिसे तथाकथित समीक्षकों ने नकार दिया और इसके बारे में न जाने क्या-क्या ग़लतफहमियाँ फैलाईं। लेकिन, इन सारी अड़चनों के बावजूद सभी पूर्वानुमानों की धता बताते हुए शहीद कपूर अभिनीत ‘कबीर सिंह’ ने डोमेस्टिक बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ रुपए का कारोबार कर लिया है।

अगर ‘कबीर सिंह’ की पाँचों दिनों की कमाई पर नज़र डालें तो लगता है कि 200 करोड़ का कलेक्शन इसकी पहुँच से दूर नहीं है। फ़िल्म को कथित इलीट वर्ग द्वारा नकारे जाने पर भी इसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है और फ़िल्म कमाल कर रही है। यह शहीद कपूर के लिए भी बड़ा क्षण है क्योंकि पहली बार उनकी अकेले लीड रोल वाली किसी फ़िल्म ने 100 करोड़ रुपए कलेक्शन का आँकड़ा पार किया है। शुक्रवार (जून 21, 2019) को रीलिज हुई फ़िल्म ने कल मंगलवार तक 105 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है, वो भी तब जब फ़िल्म इस साल की बड़ी फिल्मों, जैसे भारत, केसरी, गल्ली बॉय और टोटल धमाल से कम सिनेमा हॉल में रिलीज हुई है।

युवाओं ने ‘कबीर सिंह’ को काफ़ी पसंद किया है और फ़िल्म इस वर्ग के बीच ख़ासी लोकप्रिय हो रही है। साथ ही शहीद कपूर का किरदार और लुक्स भी लोगों को पसंद आ रहे हैं। अगर 2019 की बात करें तो इस वर्ष ‘उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक’ सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म है और फिल्म के 245 करोड़ रुपए नेट कलेक्शन को ‘कबीर सिंह’ आने वाले दिनों में चुनौती दे सकती है, ऐसा वरिष्ठ फ़िल्म समीक्षण तरन आदर्श ने दावा किया है। तेलुगु फ़िल्म ‘अर्जुन रेड्डी’ के निर्देशक संदीप रेड्डी वंगा ने ही इसकी हिंदी रीमेक ‘कबीर सिंह’ का निर्देशन किया है और हिंदी में यह उनकी पहली प्रोजेक्ट थी।

एक और गौर करने वाली बात यह है कि ‘उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक’ भी निर्देशक आदित्य धार की पहली फ़िल्म थी। लोग यह भी मान कर चल रहे हैं कि कई दिनों से एक अदद हिट को तरस रहे शहीद के लिए यह फ़िल्म करियर की टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है। वहीं अमेरिका में भी ‘कबीर सिंह’ ने अच्छी कमाई की गई। बढ़ती माँग के कारण वहाँ दूसरे सप्ताह में 45 नई स्क्रीन में इसे रिलीज किया गया। आगामी शुक्रवार को आयुष्मान खुराना की ‘आर्टिकल 15’ भी रिलीज होने वाली है, इसके बाद देखने वाले बात रहेगी कि ‘कबीर सिंह’ कैसा पेस मेंटेन कर पाती है।

ओवरसीज अर्थात भारत से बाहर ‘कबीर सिंह’ ने 11 करोड़ रुपयों से अधिक की कमाई कर ली है। फ़िल्म की मुख्य अभिनेत्री कियारा आडवाणी हैं। वहीं अगर तेलुगु फ़िल्म ‘अर्जुन रेड्डी’ की बात करें तो फ़िल्म में विजय देवराकोण्डा के रूप में उस समय चर्चित चेहरा न होने के बावजूद 51 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की थी। फ़िल्म को तमिल में ‘आदित्य वर्मा’ नाम से रीमेक किया जा रहा है, जिसमें अभिनेता ध्रुव विक्रम मुख्य किरदार निभाएँगे।

Ariel के ऐड ने दिखाए ‘दाग’ तो भड़के पाकिस्तानी, बॉयकॉट की अपील

एरियल वॉशिंग पाउडर का पाकिस्तान में चल रहा एक विज्ञापन फ़िलहाल कट्टरपंथियों के निशाने पर है। इस विज्ञापन में महिलाओं को दिए जा रहे ‘चारदीवारी से बाहर निकलो’ के संदेश को कुरान और सूरा की आयतों का हवाला देकर गैर-इस्लामिक बताया जा रहा है। लोगों से अपील की जा रही है कि वह एरियल न खरीद कर इसका विरोध करें।

‘घर में रहो और अपनी खूबसूरती दूसरों को मत दिखाओ’

एरियल के विज्ञापन में पाकिस्तानी महिला क्रिकेटर बिस्माह मारूफ़ क्रिकेट की पोशाक में और चेहरे पर चुनौती का भाव लिए कड़ी हैं। उनकी पृष्ठभूमि में ‘चारदीवारी में रहो’ की हिदायत लिख कर उसे दाग के ज़रिए ‘दागदार’ दिखाया गया है। इसी पर कट्टरपंथी आगबबूला हो रहे हैं।

इसके विरोध में एक पाकिस्तानी ने अपने यूट्यब वीडियो में कुरान की आयतों में यह लिखे होने का दावा किया है “और अपने घर में करार से रहो, और कदीम जाहिलीयत के ज़माने की तरह अपने बनाव का इज़हार न करो”। उसके मुताबिक एरियल का यह विज्ञापन इस क़ुरान की मुखालफत है अतः गैर-इस्लामिक है। उसने इसे बायकाट किए जाने की अपील की है

केवल पुरुषों की यह कट्टरपंथी सोच होती तो एक बार शायद समझ में आता। लेकिन पाकिस्तान में महिलाएँ भी बड़ी संख्या में इस विज्ञापन का विरोध करतीं दिख रहीं हैं, और एरियल ही नहीं, उदारवाद के पूरे सिद्धांत का ही विरोध कर रहीं हैं।

Video: गलत साइड से आ रही युवती ने की सरेराह दबंगई, युवक को लोहे की रॉड से पीटा

दो गाड़ियों में टक्कर होने के बाद एक युवती इतना गुस्सा गई कि उसने एक युवक को लोहे के रॉड से पीटना शुरू कर दिया। लोहे के रॉड से उक्त युवती ने उस युवक के शरीर और सिर पर वार किए। ताबड़तोड़ वार करती जा रही युवती को देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वह गुस्से में यह सब कुछ भूल गई हो कि वो कहाँ है और क्या कर रही है। युवती एसेक्स-4 गाड़ी से थी जबकि युवक सेंट्रो कार पर सवार था। नीचे संलग्न की गई वीडियो में आप युवती द्वारा की गई ज्यादती को देख सकते हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस मामले में युवक की कोई ग़लती नहीं थी लेकिन फिर भी युवती उसकी सरेराह पिटाई करती रही। कई लोग मौक़े पर तमाशबीन बने रहे। चश्मदीदों ने कहा कि युवक सही साइड पर गाड़ी चला रहा था। युवती ग़लत साइड से उसके सामने आ गई और दोनों ही गाड़ियों में भिड़ंत हो गई। गौर करने वाली बात यह है कि पीड़ित युवक उस समय अपने परिवार एवं रिश्तेदारों के साथ था।

इस पिटाई से पीड़ित युवक को शरीर के कई जगहों पर चोटें आई हैं और उसकी गाड़ी को भी नुक़सान पहुँचा है। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है और युवती के ख़िलाफ़ मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया है। पीड़ित युवक ने भी आरोप लगाया कि रॉन्ग साइड लड़की आ रही थी लेकिन फिर भी उसने ही उल्टा पिटाई कर दी। युवती का नाम शीतल वर्मा है, वहीं युवक का नाम नीतीश है।

किसान सम्मान निधि: 5 लाख किसानों के खाते में पहुँचे ₹2-2 हज़ार

खेलगाँव में आयोजित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना समारोह में झारखण्ड सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से पाँच लाख किसानों को ₹2-2 हज़ार दिए। मुख्यमंत्री रघुबर दास ने घोषणा की कि राज्य और केंद्र सरकारें मिलकर आगामी 2-3 माह में ₹5000 करोड़ किसानों के खातों में पहुँचाएँगे।

‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी यह राशि’

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह राशि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य और केंद्र सरकारें किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर काम कर रही है। उन्होंने झारखण्ड सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि जुलाई माह से राज्य के किसानों को इस योजना का भी लाभ मिलने लगेगा।

योजना के अंतर्गत 1-5 एकड़ भूमि वाले किसानों को न्यूनतम ₹5000 से लेकर अधिकतम ₹25000 का लाभ प्राप्त होगा। यानि कि अगर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के ₹6000 और मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के ₹5000-₹25000 को मिला दें तो झारखण्ड के किसानों को कुल ₹11,000-₹31,000 की आय-सहायता (इनकम सपोर्ट) सरकारों से सीधे अपने बैंक खाते में प्राप्त होगी

‘वंशावली के आधार पर भी मिले लाभ’

रघुबर दास ने यह भी कहा कि पहले भूमि रिकॉर्ड न होने से एक बड़ी संख्या में किसान इस योजना के लाभ से वंचित थे। मोदी सरकार ने शपथ ग्रहण के बाद हुई कैबिनेट की पहली ही बैठक में योजना की नियमावली में संशोधन करते हुए वंशावली को भी योजना की पात्रता में शामिल कर दिया। इसके अलावा पहले केवल 2 हेक्टेयर से कम की भूमि वाले किसानों को ही इस योजना का लाभ मिलना था, लेकिन अब हर किसान इस योजना की परिधि में है

चीन-Pak सहित 55 देशों का UNSC में भारत की अस्थायी सदस्यता को समर्थन

एशिया पैसिफिक समूह के सभी 55 देशों ने 2021-22 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की अस्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। इन 55 देशों में पाकिस्तान और चीन भी शामिल है। भारत अगर सदस्यता के लिए चुना जाता है तो यह सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में उसका आठवाँ कार्यकाल होगा क्योंकि इससे पहले 7 बार भारत यूएनएससी का अस्थायी सदस्य रह चुका है। 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में भारत यह उपलब्धि हासिल कर चुका है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने एशिया पैसिफिक देशों का आभार जताया है। यूएनएससी में 15 अस्थायी सीटों के लिए अगले वर्ष जून में चुनाव होना है।

भारत ने हाल ही में कहा था कि संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत आने वाले अधिकतर देश सुरक्षा परिषद में स्थायी व अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने के पक्ष में हैं। सैयद अकबरुद्दीन ने एशिया पैसिफिक राष्ट्र समूह का उदाहरण देते हुए कहा था कि यहाँ 52 में से 2 देश अस्थायी सदस्यता के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। उन्होंने पश्चिमी यूरोपियन देशों का उदाहरण देते हुए कहा था कि वहाँ 25 देश 2 सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा में हैं। इसे जनसँख्या की दृष्टि से देखने की वकालत करते हुए अकबरुद्दीन ने बताया था कि 300 करोड़ से ज्यादा लोगों को सिर्फ़ 2 अस्थायी सीटें मिलेंगी, वो भी बस 2 वर्षों के लिए।

अकबरुद्दीन के अनुसार, दुनिया का कोई भी अन्य क्षेत्र प्रतिनिधित्व के मामले में इतना कमज़ोर नहीं है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में 10 अस्थायी सदस्यों को क्षेत्र के आधार पर चुना जाता है। जैसे, 5 सीटें अफ़्रीकी और अमेरिकी देशों को, 1 पूर्वी यूरोप के देशों को, लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन देशों के लिए 2 और 2 सीटें पश्चिमी यूरोप व अन्य देशों को दी जाती हैं। जो 5 स्थायी सदस्य हैं, वे हैं- अमेरिका, चीन, रूस, फ़्रांस और ब्रिटेन। अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 10 अस्थायी सदस्य हैं- बेल्जियम, Cote d’Ivoire, डोमिनिकन रिपब्लिक, एक्विटोरिअल गिनिया, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू, पोलैंड और दक्षिण अफ्रीका।

भारत लम्बे समय से सुरक्षा परिषद में बदलाव की वकालत करता रहा है और माँग करता रहा है कि उसे यूएनएससी में स्थायी सदस्यता दी जाए। पूर्व केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर ने अपनी पुस्तक में इस बात का ज़िक्र किया था कि भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का ऑफर मिला था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ‘मित्र राष्ट्र’ चीन के लिए इस सीट को क़ुर्बान कर दिया। थरूर ने दावा किया था कि उन्होंने इससे सम्बंधित फाइलें संयुक्त राष्ट्र में देख रखी है। बता दें कि थरूर 1978 से ही संयुक्त राष्ट्र में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे हैं।

इन सबके बावजूद 55 देशों द्वारा अस्थायी सदस्यता के लिए भारत का समर्थन एशिया पैसिफिक क्षेत्र में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का भी विषय है। हालाँकि, अस्थायी सदस्य सुरक्षा परिषद में वीटो का इस्तेमाल नहीं कर सकते। लेकिन, वे किसी मुद्दे को लेकर असहमति जता सकते हैं और अपनी राय रख सकते हैं। विशेषज्ञों ने पाकिस्तान द्वारा भारत का समर्थन करने को भी एक अच्छी शुरुआत बताया। वहीं कुछ लोगों ने कहा कि पाकिस्तान अलग-थलग पड़ने के डर से मजबूरन ऐसा कर रहा है।

बालाकोट एयर स्ट्राइक की प्लानिंग करने वाले अधिकारी को R&AW की कमान

केंद्र सरकार ने देश की गुप्तचर एजेंसियों के नए अध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी है। सामंत गोयल को नया R&AW चीफ बनाया गया है और अरविन्द कुमार को इंटेलिजेंस ब्यूरो का नया डायरेक्टर (DIB) बनाया गया है। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने यह निर्णय लिया है।

सामंत गोयल R&AW में अनिल धसमाना का स्थान लेंगे जबकि अरविन्द कुमार इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख के रूप में राजीव जैन का स्थान लेंगे। जैन और धसमाना को 2016 में नियुक्ति दी गई थी। बाद में उन्हें छः महीने का कार्यकाल विस्तार दिया गया था। 

बताया जा रहा है कि 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में बालाकोट पर की गई एयर स्ट्राइक में सामंत गोयल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सामंत गोयल और अरविन्द कुमार दोनों ही आईपीएस अधिकारी रहे हैं। गोयल ने नब्बे के दशक में पंजाब में आतंकवाद से लड़ने में भी अहम भूमिका निभाई थी। वे लंबे समय तक पंजाब में पोस्टेड रहे हैं जहाँ उन्होंने इंटेलिजेंस और सीमा सुरक्षा का दायित्व संभाला है। वे पाकिस्तान विशेषज्ञ के तौर पर भी जाने जाते हैं। 

अरविन्द कुमार ने इंटेलिजेंस ब्यूरो में लंबे समय तक माओवादी नक्सल समस्या से निपटने में भूमिका निभाई है। उन्हें आईबी में कश्मीर मामलों का विशेषज्ञ भी माना जाता है। मोदी सरकार की नीतियों को कश्मीर में लागू करने में उनका बड़ा योगदान है। कुमार अपने करियर के आरंभ में ही इंटेलिजेंस ब्यूरो में आ गए थे जिसके बाद वे वापस पुलिस सेवा में नहीं गए। 

‘डरा हुआ शांतिदूत’? 50 ऐसी घटनाओं की सूची, जो इस फेक नैरेटिव का पोल खोलती हैं

भारत में मजहब विशेष को ‘डरा हुआ’ साबित करने की कोशिश हो रही है और कहा जा रहा है कि उनके ख़िलाफ़ हेट क्राइम बढ़ गए हैं। यहाँ हम कुछ ऐसी घटनाओं का ज़िक्र करने जा रहे हैं, जिसमें अपराधी के मजहब विशेष से होने की ख़बर आई लेकिन इसे लेकर कोई नैरेटिव गढ़ने की कोशिश नहीं की गई। ऐसी 50 घटनाओं की सूची पूरे विवरण के साथ नीचे इसलिए दिया गया है ताकि इस प्रोपेगेंडा को पनपने और फैलने से पहले ही कुचला जा सके।

नीचे जो 50 घटनाएँ सूचीबद्ध की गईं हैं और उनके आगे तो तारीख या महीना लिखा गया है, वो उस खबर के घटित होने से संबंधित हैं। हालाँकि कुछ खबरों के आगे की तारीख उस घटना की रिपोर्टिंग से संबंधित है।

1. कालीचक दंगे, पश्चिम बंगाल (3 जनवरी 2016)

‘अंजुमन अल्हे सुन्नतउल जमात’ संगठन के बैनर तले 30,000 से लेकर 2.5 लाख दंगाइयों ने 3 जनवरी 2016 को सड़क पर निकल कर आतंक फैलाया। थाने में तोड़फोड़ की गई, सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुँचाया गया और कई गाड़ियों को आग लगा दिया गया। इसमें 30 लोग घायल हुए।

2. धूलागढ़ दंगा, पश्चिम बंगाल (12 दिसंबर 2016)

ईद-ए-मिलाद का जुलूस एक दिन पहले निकाला। ईद 13 दिसंबर को था लेकिन जलूस 12 दिसंबर 2016 को निकाला गया। उस दिन हिन्दू मार्गशीर्ष पूर्णिमा मना रहे थे। जब हिन्दुओं ने ज़ोर से बज रहे लाउडस्पीकर पर आपत्ति जताई तो उनके घरों को जला डाला गया। ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे भी लगे।

3. लव जिहाद: रमा कुमारी ओझा (जनवरी 2018)

एक हिन्दू महिला ने तनवीर अख़्तर ख़ान पर शादी के बाद जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश, प्रताड़ना और धोखाधड़ी के आरोप लगाए। तनवीर पर आरोप लगा कि उसने अपनी हिन्दू पत्नी को धोखे से बीफ खिला दिया और कहा कि अब वो हिन्दू नहीं रही। यह घटना जनवरी 2018 की है।

4. अंकित सक्सेना की हत्या (फरवरी 2018)

फरवरी 2018 में अंकित सक्सेना को उसकी प्रेमिका शहज़ादी के परिवार वालों ने सिर्फ़ इसीलिए मार डाला क्योंकि वो दोनों के रिश्ते से नाराज़ थे। शहज़ादी की माँ ने अपनी स्कूटी से धक्का देकर अंकित को गिराया और फिर शहज़ादी के पिता ने चाक़ू से उनके गले को रेत डाला।

5. दलितों की शवयात्रा से कट्टरपंथियों को दिक्कत (6 मई 2018)

तमिलनाडु स्थित थेनी ज़िले में एक दलित महिला की मृत्यु के बाद उनकी शवयात्रा से कट्टरपंथियों को दिक्कत हो गई। इसके बाद हिंसा भड़क गई। उनका कहना था कि दलितों ने उनकी बस्ती से शवयात्रा क्यों निकाली। दलित हितों के कथित रक्षक इस घटना की तरफ़ आँख मूँदे रहे।

6. ईद में पाकिस्तान के समर्थन वाले नारे (जून 2018)

बिहार के रोहतास में 8 ऐसे युवकों को गिरफ़्तार किया गया, जिन्होंने ईद के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की थी। उन्होंने लाउडस्पीकर पर भड़काऊ चीजें बजाईं, जिसमें पाकिस्तान विरोधियों को मार डालने तक की बात कही गई थी। यह जून 2018 की घटना है।

7. दूसरे समुदाय की प्रेमिका के कारण दलित को मिली मौत (21 जुलाई 2018)

बाड़मेर में एक 22 वर्षीय दलित युवक का हाथ-पाँव बाँध कर इतना पीटा गया कि वह मर गया। उसकी प्रेमिका खास समुदाय से थी, इसी नाराज़गी के कारण समुदाय के लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया। मृतक भील जाति से था और दूसरे समुदाय के परिवार के घर में काम करता था।

8. दलित महिला से छेड़छाड़ (मई 2018)

मई 2018 में यूपी के सिद्धार्थनगर में एक शादी समारोह में भाग ले रही दलित महिला से ‘समुदाय विशेष’ के लोगों ने छेड़छाड़ की और दुर्व्यवहार किया। जब महिला ने आपत्ति जताई तो उन पर हमला कर दिया गया और उनके समर्थन में आने वाले लोगों की भी पिटाई की गई।

9. दलितों को जातिसूचक शब्द से पुकारा, फिर हिंसा (2 जुलाई 2017)

दलित समुदाय से आने वाले सुनील पासवान और दूसरे समुदाय के कुछ लोगों की लड़ाई हो गई। यह अंडे ख़रीदने को लेकर हुई मामूली लड़ाई थी लेकिन सुनील को जातिसूचक अपमानजनक शब्दों से सम्बोधित किया गया। इसके बाद दोनों तरफ़ के लोगों के बीच लड़ाई हुई, जिससे हिंसा भड़क गई।

10. सांप्रदायिक द्वेष का पाठ पढ़ाने वाला मौलवी गिरफ़्तार (26 फरवरी 2018)

‘केरल का ज़ाकिर नाइक’ कहा जाने वाला एमएम अकबर जान क़तर जा रहा था, उसे गिरफ़्तार कर लिया गया। कोच्ची स्थित पीस इंटरनेशनल स्कूल का डायरेक्टर अकबर अपने पाठ्य पुस्तकों के माध्यम से बच्चों को साम्प्रदायिक द्वेष की शिक्षा दे रहा था। मात्र दूसरी कक्षा की पुस्तकों में ‘इस्लाम की जीत क्यों होती है?’ जैसे प्रश्नों को जगह दी गई थी।

11. कट्टरपंथियों तोड़ी हनुमान जी की मूर्ति, दावा ‘अल्लाह’ का फ़रमान है (जनवरी 2019)

जनवरी 2019, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश में एक ‘दिमागी रूप से विक्षिप्त’ युवक ने हनुमान मंदिर का ताला तोड़कर हनुमान जी की मूर्ति को मंदिर से बाहर फेंककर विखंडित कर दिया। इसके बाद वहीं नमाज अदा कर, ‘अल्लाह हु अक़बर’ जैसे नारे लगाए। बाद में लोगों ने उसे ऐसा करते हुए देखा तो कथित तौर पर धुनाई कर दी उसकी, हालाँकि, बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया।

12. दलितों के साथ झड़प, आगरा (फरवरी 2019)

फरवरी 2019 में, एक दलित लड़का RO प्लांट से एक बाल्टी पानी लेने निकलता है। लौटते समय, उसकी शाहरुख़ और सलमान से झड़प होती है। इसके बाद सैकड़ो कट्टरपंथी एकजुट हो दलितों के घरों पर हमला कर देते है। जिससे दलितों और दूसरे समुदाय वालों के बीच सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी, जिसमें पत्थरबाजी के साथ, लगभग 6 राउंड फायरिंग भी की गई, जिसमें कई लोग घायल हुए।

13. तमिलनाडु में हिन्दुओं का धर्मान्तरण रोकने वाला कार्यकर्त्ता मार डाला गया (फरवरी 2019)

तमिलनाडु के तंजावुर के कुम्भकोणम में PMK (Pattali Makkal Katchi) नेता 42 वर्षीय रामालिंगम की हत्या कर दी गई। इस बर्बरतापूर्ण हत्या में रामलिंगम के रात में घर लौटते वक़्त कुछ अज्ञात लोगों ने उसके हाथ काट दिए जिससे अत्यधिक रक्स्राव से रामालिंगम की मृत्यु हो गई। घटना की वजह थी धर्मान्तरण का विरोध।

14. उत्तर प्रदेश में, होली पर सांप्रदायिक टकराव (मार्च 2019)

पीलीभीत, उत्तर प्रदेश में जयप्रकाश नामक व्यक्ति द्वारा होली खेलते समय दूसरे मजहब के कुछ लोगों पर रंग पड़ जाने की वजह से सांप्रदायिक तनाव भड़क गया। इस मामले में साबिर अली और शाकिर अली को सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए गिरफ्तार किया गया। साथ ही, होली पर ही, जहानाबाद पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले, कुकरी खेरा गाँव में एक व्यक्ति की मौत और कई घायल हुए थे।

15. यौन शोषण के खिलाफ विरोध कर रहे दलितों पर रहमत अली व गैंग का हमला (अप्रैल 2019)

स्थान- देवरिया, कुछ दलित समुदाय के लोग, अपने समुदाय की एक लड़की का रहमत अली द्वारा किए गए यौन शोषण के प्रयास का विरोध कर रहे थे। दलित लड़की के परिवार के विरोध के कारण रहमत अपने समुदाय के कई लोगों को लेकर दलित बस्ती में गया। इस उन्मादी भीड़ ने लड़की के परिवार की अन्य महिलाओं, बच्चों को बुरी तरह तो पीटा ही, इसके साथ, मजहबी भीड़ ने अम्बेदकर की मूर्ति भी तोड़ डाली।

16. उत्तर प्रदेश में, हिन्दू व्यक्ति से शादी करने के कारण दूसरे समुदाय युवक ने अपनी बहन को मार डाला (मई 2019)

मई 2019, करुआ शाहबगंज गाँव, जिला बरेली, उत्तर प्रदेश में नरगिस से मोहिनी बनी 19 साल की लड़की ने हिन्दू व्यक्ति राम किशोर से प्रेम विवाह किया था। इसमें नरगिस के परिवार वालों ने नरगिस को तो मार ही डाला, साथ ही किशोर को भी मरा जान छोड़ गए जिसे बाद हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पड़ा।

17. कर्नाटक, गर्भवती महिला को हिन्दू युवक से विवाह करने के कारण ज़िंदा जला दिया गया (जून 2017)

स्थान- गुंडाकनाला गाँव, जिला बीजापुर, कर्नाटक में 21 वर्षीय गर्भवती युवती बानू बेगम को अपने मज़हब से बाहर एक हिन्दू युवक से विवाह करने के कारण उसके परिवार ने ज़िंदा जला दिया।

18. हिन्दू लड़का- दमुदय विशेष की लड़की, प्रेम प्रसंग में, लड़की के परिवार ने मार डाला (नवम्बर 27, 2017)

स्थान- पश्चिम चम्पारण, बिहार, दूसरे समुदाय की युवती के परिवार के चार लोगों ने मिलकर दोनों को मार डाला। मामले में पुलिस ने लड़की के भाई अलाउद्दीन अंसारी के साथ उसके दोनों अंकल गुलसनोवर और अंसारी मिंया को गिरफ्तार किया।

19. भारी हथियारों के साथ मजहबी भीड़ ने हिन्दू व्यक्ति पर हमला किया (जुलाई 2018)

स्थान- संजेली गाँव, गुजरात का दाहोद जिला, लगभग 200 लोगों की उन्मादी मजहबी भीड़ ने हिन्दू लड़के के मकान पर हमला कर दिया। इस भीड़ ने जमकर लूटपाट की, लड़के के पड़ोसी की बाइक जला दी, साथ ही, आगजनी, तोड़फोड़, पत्थरबाजी के साथ जमकर उत्पात मचाया।

20. मजहबी भीड़ ने, युवती से बात करने के कारण हिन्दू लड़के पर हमला कर दिया (जुलाई 2018)

स्थान- फरंगीपेट, बंटवाल कर्नाटक, मजहबी भीड़ ने सुरेश नामक हिन्दू लड़के पर इसलिए हमला कर दिया कि उसने महज एक युवती से बात कर ली थी।

21. हिन्दू द्वारा अपने मित्र को बचाने का प्रयास करने पर इलाके में साम्प्रदायिक तनाव (जून 2018)

उत्तर प्रदेश के खतौली के गाँव खानजहाँपुर में जून 2018 में एक दिन कारोबार को लेकर अरशद और नाजिम के बीच मारपीट हो गई। नाजिम के दोस्त विकास ने मारपीट के दौरान नाजिम को छुड़ानेकी कोशिश की। इसके बाद जब एक दिन विकास और उसका भाई प्रवीण अपने घर में बैठे हुए थे, अरशद अपने साथ बिलाल, मुन्ना, उस्मान, जावेद आदि दर्जनों लोगों को लेकर वहाँ पहुँचा और दोनों को पीटने लगा। यही नहीं, समुदाय के लोगों ने विकास के परिवार की महिलाओं के साथ भी अभद्रता की।

22. अपनी बेटी के यौन उत्पीड़न का विरोध करने पर युवक ने जान से मारा (अक्टूबर 2018)

उत्तर प्रदेश के गोंडा में 3 युवकों द्वारा एक 50 साल के आदमी की पिटाई की गई। उन्होंने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया। शाह मुहम्मद, दोस्त मुहम्मद और यार मुहम्मद ने उनकी बच्ची से कटरा बाजार में शौच जाते समय छेड़छाड़ की। पिता ने जब विरोध किया तो इन युवकों ने उनकी जान ले ली।

23. मजहबी भीड़ द्वारा आरएसएस कार्यकर्ता की शवयात्रा पर पथराव (जुलाई 2017)

जानलेवा हमले में घायल होने के बाद एक निजी अस्पताल में दम तोड़ने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 28 वर्षीय कार्यकर्ता शरत मडिवाल की शवयात्रा पर पथराव किया गया था। इस पत्थरबाजी के लिए मेंगलूरु के भूतपूर्व मेयर के. अशरफ़, सुहैल खड़क, अशरफ किन्नार कुदरौली, सीएम मुतप्पा, मुहम्मद हनीफ़, मीद कुदरौली और नौशाद बंदारू को गिरफ्तार किया गया और उन पर दंगे करने और संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के भी आरोप दर्ज किए गए थे।

24. ‘उनके इलाके’ से गुजरने के कारण काँवड़ियों पर कट्टरपंथियों ने किया पथराव (जुलाई 2017)

उत्तर प्रदेश में बरेली जिले के अलीगंज थाना के खैरम गाँव के कट्टरपंथियों ने काँवड़ यात्रा पर इस वजह से पत्थरबाजी की क्योंकि वो काँवड़िए ‘उनके इलाके’ से गुजर रहे थे। इस रास्ते को लेकर पत्थरबाजी करने वाले लोगों का कहना था कि यह रास्ता उनका है और इससे किसी को गुजरने नहीं दिया जा सकता है।

25. हिंदू लड़के से प्यार करने पर लड़की को पेड़ से बाँध कर पीटा (सितंबर 2018)

बिहार के नवादा जिले के जोगिया मारण गाँव के मोहम्मद फरीद अंसारी की 18 वर्षीय बेटी को एक हिंदू लड़के से प्यार हो गया। परिवारवालों ने लड़की की जमकर पिटाई की और उसे पाँच घंटों तक पेड़ से बाँध कर रखा। इसके बाद पीड़िता अपने प्रेमी रुपेश कुमार के साथ भाग गई और उसके साथ रहने लगी।

26. महिला को एक हिन्दू से सम्बन्ध रखने के कारण उसके भाई और पिता ने मार दिया (अगस्त 2018)

पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले में एक महिला को उसके पिता और भाई द्वारा एक हिन्दू युवक से रिश्ता रखने के कारण मार दिया गया था। इन दोनों ने पकड़े जाने पर बताया था कि उन्होंने महिला को बिहार के जमालपुर ले जाते समय एक चलती हुई गाड़ी में रस्सी से गला घोंट कर मार दिया था और इसके बाद उसके चेहरे को पत्थर से कुचलकर किसी खेत में दफना दिया था।

27. महिला पर पड़ोसी से अफेयर के शक में भाइयों ने डाला एसिड, नहर में फेंका (मई 2019)

बुलंदशहर के गुलावठी स्थित रामनगर की रहने वाली सलमा के दो भाई, इरफ़ान और रिजवान ने अपनी बहन सलमा को पड़ोसी से अफेयर होने के संदेह में कार से ले जाकर पहले उसका गला दबाया, इसके बाद चेहरे पर तेजाब डाल दिया और कोट नहर में डालकर फरार हो गए थे। नहर में फेंके जाने के 12 घंटे तक युवती दर्द से तड़पती रही। तेज़ाब से हमले के कारण सलमा की स्वाँस नाली तक प्रभावित हो गई थी।

28. मध्य प्रदेश में एक दलित की शादी में किया हमला (मई 2019)

गत माह, मध्य प्रदेश के देवस जिले में स्थानीय लोगों ने एक दलित की बारात पर तब हमला कर दिया जब वह एक मस्जिद के सामने से गुजर रही थी। इसमें धर्मेंद्र सिंधे नामक एक व्यक्ति की मौत हुई थी और काफी लोग घायल हो गए थे। उनका कहना था कि बरात मस्जिद के पास गाने बजा रही थी।

29. अंत्येष्टि कर लौट रहे हिन्दुओं पर पथराव (जून, 2019)

झारखण्ड में कट्टरपंथियों के एक गुट ने अंतिम संस्कार करने के बाद लौट रहे हिन्दुओं पर पथराव कर दिया। हमले में कई लोगों को चोटें आई हैं। शवयात्रा के दौरान शोक का बाजा बजाए जाने को लेकर हुई इस झड़प के बाद पुलिस को कैम्पिंग करनी पड़ी है।

30. नाबालिग बेटी के अपहरण का आरोप लगाने पर सफ़ायत हुसैन ने गंगाराम को पीटकर मार डाला (जून, 2019)

उत्तर प्रदेश के दिलारी में बुधवार, 19 जून को एक 54 वर्षीय व्यक्ति गंगाराम की मजहबी भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी, क्योंकि उसने अपनी बेटी के अपहरण की शिक़ायत पुलिस से की थी। गंगाराम ने अपनी बेटी के अपहरण का आरोप दूसरे समुदाय के पड़ोसी के बेटे पर लगाया था। हालाँकि, बाद में पता चला कि नदीम नाम के एक अन्य व्यक्ति द्वारा नाबालिग लड़की का अपहरण किया गया था।

31. मेरठ में लव जिहाद (मई 2019)

4 मई 2019 को नाबालिग लता (बदला हुआ नाम) अपने घर से लापता हो जाती है। पुलिस की खोजबीन से पता चला कि लता को अगवा करके पहले देवबंद में उसका धर्म परिवर्तन कराया गया फिर जबरन निकाह। पुलिस के डर से हैदराबाद-मुंबई-चंडीगढ़ ले जाया गया। आरोपित को उसके भाई और एक अन्य रिश्तेदार के साथ पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।

32. पुलिस स्टेशन पर हमला (जून 2019)

इमरान पर एक पुलिस ऑफिसर की बेटी के संग लव जिहाद और अपहरण का आरोप। पुलिस उसे गिरफ्तार करती है। कानूनन तो कोर्ट फैसला सुनाती है लेकिन इमरान के परिवार वालों को यह मंजूर नहीं। इसलिए वो लोग 500 की भीड़ के साथ थाने पर हमला बोलते हैं और तुरंत रिहा करने के लिए बवाल मचाते हैं।

33. मेरठ में लव जिहाद (दिसंबर 2017)

अमर नाम के एक लड़के ने एक हिंदू लड़की से दोस्ती की। लेकिन लड़की को उसके असली नाम अमिरुद्दीन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। दोस्ती के नाम पर ये दोनों साथ में सिनेमा देखने गए जहाँ अमिरुद्दीन का दोस्त वसीम भी था और दोनों ने सिनेमा हॉल में ही लड़की का गैंगरेप किया।

34. 2 हिन्दू बहनों का जबरन धर्मांतरण (अप्रैल 2019)

दो हिंदू बहनें, जिनमें एक नाबालिग। दोनों को प्रेम जाल में फँसाया गया। फिर बाप-माँ-भाई को मार डालने की धमकी दी गई, एसिड से जला डालने का डर दिखाया गया। धर्म परिवर्तित कराया गया। कोलकाता में दोनों का निकाह मजहब के मर्दों के साथ कर दी गई। पुलिस ने नाबालिग लड़की को खोज निकाला लेकिन बड़ी बहन अब तक गायब।

35. पश्चिम बंगाल में लव जिहाद और हत्या (जुलाई 2018)

शुभलोग्ना चक्रवर्ती को सुल्तान से प्रेम था। लेकिन सुल्तान ने अपने मजहब को छिपाए रखा था। जब पता चला तो कोर्ट में होने वाली शादी कैंसल कर दिया शुभलोग्ना और उसके परिवार वालों ने। सुल्तान को गुस्सा आ गया और उसने शुभलोग्ना को गोली मार दी।

36. कोयंबटूर में लव जिहाद, लड़की ने की आत्महत्या (अप्रैल 2019)

आश्विनी गंगा ने आत्महत्या कर लिया क्योंकि जाफर नाम का एक दोस्त उसको धर्म परिवर्तित करने के लिए दबाव बना रहा था। आश्विनी ने जब उसके फोन या मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया तो वो उसके घर आ गया और उसे परिवार वालों के नाम पर भी धमकाया। परिवार वालों को सुरक्षित रखने के लिए आश्विनी ने अपनी जिंदगी का अंत कर लिया।

37. मेरठ में लव जिहाद, दलित महिला से गैंग-रेप (दिसंबर 2017)

इकबाल का बेटा बिट्टू एक दलित लड़की से दोस्ती करता है और उसे धर्मांतरण को कहता है। मना करने पर अपने दोस्तों संग उसको अगवा करता है, 7 दिनों तक उसका गैंग-रेप करता है। विडियो भी बनाता है। बहुत कोशिशों के बाद पुलिस जब उसे खोज निकालती है, तो वो एक सुनसान सड़क पर बदहवास चले जा रही थी।

38. हत्या क्योंकि… मजहब विशेष में निकाह लेकिन धर्म-परिवर्तन से इनकार (अगस्त 2018)

संजय ने रुख्सार से शादी तो की लेकिन खुद इस्लाम अपनाने को तैयार नहीं हुआ। नतीजा हुआ कि उसकी लाश मिली तो जरूर लेकिन उसका गुदा-द्वार गायब था, लिंग कटा हुआ था, आँखें निकाल ली गई थीं, दाँत तोड़ दिए गए थे, जहाँ पर ओम का टैटू बना था, वहाँ की चमड़ी नोच ली गई थी। इतने के बावजूद रुख्सार की माँ खुश थी क्योंकि उसकी बेटी को मरने के बाद अब दफनाने के बजाय जलाया नहीं जाएगा।

39. उत्तर प्रदेश में साधु की हत्या (सितंबर 2018)

6 लोगों की हत्या, जिनमें 3 साधु। और यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार। एटा के पूर्व कॉन्सिलर सबीर अली ने लाइम लाइट में आने और अपने विरोधियों को फँसाने का प्लान तो अच्छा बनाया था लेकिन उसका बेटा नदीम और उसके तीन दोस्त इरफान, सलमान व यासीन पहुँच गए जेल।

40. गौहत्या का विरोध करने के कारण 2 साधुओं की मंदिर के अंदर निर्मम हत्या (अगस्त 2018)

साधु लज्जा राम यादव और हरभजन को गौहत्या के विरोध की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। औरइया जिले के भयानक नाथ मंदिर में इन दोनों की छत-विछत लाश मिली थी, जबकि तीसरे साधु राम शरण को नाजुक हालत में अस्पताल ले जाया गया। हत्या वाली रात कुछ लोगों ने जबरन मंदिर में घुस कर इन पर अटैक किया था।

41. लव जिहाद, वड़ोदरा (जून 2019)

19 साल के तौसीफ इमरान ने 14 साल की दसवीं की छात्रा के साथ लगातार बलात्कार किया और उसकी वीडियो बना ली। साथ ही, उसने उसे कई बार मजहबी स्थानों पर ले जाकर मतपरिवर्तन कराने की भी कोशिश की। इससे पहले भी तौसीफ एक नाबालिग को छेड़ने के आरोप में पकड़ा गया था।

42. इमरान ने दिल्ली में गाय बस इसलिए काटी कि साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो (जून 2019)

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इमरान को हाल ही में गिरफ्तार किया और उसने स्वीकारा कि होली के दिन उसने अपने दोस्तों, परवेज, लुकमान और इन्साअल्लाहुम के साथ मिल कर हर्ष विहार इलाके में गाय काटी ताकि दो समुदायों में झगड़े हों।

43. बेगूसराय में हिन्दू परिवार पर किया हमला, जबरन घर बेचवाया  (जून 2019)

बेगूसराय के नूरपुर इलाके में मजहबी भीड़ ने एक महादलित समुदाय के परिवार पर न सिर्फ हमला किया बल्कि उनकी दो औरतों के साथ यौन हिंसा भी की, और एक व्यक्ति को जान से मारने की कोशिश की। भीड़ ने कहा कि ‘बजरंग दल वाले भी तुम्हारी रक्षा नहीं करेंगे’।

44. नमाज के लिए देर होने पर मजहबी भीड़ ने पेट्रोल पंप कर्मचारियों को पीटा और तोड़-फोड़ की  (जून 2019)

मुंबई के मलाड इलाक़े में पुलिस ने भीड़ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और जाहिद, जावेद, फिरोज, सिराज और अब्दुल को गिरफ्तार किया। सचदेवा पेट्रोल पंप पर दो लड़के बाइक से आए और लाइन तोड़ कर पेट्रोल लेने की जिद की। थोड़ी देर बाद वो दोनों करीब बीस लोगों की भीड़ लेकर आए, स्टाफ को पीटा और 35,000 रूपए की लूट के साथ पंप को तहस-नहस कर दिया।

45. बजरंग दल पर कट्टरपंथियों ने किया हमला, पुलिस पर किया अटैक और अभियुक्तों को भागने में की मदद  (जून 2019)

उत्तर प्रदेश के शामली इलाके में मोमो को लेकर हुए विवाद में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर युवकों ने हमला किया। हिमांशु और हर्ष को साजिद, आबिद और तौफीक ने बुरी तरह से पीटा। साथ ही, जब पुलिस इन्हें पकड़ने पहुँची तो एक मजहबी भीड़ ने पुलिस पर ही हमला कर दिया और उन्हें भागने में मदद की।

46. मथुरा में मजहबी भीड़ ने लस्सी विक्रेता को काफिर कहते हुए जान से मार डाला (मई2019)

बुर्काधारी महिला ने चौक बाजार इलाके में दो हिन्दू भाइयों, पंकज और भरत यादव, की लस्सी की दुकान पर एक मजहबी भीड़ को बुलाकर उन्हें इतना पिटवाया, कि एक भाई की मौत हो गई। इस की जड़ में किसी बात पर हुई बाता-बाती भर थी।

47. मजहबी भीड़ ने मंदिर में तोड़फोड़ की क्योंकि वहाँ लाउडस्पीकर पर भजन होता था (जून 2019)

पीलीभीत के रोहन्या गाँव में ईद के दौरान कुछ लोगों ने वहाँ के मंदिर में तोड़फोड़ की। साथ ही, महबूब, मोनिस, इजरायल, आजाद, और अलानूर के साथ की भीड़ ने मंदिर की मूर्तियाँ भी फेंक दीं, लाउडस्पीकर के तार काट दिए और पुजारी को पीटा।

48. झारखंड में गौहत्या पर विरोध जताने पर पुलिस को मजहबी भीड़ ने पीटा (अगस्त 2018)

राँची के बड़गाई इलाके में जब तक पुलिस आती गाय काटी जा चुकी थी। पुलिस ने जब गोमांस के गैरकानूनी होने को लेकर विरोध जताया तो मजहबी भीड़ ने बम फेंका। पुलिस ने बशीर अंसारी को जब गिरफ्तार किया तो गाँव की भीड़ ने पुलिस को घेर लिया, पत्थरों से मारा और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की।

49. कर्नाटक में गैरकानूनी गाय काटने वाला कसाईखाना चलाने वाले ने पत्रकार पर हमला किया (अगस्त 2018)

कर्नाटक के रामनगर जिले के इस कसाईखाने में हर दिन लगभग दो सौ गोवंश काटे जाते थे। पुलिस और एनिमल एक्टिविस्ट ने जब यहाँ छापा मारा तो सर, आँत, हड्डियाँ आदि मिलीं। छापे की खबर सुन कर इलाके में मजहबी भीड़ जमा हो गई और इंडिया टुडे के एक पत्रकार को पीटा। साथ ही एक्टिविस्टों पर पत्थरबाजी भी की। गाजीपीर, खासी, सईद, मुबारक, नूर, इम्तिया और तबरेज नाम के गुंडो को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

50. लव जिहाद, बोकारो (नवम्बर 2017)

झारखंड के बोकारो जिले में एक हिन्दू महिला का बलात्कार हुआ और बाद में उसके ससुराल वालों ने उसकी हत्या कर दी जब उसने धर्म बदलने से मना कर दिया। गरना नदी से जब उसकी हाथ बँधी लाश मिली तो पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के अनुसार पहले उसका बलात्कार हुआ था, फिर हत्या की गई। पति आदिल अंसारी ने पुलिस को सारी बातें बताईं।

‘…अगर मुस्लिम गटर में हैं तो आरक्षण देकर उन्हें वहाँ से बाहर निकालना चाहिए’ – असदुद्दीन ओवैसी

ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि अगर देश के मुस्लिम गटर में हैं तो उन्हें वहाँ से निकालना चाहिए। ओवैसी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं चाहते कि मुस्लिम मुख्यधारा में आएँ। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि लोकसभा में 300 भाजपा सांसदों में से एक भी मुस्लिम नहीं है। 

प्रधानमंत्री के लोकसभा में दिए गए बयान पर बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि अगर मुस्लिम गटर (नाली) में हैं तो उन्हें वहाँ से बाहर निकालना चाहिए, और इसके लिए मुस्लिमों को आरक्षण मिलना चाहिए। 

‘नाली’ शब्द सबसे पहले अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रयोग किया था। हालाँकि लोकसभा अध्यक्ष ने इसे रिकॉर्ड से हटा दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कॉन्ग्रेस को याद दिलाया था कि कॉन्ग्रेस के ही मंत्री ने शाहबानो केस के समय कहा था कि यदि मुस्लिम गटर (नाली) में पड़े रहना चाहते हैं तो उन्हें वहीं रहने दो। 

ओवैसी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को शाहबानो याद है लेकिन तबरेज़ अंसारी, अख़लाक़, पहलू खान क्यों नहीं याद आते? क्या प्रधानमंत्री को याद नहीं है कि उनके मंत्री ने अलीमुद्दीन अंसारी के हत्यारे को माला पहनाई थी? 

ओवैसी ने अपने बयान में नरसिम्हा राव को भी घसीटा। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ‘बाबरी मस्जिद’ गिराने के दोषी थे, प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने कुछ नहीं किया, अब नरेंद्र मोदी भी उसी विचारधारा पर चल रहे हैं।  

इमरान ने नेहा से किया था प्रेम-निकाह, कज़न के साथ फोटो देखी तो कर दी हत्या

उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं का आना लगातार ज़ारी है। ताज़ा घटना यूपी के मुरादाबाद की है। कटघर क्षेत्र के ताजपुर माफ़ी में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को सिर्फ़ इसीलिए मार डाला क्योंकि उसे शक था कि वह किसी और से बात करती है। इसके बाद आरोपित ने ख़ुद ही पुलिस को कॉल कर इस घटना की जानकारी दी। पुलिस ने इस घटना के सम्बन्ध में दहेज़ हत्या का मामला दर्ज किया है। आरोपित इमरान को हिरासत में ले लिया गया है। मारी गई युवती का नाम नेहा है। उसके पिता हनीफ लाजपतनगर चौकी के अंतर्गत आने वाले हयातनगर मोहल्ला में बर्तनों पर पॉलिश का काम करते हैं।

नेहा का छजलैट थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सीतापुर गाँव निवासी इमरान से प्रेम विवाह हुआ था। इमरान किराए के घर में रहता था और वह कॉर्पोरेटर का काम किया करता था। इमरान और नेहा की ढाई साल की बेटी उमेरा भी थी। रात को 11 बजे इमरान ने अपनी पति नेहा और उसके दूर के भाई नाज़िम के साथ एक फोटो व्हाट्सप्प पर देखी, जिसके बाद दोनों में विवाद हो गया। रात के क़रीब 2 बजे इमरान ने अपने ससुर को कॉल कर इस बात की जानकारी दी। दामाद की आपत्ति सुन कर ससुर ने सुबह आने का आश्वासन भी दिया। पोस्टमॉर्टम में मुँह एवं गला दबा कर हत्या की बात साबित हुई है।

लेकिन, इमरान ने तड़के 4 बजे अपनी बीवी की हत्या कर दी। इसके बाद उसने पुलिस को कॉल कर घटना की जानकारी दी और अपना लोकेशन भी बताया। पूछताछ में इमरान ने बताया कि दूर के भाई नाज़िम की नज़र हमेशा उसकी बीवी पर रहती थी। बकौल इमरान, जब वह रमजान से 15 दिन पहले कश्मीर चला गया था, तब नेहा और नाज़िम के बीच नज़दीकियाँ बढ़ गईं। नेहा को मायके या शहर जहाँ भी आना होता था, नाज़िम ही उसके साथ होता था। इमरान जब रमजान के बाद घर लौटा तो उसे नेहा की गतिविधियों पर संदेह हुआ और जब उसने व्हाट्सप्प पर दोनों की फोटो देखी तो भड़क उठा।

पाँच साल पहले दोनों का निकाह हुआ था। दोनों के बीच पढ़ाई के दौरान ही प्रेम सम्बन्ध स्थापित हो गए थे। शादी के 1 साल बाद से ही उसने दहेज़ को लेकर नेहा को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। वह उसे मायके से 5 लाख रुपए माँगने को कहता था, ताकि कोई कारोबार शुरू कर सके। 2016 में प्रताड़ना से तंग आकर नेहा मायके में आकर रहने लगी थी। जब इमरान ने लिखित शपथपत्र दिया, तब पंचायत के हस्तक्षेप के पास मामले को सुलझाया गया।

नेहा की माँ साजिदा ने कहा कि अगर उसे जरा भी भनक होती कि इमरान ऐसा करने वाला है तो वह रात को ही अपनी बेटी के यहाँ पहुँच जाती। पुलिस ने घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम से साक्ष्य इकट्ठे करवाए। सोमवार (जून 24, 2019) को जब इमरान और नेहा में विवाद हुआ, तब भी नेहा ने कॉल कर के नाज़िम को बुलाया था। नाज़िम कुछ देर रुकने के बाद लौट गया। इस बात से इमरान और ज्यादा भड़क गया था। कहा जा रहा है कि तभी उसने अपनी पत्नी को मारने की योजना बना ली थी।

बंगाल में सड़क पर सैंकड़ों लोगों ने पढ़ी हनुमान चालीसा: कहा – ‘वो भी तो सड़कों पर नमाज़ पढ़ते हैं’

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस और भाजपा के बीच की रस्साकशी में नए-नए मोड़ आ रहे हैं। अब भाजपा ने सड़क पर नमाज़ पढ़ने के ख़िलाफ़ आंदोलन तेज़ कर दिया है। मंगलवार (जून 26, 2019) को भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ कर अपना विरोध दर्ज कराया। भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या से आक्रोशित लोगों ने बीच सड़क पर गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा का पाठ किया। यह घटना हावड़ा के बाली खाल की है। हावड़ा भाजयुमो के जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश और प्रियंका शर्मा के नेतृत्व में हुए इस कार्यक्रम में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर भाजपा युवा मोर्चा के नेता ओपी शर्मा ने कहा कि ममता बनर्जी के शासनकाल में हमनें ग्रैंड ट्रंक रोड व अन्य महत्वपूर्ण सड़कों को नमाज़ के लिए बंद किए जाते देखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हर शुक्रवार को सिर्फ़ नमाज़ के कारण बंगाल की इन महत्वपूर्ण सड़कों पर आवागमन रोक दिया जाता है, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे मरीजों को अस्पताल पहुँचने में देरी होती है और लोग समय पर ऑफिस भी नहीं पहुँच पाते। शर्मा ने घोषणा करते हुए कहा कि अब हर मंगलवार इसी तरह सड़क पर बैठ कर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।

ओपी शर्मा ने पूछा कि अगर एक मज़हब के लोग शुक्रवार को सड़कों पर बैठ कर नमाज़ पढ़ सकते हैं तो दूसरे धर्म के लोग मंगलवार को सड़कों पर बैठ कर हनुमान चालीसा का पाठ क्यों नहीं कर सकते? उन्होंने कहा कि अब ये कार्यक्रम हावड़ा में विभिन्न जगहों पर हर मंगलवार होगा। बता दें कि मुस्लिमों के तुष्टिकरण के मुद्दे पर भाजपा ने ममता को हमेशा से निशाने पर रखा है। भाजपा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को बसा कर एक ‘पश्चिमी बांग्लादेश’ का निर्माण करना चाहती हैं।

वहीं तृणमूल ने आरोप लगाया कि भाजपा अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए एनआरसी बिल लेकर आई है। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ममता बंगाल और बांग्लादेश को मिला कर एक ‘पश्चिम बांग्लादेश’ बनाना चाहती हैं। उन्होंने ममता पर बंगाल को भारत से अलग करने की साज़िश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ‘जय श्री राम’ में कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि वो भगवान राम ही थे, जिन्होंने न्याय और क़ानून व्यवस्था का पाठ पढ़ाया, जिसकी आज राज्य में ज़रूरत भी है। घोष ने ‘जय बांग्ला’ को बांग्लादेश से आयातित नारा बताया।

उधर दूसरी तरफ़ एक अन्य भाजपा नेता सायंतन बसु ने पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की तरह ‘एनकाउंटर मॉडल’ अपनाने की ज़रूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अगर अपराधी बांग्लादेश भागते हैं तो उनका एनकाउंटर कर दिया जाना चाहिए। इसके जवाब में तृणमूल ने कहा कि जब उत्तर प्रदेश क़ानून व्यवस्था के मामले में ख़ुद बदहाल स्थिति में है तो वहाँ का मॉडल किसी अन्य राज्य में क्यों अपनाया जाए? पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिल कर बंगाल की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है।